कैदियों से मिलने नहीं जाना पड़ेगा जेल, अब कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी बात Ranchi News
Jharkhand. राज्य के सभी जेल प्रज्ञा केंद्र से जुड़ गए हैं। ई-मुलाकात का ट्रायल भी पूरा हो गया है। अब मुख्यमंत्री से इसकी शुरुआत कराने की तैयारी हो रही है।
रांची, राज्य ब्यूरो। E Mulaqat - स्वतंत्रता दिवस के पूर्व ई-मुलाकात सिस्टम को धरातल पर उतारने की तैयारी है। राज्य के लगभग सभी प्रज्ञा केंद्रों को जेलों से जोड़ा गया है ताकि जो कैदी जहां का रहने वाला है, वहां के परिजन उससे ऑनलाइन ई-मुलाकात कर सकें। पूरी व्यवस्था जैप आइटी की देखरेख में की गई है। इसकी विधिवत शुरुआत मुख्यमंत्री रघुवर दास के हाथों कराने की तैयारी है। जेल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार आधार कार्ड के माध्यम से कैदियों से बातचीत की तिथि व समय तय होगा।
इसके बाद किसी भी कैदी के परिजन प्रज्ञा केंद्र में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपनों से ई-मुलाकात करेंगे। झारखंड पिछले दस साल से इस व्यवस्था के लिए प्रयासरत था। वर्ष 2009-10 में इसका ट्रायल हुआ था, लेकिन तकनीकी खामियों के चलते एक महीने बाद ही रुक गया था। जैप आइटी को इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने का टास्क मिला था। जैप आइटी के प्रयास से अब यह व्यवस्था शुरू होगी। जेलों में बंद कैदियों के परिजनों को उनसे मिलने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। गांव के समीप प्रखंड या पंचायत मुख्यालय स्थित प्रज्ञा केंद्र में बैठकर भी कंप्यूटर के स्क्रीन पर वे आसानी से आमने-सामने बात कर सकेंगे। इसका नाम दिया गया है ई-मुलाकात।
ऐसे काम करेगा ई-मुलाकात सिस्टम
ई-मुलाकात के लिए कैदियों के परिजन को प्रज्ञा केंद्र में अपने कैदी का ब्योरा देना होगा। एक फार्म भरना होगा, जिसमें परिजन का आधार कार्ड अपलोड होगा। जिस लिंक पर सबकुछ अपलोड होगा, वह जेल से कनेक्टेड होगा। जेल में उक्त कैदी को उसके परिजन का डिटेल्स दिखाया जाएगा। कैदी अगर स्वीकृति देगा, तब उन्हें समय दिया जाएगा। सिर्फ 15 मिनट का एक टाइम स्लॉट होगा। इस स्लॉट के एवज में परिजन को 30 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
ई-मुलाकात के फायदे
कैदी व उसके परिजनों की सुरक्षा संबंधित दिक्कतें नहीं आएंगी। विधि-व्यवस्था संबंधित दिक्कतों से बचा जा सकेगा। परिजन को भी समय व वाहन किराए से मुक्ति मिल जाएगी। मिलने के बहाने जेल में पहुंचने वाली आपत्तिजनक वस्तुएं जेल तक नहीं पहुंचेंगी।