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जूते को तरस रही अंतरराष्ट्रीय धावक सुप्रीति... झारखंड सरकार ने भी नहीं दिए 4 लाख... विश्वकप खेलने जाना है कोलंबिया

National Athlete Supriti भारतीय प्रतिभाएं किस तरह दम तोड़ देती हैं इसकी यह जिंदा मिसाल है। झारखंड की सुप्रीति को विश्वकप खेलने के लिए कोलंबिया जाना है। लेकिन उसके पास दौड़ने के लिए जूते तक नहीं हैं। झारखंड सरकार ने भी अबतक चार लाख रुपये नहीं दिए हैं।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Thu, 07 Jul 2022 02:22 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jul 2022 02:26 PM (IST)
जूते को तरस रही अंतरराष्ट्रीय धावक सुप्रीति... झारखंड सरकार ने भी नहीं दिए 4 लाख... विश्वकप खेलने जाना है कोलंबिया
National Athlete Supriti: जूते को तरस रही अंतरराष्ट्रीय धावक सुप्रीति... विश्वकप खेलने जाना है कोलंबिया

गुमला, जागरण संवाददाता। देश के लिए 13 राष्ट्रीय मेडल जीतने वाली सुप्रीति झारखंड के गुमला जिले के घाघरा प्रखंड के बुरहू गांव की रहने वाली हैं। एक शानदार धावक के रूप में उन्होंने देश दुनिया में अपनी पहचान बना ली है। देश के लिए खेलती हैं। देश का झंडा लहराती हैं। उनकी प्रतिभा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रभावित हो चुके हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में 26 जून को उनकी सरहाना की थी। झारखंड सरकार ने भी उन्हें चार लाख रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की थी। अब सुप्रीति विश्वकप खेलने वाली हैं। 2-7 अगस्त 2022 तक कोलंबिया में वह दौड़ लगाएंगी। झारखंड ही नहीं पूरे देश को उनसे पदक की उम्मीद है। लेकिन दुखद पहलू यह है कि सुप्रीति के पास दौड़ने के लिए एक बढ़िया जूता तक नहीं है। पहले से जो जूता था, वह भी फट चुका है। देश के लिए खेलने वाली इस खिलाड़ी की पीड़ा कोई सुनने समझने को तैयार नहीं।

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फटा जूता पहन कर विश्चकप खेलने जाऊंगी

दैनिक जागरण से बातचीत में सुप्रीति ने अपनी दुखद कहानी साझा की। कहा, सेंटर फार एक्सीलेंस में अभ्यास, खाना, रहना सबकुछ मुफ्त में मिल जाता है। लेकिन पढ़ाई और दौड़ से संबंधित जूते और कई अन्य चीजें नहीं हैं। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए घर से पैसा मांगना पड़ता है। परिवार बेहद गरीब है। ऐसे में किसी परिचित के सामने हाथ फैलाना पड़ता है। कोलंबिया में दो से सात अगस्त तक अंतरराष्ट्रीय दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेना है। विश्वकप है। अभ्यास जारी है। लेकिन मेरे पास जूता नहीं है। फटा हुआ जूता पहनकर जाने की मजबूरी है। विश्वकप में बढ़िया जूता की की कमी खलेगी। कोलंबिया में आयोजित यह विश्वकप अंडर 20 है।

पेट में दर्द के बावजूद सुप्रीति ने तोड़ा रिकार्ड

सुप्रीति ने खेलो इंडिया के तहत 3000 मीटर दौड़ में 4 वर्ष पहले बने नेशनल रिकार्ड को तोड़ते हुए 9.46.14 मिनट का समय लिया था। पहले यह रिकार्ड सुप्रीति के ही सीनियर और हिमाचल प्रदेश की खिलाड़ी सीमा के नाम था। उनके द्वारा 9.50 मिनट का समय 3000 मीटर की दौड़ के लिया गया था। फिलहाल दोनों एक साथ भोपाल सेंटर फार एक्सीलेंस में एक साथ अभ्यास करती हैं। रिकार्ड तोड़ने के बाद सुप्रीति ने बताया था कि इवेंट से पहले उनकी तबीयत काफी खराब थी। वजह, वहां इंतजाम सभी ठीक थे, लेकिन भोजन सही नहीं मिलता था। इसके कारण वह पेट दर्द से जूझ रही थीं। पेट खराब हो गया था। सुप्रीति ने कोच प्रतिभा से अपनी दर्द बयान करते हुए कहा था- अब चल भी नहीं पाऊंगी। लेकिन उनके कोच ने हौसला बढ़ाया। वह दौड़ने लगीं। दौड़ने के दौरान पेट में दर्द हुआ, बावजूद उन्होंने रिकार्ड तोड़ा दिया।

झारखंड सरकार की योजना का भी लाभ नहीं

दसवीं कक्षा में प्रथम स्थान लाने वाली सुप्रीति ने वर्ष 2017 में एथलेटिक में कदम रखा। बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उनका चयन वर्ष 2018 में भोपाल स्थित सेंटर फार एक्सीलेंस के लिए हो गया। सुप्रीति झारखंड की तरफ से खेलती हैं। झारखंड सरकार की ओर से बनाई गई खेल नीति के तहत ऐसे खिलाड़ियों को नकद चार लाख रुपये इनाम दिया जाना है। नौकरी भी। लेकिन आज तक सुप्रीति को सरकार की ओर से एक रुपये भी नहीं मिला है।

माड़-भात और साग खाकर करती रही अभ्यास

कोरोना महामारी के कारण जब पूरे देश में लाकडाउन लग गया था, तब सुप्रीति भोपाल से अपने घर चली आई थी। यहां आने के बाद वह भोपाल नहीं जा सकीं। इस दौरान दो सालों तक वह सड़क पर ही दौड़कर अभ्यास करती रहीं। इस दौरान उन्हें बेहतर भोजन भी नसीब नहीं था। घर में माड़-भात और साग खाकर वह सुबह शाम अभ्यास करती रहीं। लाकडाउन के दौरान भी सरकार ने उनकी कोई खोज खबर नहीं ली।

देश के लिए सुप्रीति जीत चुकी हैं ये अवार्ड

  • सुप्रीति ने नेशनल क्रास कंट्री चैंपियनशिप 2018 में सिल्वर मेडल जीता था।
  • जूनियर नेशनल क्रास कंट्री में उन्होंने कांस्य पदक प्राप्त किया था।
  • 2019 में नेशनल क्रास कंट्री प्रतियोगिता में उन्हें रजत पदक मिला था।
  • 2019 में ही जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया था।
  • वर्ष 2020 में क्रास कंट्री प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया था।
  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 में भी उन्होंने स्वर्ण पदक जीत कर नाम कमाया था।
  • 2021 में जूनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में उन्होंने रजत पदक हासिल किया था।
  • वर्ष 2021 में क्रॉस कंट्री प्रतियोगिता में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था।
  • 2021 में ही फेडरेशन कप प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया था।
  • 2021 में जूनियर फेडरेशन कप प्रतियोगिता में उन्होंने कांस्य पदक जीता था।
  • 2022 में जूनियर फेडरेशन कप प्रतियोगिता में दो रजत पदक जीता था।
  • खेलो इंडिया यूथ गेम्स में स्वर्ण पदक सहित कुल 13 नेशनल पदक हासिल कर चुकी है।

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