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प्रीमियम के 1.08 अरब रुपये गटक गईं बीमा कंपनियां, मात्र 16279 किसानों को हुआ भुगतान Chatra News

Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana चार वर्षों में 4.20 लाख किसानों ने इंश्योरेंस कंपनियां से प्रधानमंत्री फसल बीमा करवाया था। लेकिन फसलों का उत्पादन लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 03:47 PM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 04:21 PM (IST)
प्रीमियम के 1.08 अरब रुपये गटक गईं बीमा कंपनियां, मात्र 16279 किसानों को हुआ भुगतान Chatra News
प्रीमियम के 1.08 अरब रुपये गटक गईं बीमा कंपनियां, मात्र 16279 किसानों को हुआ भुगतान Chatra News

चतरा, [जुलकर नैन]। Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana इस वर्ष खरीफ फसलों का बीमा नहीं हुआ। इससे पूर्व प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर किसानों को छला गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों की बजाय बीमा कंपनियों को लाभ मिला है। योजना के शुभारंभ से लेकर 2019-20 तक झारखंड के चतरा जिले के कुल 4,20,006 किसानों ने बीमा कराया था। फसल मारी गई। इस संबंध में रिपोर्ट भी भेजी गई। लेकिन उनमें से क्षतिपूर्ति का लाभ सिर्फ 16,279 किसानों को मिला है।

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बताते चलें कि योजना की शुरुआत वर्ष 2016-17 में हुई थी। इन चार वर्षों में धान एवं मक्का की फसलों के लिए प्रीमियम के रूप में विभिन्न कंपनियों को 1,08,34,93000 रुपये जमा कराए। बीमा कंपनियों ने उसके एवज में मात्र 2,24,92000 रुपये का ही भुगतान किया है। इस प्रकार देखा जाए तो प्रधानमंत्री फसल बीमा के नाम पर इंश्योरेंस कंपनियां इन चार वर्षों में 1.06 अरब से अधिक की राशि गटक गईं। वह भी वैसे समय में जब जिले में सुखाड़ की स्थिति थी।

फसलों का उत्पादन लक्ष्य के अनुरूप नहीं हुआ। वर्ष 2018 में सरकार ने जिले के 12 में से 9 प्रखंडों को सुखाड़ग्रस्‍त घोषित किया था। इसी प्रकार 2019 में भी जिले को सुखाड़ग्रस्‍त घोषित किया गया था। मजे की बात तो यह है कि हर वर्ष इंश्योरेंस कंपनियों को बदल दिया जाता है। ऐसे में किसान स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। योजना के शुरुआती वर्ष में 61,883 किसानों ने बीमा कराया था। उस वक्त प्रीमियम का दो प्रतिशत किसानों को देना था। 50 प्रतिशत केंद्र व 48 प्रतिशत राज्य सरकार ने भुगतान किया था।

इस प्रकार कुल 2694.11 लाख रुपये का प्रीमियम बीमा कंपनी को दिया गया था। उस वक्त सरकार के साथ राष्ट्रीय कृषि बीमा कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ करार था। वर्ष 2017-18 में कुल 1,01,285 किसानों ने फसलों का बीमा कराया था। इसमें कुल 4099.67 लाख रुपये का प्रीमियम इफको टोकियो नामक कंपनी को दिया गया था।

वर्ष 2016-17 और 2017-18 को मिलाकर 16,279 किसानों के बीच क्षतिपूर्ति के रूप में 224.92 लाख रुपये का भुगतान किया गया। इसके बाद फिर कभी किसानों को बीमा का भुगतान नहीं हुआ है। जबकि 2018-19 में 1,42986 किसानों ने बीमा कराया। वहीं वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1,14,419 किसानों का बीमा हुआ है। कुल मिलाकर 1,08,34,93000 रुपये इन चार वर्षों में बीमा कंपनियों को प्राप्त हुए।

वर्षवार फसलों के बीमा का विवरण

वर्ष       कुल किसान     खेती हे. में     प्रीमियम लाख में

2016-17   61,883      28,112.63     2694.11

2017-18  1,01,285     27,096.33     4099.87

2018-19  1,42,419     48,543.89     2420.30

2019-20  1,14,419     47,564.49     1620.65

कुल     4,20,006    1,51,317.34    1,08,34.93

'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से इस बार खरीफ फसलों का बीमा नहीं हुआ है। चूंकि सरकार का आदेश नहीं था। पूर्व में किए गए बीमा के एवज में क्षतिपूर्ति का भुगतान कुछ किसानों में किया गया है। शेष का भुगतान अब तक अप्राप्त है।' -उमेश सिन्हा, जिला सहकारिता पदाधिकारी, चतरा।


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