जगन्नाथ ने सुनी पुकार इसलिए 20 सालों से खींच रहे रथ
भगवान जगन्नाथ में भक्तों की अटूट आस्था है। रथयात्रा इसी का प्रतीक है। कई लोग वर्षो से रस्सी खींचने यहां आते हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : भगवान जगन्नाथ में भक्तों की अटूट आस्था है। रथयात्रा इसी का प्रतीक है। इस रथयात्रा में कई भक्त ऐसे भी शामिल हुए जिनका मानना है कि भगवान का रथ खींचने से उनके सब कष्ट दूर हो गये। छप्पन कुमार भंट्टाचार्य ने बताया कि वो 20 सालों से भगवान के रथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं। भगवान ने उनके सब कष्ट हरे हैं। उन्होंने जब भी भगवान से कुछ रथ यात्रा में मांगा है, अगले रथ यात्रा से पहले वो जरूर पूरा हो गया है। 20 सालों से कर रहे हैं मंदिर की पेंटिग--
मेले में अपने परिवार के साथ आये बुटका महतो ने बताया कि उनकी भगवान में अटूट आस्था है। वो पिछले 20 सालों से भगवान के मंदिर का रंग-रोगन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भगवान के मंदिर को सजाने का अपना ही सुख है जो मुझे मिलता है। मैं काके से यहां पेटिंग करने के लिए आता हूं। मरियम आठ सालों से दर्शन को आ रही है
दुशभ और उनकी पत्नी मरियम खूंटी के हैं। उन्होंने बताया कि वो 8 सालों से हर साल मेला में भगवान के दर्शन के लिए आ रहे हैं। उनकी भगवान में बड़ी आस्था है क्योंकि रथयात्रा में आने के बाद उन्हें रोग और परिवारिक कष्ट से मुक्ति मिल गयी है। जब भी हुई परेशानी जगन्नाथ ने हरा---
काके से आयी संध्या ने कहा कि जगन्नाथ इस जगत के करता और धरता हैं। वो पिछले 10 सालों से अपने परिवार के साथ भगवान का रथ खींचने के लिए आती हैं। वो आज भी काफी सुबह मंदिर पहुंच गयीं थी। संध्या ने बताया कि जब भी उनके जीवन में कोई परेशानी हुई है भगवान ने उसे दूर किया है। अटल है भगवान में आस्था---
प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि उनकी आस्था भगवान में अटल है। वो पिछले दस सालों से रथ यात्रा में शामिल हो रहे हैं। पहली बार वो अपने पूरे परिवार को लेकर रथ यात्रा में आये हैं।