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आदिवासी बच्चों में आयोडिन की सबसे ज्यादा कमी, हरी सब्‍जी-दूध देकर दूर करें यह समस्‍या

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव कुमार ने बच्चों के पोषण पर आयोजित एक वेबिनार में कहीं। उन्होंने बताया कि मानव शरीर के संपूर्ण विकास के लिए आयोडिन महत्वपूर्ण है। शरीर में इसकी कमी से बच्चे का समग्र विकास नहीं हो पाता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 09:41 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 09:43 AM (IST)
आदिवासी बच्चों में आयोडिन की सबसे ज्यादा कमी, हरी सब्‍जी-दूध देकर दूर करें यह समस्‍या
बच्चों को हरी सब्जी और दूध नियमित देना चाहिए।

रांची, जासं। कोरोना काल में हम पौष्टिक खाने और संपूर्ण देखभाल की बात करते हैं। मगर राज्य के आदिवासी इलाके में लोगों को सही से आयोडिन युक्त नमक भी नहीं मिल पा रहा है। जंगल क्षेत्र में रहने वाले बच्चों में सबसे ज्यादा आयोडिन की कमी पाई गई है। यह बातें एचईसी पारस अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव कुमार ने बच्चों के पोषण पर आयोजित एक वेबिनार में कहीं।

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उन्होंने बताया कि मानव शरीर के संपूर्ण विकास के लिए आयोडिन महत्वपूर्ण है। शरीर में इसकी कमी से बच्चे का समग्र विकास नहीं हो पाता है। वह मंदबुद्धि हो सकता है या घेघा रोग का शिकार हो सकता है। इसकी कमी से बच्चों में सुनने-बोलने में दिक्कत, नस की बीमारी, शरीर की ऊंचाई में कमी, आंखो की रौशनी में दिक्कत, पैर-घुटने हड्डी के जोड़ो में सूजन के साथ दर्द की बीमारी हो सकती है।

गर्भवती महिलाओं में इसकी कमी से गर्भपात तथा पेट मे ही बच्चे के खराब होने की आशंका बनी रहती है। डॉ संजीव कुमार ने बताया कि हमारे राज्य में लाखों लोग ऐसे हैं जो आयोडिन की कमी का दंश झेल रहे हैं। यह आज के समाज के लिए एक गंभीर प्रश्न है।

बच्चों को दें हरी सब्जी और दूध

डा संजीव कुमार ने बताया कि आयोडिन का सबसे बेहतर स्रोत सी फूड है। दूध, हरी सब्जी, चावल, गेहूं में भी आयोडिन पाया जाता है। बच्चों में मोटापा आज एक आम समस्या बनती जा रही है। इसके पीछे कई बार थायरॉयड हार्मोन का असंतुलन कारण होता है।

थायरॉयड ग्लैंड से थायरॉयड हार्मोन के निर्माण में आयोडिन की भूमिका रहती है। एक व्यस्क को 150 माइको ग्राम, गर्भवति महिला को 250 माइको ग्राम, बच्चे को 150 से 200 माइको ग्राम आयोडिन की जरूरत होती है। बच्चों को हरी सब्जी और दूध नियमित देना चाहिए।


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