अब आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ
अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को आवास निर्माण के लिए 50 हजार रुपये नहीं दिए जाएंगे, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले लाभ दिए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पूर्व में बनी नीति में संशोधन किया है, ताकि अधिक से अधिक संख्या में नक्सली प्रेरित हों और मुख्य धारा से जुड़ सकें। नक्सल उन्मूलन की दिशा में यह बदलाव कारगर साबित होगा, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
आत्मसमर्पण नीति में यह भी बदलाव किया गया है कि अब सरेंडर करने वाले नक्सलियों को आवास निर्माण के लिए 50 हजार रुपये नहीं दिए जाएंगे, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाले लाभ दिए जाएंगे। सरकार की आत्मसमर्पण नीति व पुनर्वास पैकेज को और सरल बनाया गया है। इसकी प्रक्रिया बहुत दिनों से चल रही थी, जिसपर अंतत: सरकार की मुहर लग गई है।
जानें, क्या-क्या किया गया है बदलाव
- आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को प्रोत्साहन की राशि व अन्य लाभ सरकार के अनुमोदन पर दी जाती थी। अब सभी लाभ एवं प्रोत्साहन राशि जिला पुनर्वास समिति से स्वीकृत पैकेज के अधीन दिया जाएगा।
- पूर्व में अनुदान राशि पांच लाख रुपये थी, जिसे बढ़ाकर छह लाख रुपये कर दिया गया है।
- हथियार व गोला बारूद के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की राशि में भी बढ़ोतरी की गई है।
- पहले आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आवास निर्माण के लिए अधिकतम 50 हजार रुपये मिलते थे। अब प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्णित राशि आवास निर्माण के लिए आवंटित जमीन की स्थिति के अनुसार होगी।
- शिक्षण शुल्क पूर्व में 25,000 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 40,000 रुपये किया गया है।
- आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों के विरुद्ध अगर किसी प्रकार का कोई कांड न्यायालय में लंबित हो अथवा जांच चल रही हो। इसके बावजूद उनके परिवार के किसी सदस्य को अनुकंपा के आधार पर पुलिस आरक्षी/गृह रक्षक/विशेष पुलिस अधिकारी में नियुक्ति होगी।
- आत्मसमर्पण करने के बाद उनकी हत्या होने की स्थिति में भी परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा पर नौकरी दी जाएगी।