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कठघरे में गढ़वा की CWC, जांच में रसूखदारों तक लड़कियां भेजने की पुष्टि नहीं

यह मामला गढ़वा के बालिका आवासीय विद्यालय में आठवीं की छात्रा के मां बनने का है। शिक्षा विभाग की टीम ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को अपनी जांच रिपोर्ट दे दी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Thu, 26 Dec 2019 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 26 Dec 2019 09:23 AM (IST)
कठघरे में गढ़वा की CWC, जांच में रसूखदारों तक लड़कियां भेजने की पुष्टि नहीं
कठघरे में गढ़वा की CWC, जांच में रसूखदारों तक लड़कियां भेजने की पुष्टि नहीं

मुख्य बातें

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  • शिक्षा विभाग की टीम ने सौंपी रिपोर्ट, जांच में रसूखदारों तक बेटियां भेजने की पुष्टि नहीं
  • गांव के दोस्त से प्रेम संबंध में गर्भवती हुई थी नाबालिग
  • स्कूल प्रबंधन की गलती सिर्फ इतनी कि मामले को छुपाने की कोशिश की

रांची, राज्य ब्यूरो। गढ़वा के मझिआंव प्रखंड मुख्यालय स्थित एक आवासीय विद्यालय में आठवीं की छात्रा की मां बनने की बात की पुष्टि तो हुई है, लेकिन वहां जिस्मफरोशी चलने जैसी बात साबित नहीं हो सकी है। अगर गढ़वा की बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने उक्त विद्यालय में जिस्मफरोशी चलने की आशंका जताते हुए अपनी रिपोर्ट दी है, तो इस समिति की रिपोर्ट कठघरे में है। इस रिपोर्ट ने स्कूल की गरिमा को ही कठघरे में खड़ा किया है।

शिक्षा विभाग की टीम ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद को अपनी जांच रिपोर्ट दे दी है। जांच में रसूखदारों तक बेटियां भेजने की पुष्टि नहीं हुई है। जांच में यह बात सामने आई है कि जिस नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया, वह गांव के अपने दोस्त से प्रेम संबंध में गर्भवती हुई थी। स्कूल के वार्डन, स्कूल की प्रधान समिति, डीईओ, डीएसई की गलती इतनी है कि उनलोगों ने नाबालिग के गर्भवती होने और बच्चा जनने की बात को छुपाई। इसलिए उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई होगी।

छात्रा के बयान पर दर्ज प्राथमिकी में भी सामने आ चुकी है सच्चाई

मझिआंव के बालिका आवासीय विद्यालय में मां बनने वाली आठवीं की छात्रा के बयान पर गढ़वा के महिला थाने में पूर्व में ही प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। उसके बयान पर वार्डेन स्नेहलता सिंह समेत चार लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है। पीड़िता ने प्राथमिकी में वार्डेन के साथ-साथ उस विद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लाल बहादुर, अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गोंविद सेठ व अस्पताल की ए ग्रेड नर्स कुमारी निर्मला को अभियुक्त बनाया था। पीड़िता ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया था कि उसके साथ स्कूल में नहीं, बल्कि गांव में ही उसके दोस्त ने शादी का झांसा देकर बार-बार दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। उसने अस्पताल में बच्चा जना, जिसे छुपाने में स्कूल प्रबंधन व अस्पताल प्रबंधन ने भूमिका निभाई। पूछताछ में नाबालिग ने स्कूल से छात्राओं को बाहर ले जाने की बात को नकारा है।

नाबालिग छात्रा के अनुसार उसका प्रेमी चंदन उसके गांव का है। चंदन छात्रा की इच्छा के विरुद्ध उसे घर के बगल के खेत में ले जाकर कई बार शारीरिक संबंध बनाया। छात्रा के अनुसार चंदन उसे शादी का झांसा देकर लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। इसके बाद वह दूसरी जगह कमाने चला गया और पीड़िता का स्कूल में दाखिला हो गया। पीड़िता ने कहा है कि जब पेट में दर्द होता तो स्कूल की कुछ सहेली के साथ सरकारी अस्पताल में जाकर दवा ले लेती थी।

27 जून 2019 को फिर जब पेट में दर्द हुआ तो अस्पताल गई, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद स्कूल की वार्डेन स्नेहलता सिंह, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष लाल बहादुर व अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गोविंद सेठ वहां आए और बोले की तुम नाबालिग हो और अस्पताल में बच्चे को जन्म दी हो। ऐसे में तुम्हारी बदनामी के साथ-साथ स्कूल भी बदनामी होगी। इस कारण यह बच्चा अस्पताल की नर्स कुमारी निर्मला को दे दो। पीड़िता ने कहा कि रात हो जाने के कारण वह सो गई। सुबह जगी तो पता चला की बच्चा को नर्स कुमारी निर्मला अपने साथ ले गई है। इसके बाद वह अपने घर आ गई।

प्रेमी और नर्स जा चुके हैं जेल

मां बनने वाली नाबालिग छात्रा के बयान पर दर्ज प्राथमिकी के बाद आरोपित प्रेमी चंदन मेहता ने गढ़वा कोर्ट में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद वह जेल जा चुका है। वहीं, नाबालिग के बच्चे को अपना बच्चा बताने वाली नर्स कुमारी निर्मला भी गिरफ्तार कर जेल भेज दी गई है।


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