जैक की काउंसिलिंग में 15 स्कूलों के 200विद्यार्थी पहुंचे
परीक्षा के समय सबसे ज्यादा कौन डराता है। बच्चों ने कहा-माता-पिता। जैक के सचिव परीक्षा से पूर्व बच्चों को टीप्स ेद रहे थे। इसमें 15 स्कूलों के मात्र 200 विद्यार्थी शामिल हुए।
जागरण संवाददाता, रांची : परीक्षा के समय सबसे ज्यादा कौन डराता है। बच्चों ने कहा-माता-पिता। जैक की ओर से आयोजित काउंसिलिंग में बच्चों ने बेबाकी से अपनी बात रखी। काउंसेलरों ने बच्चों को बताया कि परीक्षा फोबिया या परीक्षा का भय अपने मन से निकाल दें। तनाव न लें। तनाव लेंगे तो जिन चीजों को आपने बेहतर तरीके से समझा है उसमें भी गड़बड़ी हो जाएगी। जैक सचिव महीप कुमार ने कहा कि परीक्षा हॉल में बैठें तो दिमाग को स्थिर और शांत रखें। पहले पूरा प्रश्नपत्र पढ़ें और फिर जिनका उत्तर आता हो उसे पहले बनाएं। इससे अन्य सवालों के जवाब भी मिलने लगेंगे।
महीप कुमार सिंह ने कहा कि बच्चे खुद को अंकों के दायरे में ना बांधे। जरूरी है कि वे अपने अंदर की क्षमता को पहचानें और अंकों से इतर ज्ञान पर फोकस करें। उन्होंने कहा कि जिंदगी एक सफर है, एक बस छूटी तो कोई बात नहीं, दूसरी बस भी आएगी। इसलिए असफलताओं से हताश ना हो। काउंसिलिंग में अन्य शिक्षकों ने भी छात्रों का मार्गदर्शन किया। 200 विद्यार्थी ही पहुंचे : झारखंड अधिविद्य परिषद द्वारा जिला स्कूल में आयेाजित विशेष मार्गदर्शन में महज 200 छात्र-छात्राएं उपस्थित हुए। आश्चर्य की बात यह रही कि मुख्य वक्ता स्वयं जैक के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह और क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक अशोक कुमार शर्मा भी कार्यक्रम में नहीं आए। मामले को समझ जैक के सचिव महीप कुमार सिंह और अन्य शिक्षकों ने बच्चों को टिप्स दिए। बता दें कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं 20 फरवरी से शुरू होने वाली है। विद्यार्थियों को प्रवेशपत्र निर्गत किए जा चुके हैं। इसलिए परीक्षा के ठीक पहले काउंसलिंग में कम ही छात्र पहुंचे। कार्यशाला में कुल 15 स्कूलों को बुलाया गया था। सभी स्कूलों में औसतन 100 से अधिक छात्र हैं। इसके पूर्व भी मॉक टेस्ट और मॉडल टेस्ट पेपर में जैक की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ा है। कार्यक्रम में स्कूल के प्राचार्य अवनींद्र सिंह, एके सिंह, सहित अन्य शिक्षक भी उपस्थित थे।