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जानिए, सीएम को सड़क पर उतर क्‍यों सिखाना पड़ रहा सिविक सेंस

सीएम देर रात शहर में निकलकर मुख्य सड़कों का जायजा लेते हैं। उनकी यह सक्रियता अफसरों को नागवार गुजर रही है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Fri, 01 Dec 2017 05:46 PM (IST)Updated: Fri, 01 Dec 2017 06:26 PM (IST)
जानिए, सीएम को सड़क पर उतर क्‍यों सिखाना पड़ रहा सिविक सेंस
जानिए, सीएम को सड़क पर उतर क्‍यों सिखाना पड़ रहा सिविक सेंस

प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास की सक्रियता इन दिनों राजधानी रांची के लोगों को सिविक सेंस सिखाने पर है। रांची की चरमराई यातायात व्यवस्था को दुरुस्‍त करने के लिए वे लगातार बैठकें कर रहे हैं।

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देर रात शहर में निकलकर मुख्य सड़कों का जायजा लेते हैं। उनकी यह सक्रियता सर्द भरी रात में अफसरों को नागवार गुजर रही है। झारखंड हाई कोर्ट ने जहां ट्रैफिक को सुगम बनाने के मुख्यमंत्री के प्रयास की सराहना की है, वहीं विरोधी दल उनकी इस मुहिम में भी राजनीति देख रहे हैं। वे रोजाना ताना मारने से नहीं चूकते लेकिन मुख्यमंत्री ने ठान लिया है कि लाख विरोध हो लेकिन वे अपना अभियान छोडऩे वाले नहीं हैं। उन्हें इस बात का यकीन है कि उनकी पहल से राजधानी रांची के सड़कों की हालत सुधरेगी। ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त होगी।

मुख्यमंत्री की यह पहल जहां उन्हें एक नए रूप में पेश करती है, वहीं अधिकारियों की भूमिका, कार्यप्रणाली और क्षमता पर सवालिया निशान भी लगाती है। यह पुलिस-प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों, खासकर नगर निगम से जुड़े तमाम लोगों के लिए भी आईना दिखाने वाला है।


रांची नगर निगम में बैठक के लिए जाने के दौरान महिला नीरू खलखो की समस्‍या सुनते मुख्यमंत्री रघुवर दास 

कदम-कदम पर राजधानी की सड़कों पर नहीं दिखेंगे कट
मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है। खासकर महत्वपूर्ण मार्गों पर उन्होंने ज्यादातर कट बंद करने का फरमान जारी कर दिया है। इसपर रातोरात अमल भी हुआ। छोटे शहर में हर कट से मुडऩे के आदी रहे लोगों को यह रास नहीं आ रहा। इसका बड़े पैमाने पर विरोध भी हुआ लेकिन मुख्यमंत्री अड़े रहे। इसका असर भी दिख रहा है।

सबसे व्यस्त मेन रोड पर यातायात सुगम हो रहा है तो अन्य सड़कों पर भी गाडिय़ों के जाम में कमी आई है। मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासन के सीनियर अफसरों के साथ बैठकर पूरी योजना तैयार की है। जल्द हीं इसे जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, देवघर में भी प्रभावी किया जाएगा।

...हर जगह हेलीकॉप्टर से क्यों नहीं चले जाते
मुख्यमंत्री के इस अभियान में विरोधी दलों को राजनीति नजर आई। प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तंज कसा कि जब मुख्यमंत्री 100 किलोमीटर के दायरे में जाने के लिए भी सड़क का इस्तेमाल नहीं करते तो उनके आवास से महज 12 किलोमीटर दूर स्थित सचिवालय आने-जाने के लिए भी उन्हें हेलीकॉप्टर इस्तेमाल करना चाहिए। कांग्रेस को भी इस अभियान में खामी नजर आई। पार्टी ने इसे जनविरोधी बताया है। हालांकि विपक्षी दलों के विरोध से इतर आमलोगों ने नई प्रक्रिया को अपनाना शुरू कर दिया है जिससे आने वाले दिनों में रांची सड़क जाम से मुक्त नजर आएगा।

हाई कोर्ट ने की सराहना
झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की अदालत ने कहा है कि ट्रैफिक व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री खुद गंभीर हैं। इसे लेकर अधिकारियों संग बैठक और दौरा भी कर रहे हैं। ट्रैपिक सुगम बनाने के लिए कुछ कट को बंद किया जा रहा है। यह अच्छी बात है। बड़े शहरों में भी ऐसा होता है। दिल्ली में भी अनावश्यक कट बंद किए गए हैं।

वहां लोग पांच-पांच किलोमीटर जाने के बाद मुड़ते हैं। लोगों की यह आदत है। रांची में भी मुख्‍यमंत्री द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं उसका समर्थन किया जाना चाहिए। इसका विरोध उचित नहीं है। रांची को सुव्यवस्थित करने का बेहतर प्लान भी बनाना चाहिए। अगले 50 साल को देखते हुए योजना बनाना चाहिए।

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