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मैसेज और ईमेल से मिलेगी पीएफ खाते की जानकारी

भविष्य निधि (पीएफ) की रकम समय से जमा नहीं किए जाने की शिकायतों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गंभीरता से लिया है। ईपीएफओ अब सभी खाताधारकों को मैसेज या ईमेल भेजकर बताएगा कि उनकी उनकी कंपनी ने पीएफ का अंशदान जमा कराया है या नहीं। ईपीएफओ ने कहा कि अगर नियोक्ता भविष्य निधि में योगदान को ईपीएफओ के पास समय पर जमा नहीं करते हैं, वह इसकी सूचना अपने अंशधारकों को देगा। फिलहाल ईपीएफओ रजिस्टर्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) रखने वाले अंशधारकों के खाते में केवल जमा राशि के बारे में ही एसएमएस या ईमेल के जरिये सूचना देता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 03:05 PM (IST)
मैसेज और ईमेल से मिलेगी पीएफ खाते की जानकारी
मैसेज और ईमेल से मिलेगी पीएफ खाते की जानकारी

जागरण संवाददाता, रांची : भविष्य निधि (पीएफ) की रकम समय से जमा नहीं किए जाने की शिकायतों को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गंभीरता से लिया है। ईपीएफओ अब सभी खाताधारकों को मैसेज या ईमेल भेजकर बताएगा कि उनकी उनकी कंपनी ने पीएफ का अंशदान जमा कराया है या नहीं। ईपीएफओ ने कहा कि अगर नियोक्ता भविष्य निधि में योगदान को ईपीएफओ के पास समय पर जमा नहीं करते हैं, वह इसकी सूचना अपने अंशधारकों को देगा। फिलहाल ईपीएफओ रजिस्टर्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) रखने वाले अंशधारकों के खाते में केवल जमा राशि के बारे में ही एसएमएस या ईमेल के जरिये सूचना देता है। ईपीएफओ ने एक बयान में कहा कि जिन सदस्यों का योगदान समय पर जमा नहीं होता, उसके बारे में सूचना नहीं दी जाती। पारदर्शिता बढ़ाने के इरादे से यह निर्णय किया गया है कि उन अंशधारकों को एसएमएस, ई-मेल (जिन्होंने यूएएन खाते में अपना मोबाइल नंबर या ई-मेल रजिस्टर्ड कराया है) के जरिये यह सूचना दी जाएगी, जिनके नियोक्ताओं ने संबंधित महीने का समय पर योगदान राशि ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराई।

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संगठन के अनुसार, अब योगदान राशि जमा किए जाने के बारे में जानकारी ई-पासबुक ऑनलाइन तथा उमंग मोबाइल ऐप के जरिये भी उपलब्ध होगी। इसके अलावा सदस्य मिस्ड कॉल के माध्यम से भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं। जिन ईपीएफओ सदस्यों का मासिक योगदान नियमित तौर पर प्राप्त होता है, वे उक्त विकल्पों का उपयोग कर अपना योगदान देख सकते हैं। ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या 5 करोड़ से अधिक है। संगठन 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक कोष का प्रबंधन करता है।


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