साक्ष्य छुपाने में जुटे ‘निर्मल हृदय’ के बिचौलिये, अविवाहित माताओं से कहा बच्चों के बारे में न दे जानकारी
निर्मल हृदय से जब्त रजिस्टर में जिन पीड़िताओं के नाम दर्ज हैं उनसे जल्द से जल्द संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।
रांची, जेएनएन। मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित ‘निर्मल हृदय’ से बच्चों की बिक्री प्रकरण की जांच के दौरान परत-दर-परत कई खुलासे हो रहे हैं। इस बीच निर्मल हृदय के लिए बिचौलिये अब संबंधित अविवाहित मांओं से संपर्क कर रहे हैं। उन सभी मां को साक्ष्य छुपाने और बच्चे अपने पास होने की जानकारी देने की नसीहत दे रहे हैं। यह बात तब सामने आई, जब मामले की जांच करने के दौरान कोतवाली पुलिस ने एक पीड़िता से संपर्क किया।
संपर्क करने पर पीड़िता पहले बोली कि बच्चा मेरे पास ही है सर। इस पर पुलिसकर्मी ने बच्चे को देखने की बात कही, तब पीड़िता बोली कि बच्चे को उसने निर्मल हृदय में ही छोड़ा था। अब बच्चा कहां है, इसकी जानकारी नहीं है। लेकिन, कुछ लोग उनके पास पहुंचे थे, जो बच्चों को अपने पास ही होने की बात बोलने के लिए कह रहे थे। पीड़िता गुमला की रहने वाली है। यह मामला सामने आने के बाद पुलिस अब रेस हो गई है। निर्मल हृदय से जब्त रजिस्टर में जिन पीड़िताओं के नाम दर्ज हैं उनसे जल्द से जल्द संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। संबंधित जिलों की पुलिस की मदद ली जा रही है।
गायब रजिस्टर की हो रही तलाश
पुलिस की मानें तो निर्मल हृदय से कई रजिस्टरों को गायब कर दिया गया है। चूंकि रजिस्टर में दर्ज पीड़िताओं की गणना के अनुसार 121 पीड़िताओं के भर्ती होने का जिक्र है। लेकिन, रजिस्टर में सीरियल नंबर नहीं रहने और सीरियल में 800 के पार आंकड़ा दर्शाने की वजह से रजिस्टर गायब रहने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस अन्य रजिस्टरों की तलाश कर रही है। इस बीच साक्ष्य जुटाने के लिए सिस्टर मेरिडियन उर्फ मेरी को एक नोटिस भेजकर संस्था का पूरा ब्योरा मांगा है।
बिचौलियों के खिलाफ साक्ष्य जुटा रही पुलिस
पुलिस को जानकारी मिली है कि निर्मल हृदय के लिए बड़ी संख्या में लोग बिचौलियागिरी करते हैं। बिचौलियों के माध्यम से कई बच्चों की बिक्री हुई है। ये बिचौलिये रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला सहित कई इलाकों में सक्रिय हैं। ये गर्भवती पीड़िताओं को निर्मल हृदय में लाने और जन्मे बच्चों के लिए कस्टमर ढूंढने का काम करते हैं। कई लोग पुलिस की रडार पर हैं, लेकिन इनके खिलाफ साक्ष्य नहीं रहने से पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। पुलिस इनके खिलाफ साक्ष्य जुटाकर इन्हें गिरफ्तार करेगी ।
मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले में पुलिस संवेदनशील नहीं
मिशनरीज ऑफ चैरिटी केंद्र से बच्चों की खरीद-बिक्री में मीडिया में लगातार आ रही खबरों व पुलिस के अनुसंधान पर पूर्व सांसद डॉ. रामेश्वर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने डीजीपी को पत्र लिखकर कहा है कि इस मामले की जांच में पुलिस संवेदनशील नहीं है। अगर पुलिस इसी तरह संवेदनहीन बनी रही तो वे चुप नहीं बैठेंगे, क्योंकि वे भी सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं और समाज के जागरूक नागरिक भी। डा. रामेश्वर उरांव राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष व जनजातीय कार्य मंत्रालय के पूर्व राज्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने अपने तर्कों से मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टर को निर्दोष बताया है।
बच्चे पैदा कर बेचने वाली संस्थाओं की देश में जरूरत नहीं: कल्याणी
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष व सदस्यों ने शुक्रवार को नामकुम स्थित आश्रय संस्था का दौरा किया। दौरा के दौरान आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने संस्था में रह रही मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित निर्मल हृदय से वहां शिफ्ट की गई पीड़िताओं से मिलीं। उनसे हाल जाना और समस्याएं भी सुनी। कल्याणी शरण ने कहा कि बच्चे पैदा करा कर बेचने वाली संस्थाओं की राज्य और देश में कोई आवश्यक्ता नहीं है। सरकार को राज्य के साथ-साथ पूरे देश में ऐसे कामों में लगी संस्थाओं की जांच करानी चाहिए। दोषी पाए जाने वाली संस्थाओं को बंद कराते हुए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को बेचने का काम एक दो लोग नही, बल्कि बडे़ पैमाने पर संगठित तरीके से किया जा रहा है। यह कारोबार नया नही वर्षों से चल रहा है। अगर एक मामला उजागर नहीं होता तो सबकुछ पहले की तरह ही चलता रहता। कहा कि ऐसे मामलों में संस्थानों की भूमिका संदिग्ध रहती है। संस्था के लोगों व यहां रहने वाली लडकिंयों की सुरक्षा एक बड़ी समस्या है।
आश्रय संस्था में सुधार की कोशिश
महिला आयोग की अध्यक्ष सरकार से भवन की चाहरदिवारी, चौबीसों घंटे नर्स, एंबुलेंस, जनरेटर, फ्रिज व कूलर की मांग रखी। दौरान के दौरान आयोग की टीम ने पूरे प्रोबेशन होम का भी निरक्षण किया। वहां देखी गई कमियों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया। मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने का भी निर्देश दिया गया। टीम में भाजपा महिला मोरचा अध्यक्ष आरती सिंह, काजल प्रधान, अनिता वर्मा, आश्रय के अध्यक्ष मंतोष तिवारी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ने खूंटी में खरीदी 24 एकड़ 95 डिसमिल जमीन
द कैथोलिक बिशप कांफ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआइ) सोसाइटी फॉर एजुकेशन नार्थ इंडिया ने खूंटी जिले के फूदी में 24 एकड़ 95 डिसमिल जमीन खरीदी है। इससे संबंधित सूचना सरकार की खुफिया एजेंसी ने सरकार को सौंपी है। रिपोर्ट में यह जिक्र है कि यह संस्था 21 नवंबर 2009 को झारखंड सरकार के निबंधन विभाग से निबंधित है। देश के किसी भी राज्य में इंडिया शब्द से निबंधन वर्जित है। इस संस्था के निबंधन में जार्ज लकड़ा, मोहम्मद यूसुफ, दीपेंद्र मनी ठाकुर (सहायक निबंधक) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन आरोपितों पर कार्रवाई के साथ-साथ संस्था का निबंधन रद किया जा सकता है। इतना ही नहीं, संस्था के बायलॉज में आय-व्यय का ब्योरा दिया गया है, जिसमें सदस्यता शुल्क पांच रुपये व अंशदान दस रुपये दर्ज है। कार्यालय कर्मी व मानदेय स्टाफ से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। संस्था के बोर्ड मेंबर में नौ व्यक्ति का नाम व पता दर्ज है।