सिंचाई कूप निर्माण में झारखंड का देश में तीसरा स्थान
रांची मनरेगा के तहत सिंचाई कूप निर्माण के मामले में झारखंड को तीसरा स्थान हासिल हुआ है।
रांची : मनरेगा के तहत सिंचाई कूप निर्माण के मामले में झारखंड को तीसरा स्थान हासिल हुआ है। चालू वित्तीय वर्ष के पिछले पांच महीनों में 5,734 कुओं का निर्माण कर झारखंड ने यह उपलब्धि हासिल की है। इससे इतर, 11,159 सिंचाई कूपों का निर्माण कर मध्य प्रदेश इस मामले में पहले, जबकि 7,447 कूपों का निर्माण कर महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। पड़ोसी राज्य बिहार इस मामले जहां 15वें पायदान पर है, वहीं नौ राज्य ऐसे हैं, जहां एक भी कूप का निर्माण नहीं हुआ है। ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से जारी रैंकिंग से यह खुलासा हुआ है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार झारखंड ने यह उपलब्धि तब हासिल की है, जबकि राज्य के पास इस मद में पैसे की कमी थी। लिहाजा ग्रामीण विकास विभाग ने अपने रिवाल्विंग फंड से इस मद में 590 करोड़ रुपये खर्च किए। इधर, दो दिन पूर्व ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस मद में 290 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। माना जा रहा है कि इससे कूप निर्माण के कार्य में और तेजी आएगी।
झारखंड के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इससे प्रेरित होकर राज्य में मनरेगा कार्य को और बढा़ने के प्रति सरकार गंभीर होगी। इससे अन्य क्षेत्र में भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी। 'किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचे, इसे केंद्र में रखकर सिंचाई कुओं का निर्माण कराया जा रहा है। ऐसे प्रखंड जहां सिंचाई का कोई साधन नहीं है, वहां सरकार का खास फोकस है। कुएं सरकारी जमीन के अलावा निजी जमीन पर भी बनवाएं जा रहे हैं।'
- सिद्धार्थ त्रिपाठी, मनरेगा आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड।
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