Move to Jagran APP

आइपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में दी गई भावभीनी श्रद्धाजलि

आईपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में एसएसपी व अन्य पुलिसकर्मियों ने दी आखिरी विदाई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 01:02 PM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 01:02 PM (IST)
आइपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में  दी गई भावभीनी श्रद्धाजलि
आइपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में दी गई भावभीनी श्रद्धाजलि

जागरण संवाददाता, रांची : झारखंड के तेज तर्रार आईपीएस प्रवीण कुमार सिंह को जैप ग्राउंड में भावभीनी श्रद्धाजलि दी गई । गौरतलब है कि 1998 बैच के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिंह का रविवार दिल्ली में देहान्त हो गया था। सोमवार दोपहर प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर विशेष विमान से राची लाया गया। एयरपोर्ट पर राची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी खुद सारा मैनेजमेंट देख रहे थे। इस दौरान राची डीसी भी वहा मौजूद थे। जबकि प्रवीण सिंह के साथ काम कर चुके कई पुलिस अधिकारी एयरपोर्ट पहुंचे थे। प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर के साथ उनका पूरा परिवार उनके ससुर भाजपा सासद जगदंबिका पाल भी राची पहुचे। सभी की आखें नम थी एयरपोर्ट पर ही पुलिस अधिकारियों ने प्रवीण सिंह के अंतिम दर्शन किये।

loksabha election banner

जैप 1 में दी गई श्रद्धाजलि :

एयरपोर्ट से प्रवीण सिंह का पार्थिव शरीर डोरंडा स्थित जैप 1 लाया गया। जैप 1 में प्रवीण सिंह के पार्थिव शरीर को भावभीनी श्रद्धाजलि दी गई। इस दौरान झारखंड के डीजीपी सहित कई पुलिस अधिकारियो ने श्रद्धाजलि अर्पित की।

हेमंत सोरेन सीपी सिंह रामचंद्र चंद्रवंशी सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धाजलि। जैप 1 ग्राउंड में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड सरकार के मंत्री सीपी सिंह ,रामचंद्र चंद्रवंशी, पूर्व राच्यसभा सदस्य अजय मारू सहित कई नेताओं ने प्रवीण सिंह को भावभीनी श्रद्धाजलि अर्पित की।

अशांत रांची को शांत करने का जिम्मा मिला था प्रवीण को :

रांची अशांत हो गई थी। खून-खराबे चरम पर थे। दूसरे राज्य व दूसरे जिलों के कुख्यात अपराधी भी रांची में आकर घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते थे। उस विषम परिस्थिति में अशांत रांची के लिए आईपीएस प्रवीण कुमार वरदान बनकर आए थे। एक मार्च 2009 को प्रवीण सिंह रांची में एसएसपी के पद पर योगदान दिए थे। उस समय अंतर जिला दारोगा-इंस्पेक्टर की ट्रांसफर पोस्टिंग हो गई थी। जैसे उनके लिए रांची नया था, वैसे ही रांची में योगदान देने वाले दारोगा, इंस्पेक्टर, डीएसपी व एसपी के लिए भी। उस परिस्थिति में रांची को संभालना एक चुनौती थी। इस चुनौती को अपनी दिलेरी और कड़ी मेहनत से प्रवीण ने साबित कर दिखाया था। कभी अपराधियों की खौफ से त्राहि-त्राहि करने वाली रांची की जनता व व्यवसायी को चैन की सांस लेने लगी थी।

कई बड़े मामलों का खुलासा किया था प्रवीण ने

- रांची पुलिस की तकनीक नील थी, उसे संभालने का प्रयास किया। टेक्नीकल सेल समृद्ध किया और मिलने लगी ताबड़तोड़ सफलता।

- व्यवसायी राजू धानुका हत्याकांड का उद्भेदन, सोनू, साहिल उर्फ एंडरसन की गिरफ्तारी हुई।

- होटल कैपिटोल हिल के मालिक के बेटे लव भाटिया के अपहरण के 24 घंटे के भीतर सकुशल खोजा। अपहर्ताओं से मुठभेड़ तीन को किया ढेर, चार गिरफ्तार, हथियारों का जखीरा मिला।

- नक्सल क्षेत्रों में मूवमेंट तेज किया। दर्जनभर नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा, 18 नक्सलियों ने सरेंडर किया, दो सौ से अधिक गिरफ्तार किए गए।

- बचे हार्डकोर नक्सली भी जिला छोड़कर भागे।

- खलारी-बुढ़मू से पीएलएफआइ का सफाया।

1998 बैच के आईपीएस

- बेड़ो-लापुंग में पीएलएफआइ को किया कमजोर।

- बुढ़मू, मांडर, खलारी, चान्हो से टीपीसी का किया खात्मा।

- जेल या अन्य जगह के अपराधियों में भी मोबाइल पर बात करने में होने लगा खौफ।

कुख्यात, जिन्हें बता दी थी औकात

- रंगदारी, लेवी व हत्या मामला :

भोला पांडेय (मारे गए), किशोर पांडेय (कोलकाता में पकड़ाया), धनंजय प्रधान, संदीप थापा, सुरेंद्र बंगाली, लखन सिंह, चंदन सोनार, अशोक शर्मा, पांडेय गिरोह की लेडी डॉन (अलकापुरी से हथियारों संग पकड़ाई थी)।

- डकैती, लूट मामला :

अनूप श्रीवास्तव, सुधीर टोप्पो, निक्की शर्मा

- मुठभेड़ में जिन नक्सलियों को मारा :

घासीराम मुंडा उर्फ घसिया (बारूहातू, बुंडू), राजेश टोप्पो (जरगा, अनगड़ा), किशोर मुंडा उर्फ राजकिशोर मुंडा (बारूहातू, बुंडू), बिरजू राम (चाल्हा मोड़, लापुंग), अशोक सिंह उर्फ अशोक सोय उर्फ अशोक शाहदेव (कर्रा), एतवा मुंडा (पपिरदा, तमाड़), राजेश मुंडा (पपिरदा, तमाड़), ढेबू यादव (सरायटोली, चान्हो)

- जिन नक्सलियों को आत्मसमर्पण को विवश किया :

स रेश मुंडा (सारजमडीह, बुंडू), मार्शल टूटी (होशिरहातू, बुंडू), संजय प्रमाणिक (डुंगरडीह, तमाड़), चांद महतो (एदलपीड़ी, तमाड़), एतवा मुंडा (बारीडीह, तमाड़), भोला पाल (तिरिलडीह, बुंडू), सीताराम मुंडा (बारीडीह, तमाड़), त्रिलोचन सिंह मुंडा (झुनकीडीह, तमाड़), सुनीता कुमारी (गरुड़पीड़ी, नामकुम), हरिपदो सिंह मुंडा (सारजमडीह, बुंडू), अर्जुन सिंह मुंडा (रामडेरा, अनगड़ा), राम लोहरा (हुआंगहातू), सुखराम सिंह मुंडा (हुआंगहातू), गीता गंझू (हाहे, खलारी), रेशमी महली उर्फ राशमुनी महली (तिरिलडीह, बुंडू), मधु मुंडा उर्फ रोहित (हुंगटा, बुंडू), संजय सिंह मुंडा उर्फ दीपक उर्फ निशांत, सुखराम लोहरा (रैदा, बुंडू)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.