मैच में 42 लाख रुपये खर्च करने की हो जांच : भाजपा
Jharkhand News भाजपा(BJP) के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार(State Government) पर सूचना के अधिकार(Right to Information) के तहत मांगी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए जनता के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। कुछ महीने पहले हुए हुए दो अलग-अलग मैैच में सरकार ने 42 लाख रुपये खर्च किए।
रांची (राज्य ब्यूरो)। Jharkhand News: भाजपा(BJP) के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्य सरकार(State Government) पर जनता के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। सूचना के अधिकार(Right to Information) (आरटीआइ) के तहत मांगी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि एक ओर हेमंत सरकार(Hemant Government) खजाना खाली होने का रोना रो रही है, वहीं दूसरी ओर मामूली आयोजनों पर भारी रकम खर्च कर रही है।
मैैच के आयोजन पर सरकार ने 42 लाख रुपये किए खर्च:
विधायकों-मंत्रियों तथा पत्रकारों के बीच कुछ महीने पहले हुए हुए दो अलग-अलग क्रिकेट मैैच के आयोजन पर सरकार ने 42 लाख रुपये खर्च किए। यह जानकारी खेल विभाग से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के तहत मिली है। भाजपा अध्यक्ष ने इसे भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला बताते हुए जांच की मांग की है।
मुख्यमंत्री एकादश बनाम विपक्ष एकादश मैच के आयोजन पर 33 लाख रुपये के करीब खर्च:
भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि झारखंड दो मैत्री क्रिकेट मैच में राज्य सरकार ने 42 लाख रुपये खर्च कर लिए और अब इन बिलों के भुगतान को लेकर माथापच्ची चल रही है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई एक जानकारी में खेल विभाग ने बताया है कि जेएससीए में आयोजित क्रिकेट मैच मुख्यमंत्री एकादश बनाम विपक्ष एकादश खेला गया था और इस मैच के आयोजन पर 33 लाख रुपये के करीब खर्च हुए थे। इसमें विधायकों के लिए किट की खरीदारी भी हुई थी। साथ ही आयोजन में खानपान की भी व्यवस्था थी।
वहीं मीडिया कर्मियों के साथ खेले गए मैच में नौ लाख रुपये खर्च हुए। सूचना अधिकार के तहत दी गई जानकारी में बताया गया है कि स्टेडियम में रोशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था में भी लाखों रुपये की डीजल की खपत हुई।
संवैधानिक संस्थाओं का विरोध गलत : भाजपा
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के संदर्भ में भारत निर्वाचन आयोग फैसले पर सत्ताधारी दल कांग्रेस व झामुमो की टिप्पणी पर भाजपा को एतराज है। प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाना कांग्रेस की पहचान रही है। अब कांग्रेस के ही नक्शे कदम पर झामुमो भी आगे बढ़ चुकी है। कांग्रेस और झामुमो लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन करने में लगी हुई है। निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करना संवैधानिक संस्थाओं का विरोध है और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। यह कांग्रेस का चरित्र रहा है। इस चरित्र को कांग्रेस ने फिर से परिभाषित किया है। झारखंड में कई पदाधिकारी कांग्रेस व झामुमो के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। भजंत्री पर भी आरोप था कि वे राजनैतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर कार्य कर रहे थे। ऐसे में निर्वाचन आयोग द्वारा की गई कार्रवाई सही है। सरकार को आदेश पर अमल करते हुए उन्हें तुरंत पद से हटाना चाहिए।