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भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी का नहीं होगा असर

रांची भारतीय परिवारों में आज भी परंपरागत रूप से बचत करने का चलन है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 04:04 AM (IST)Updated: Sun, 01 Sep 2019 04:04 AM (IST)
भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी का नहीं होगा असर
भारतीय अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी का नहीं होगा असर

जागरण संवाददाता, रांची : भारतीय परिवारों में आज भी परंपरागत रूप से बचत करने का चलन है। जिसके कारण अन्य देशों की अपेक्षा भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक मंदी का असर ज्यादा नहीं होगा। परंपरागत भारतीय व्यवस्था या स्वदेशी के आधार पर भी यह संभव होगा। ये बातें स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल ने कही। वे शनिवार को दिगंबर जैन भवन में स्वदेशी जागरण मंच के दो दिवसीय प्रांत सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वदेशी पारिवारिक संकल्प, पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति संतुलन व रोजगारोन्मुख विकास से ही भारत को आर्थिक महाशक्ति बना सकती है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी की आहट से 2007-08 जैसे हालात बन रहे हैं। हालांकि उस समय भी भारत ने घरेलू बचत व विकेंद्रीकृत असंगठित क्षेत्र के माध्यम को बचाया था। आज घरेलू बचत लगभग 26 फीसद है। कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आने वाले वर्षो में भारत को पांच ट्रीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कही है। हालांकि कुछ लोग प्रधानमंत्री का मजाक उड़ा रहे हैं। कहा, हमें भी वैश्विक चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उदाहरण के माध्यम से उन्होंने बताया कि एक समय था, जब हमारा बाजार चीनी उत्पादों के कारण दबाव में रहता था। लेकिन हमारे निश्चय व चीनी उत्पादों के बहिष्कार का नतीजा है कि चीन से हमारा व्यापारिक घाटा 10 अरब डॉलर कम हुआ है। कहा, वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी से निपटने के लिए जगह-जगह स्वदेशी संकल्पित परिवारों का सम्मेलन कराया जाएगा। इसके अलावा कृषि आधारित क्षेत्र के लिए तब खादी, अब खाद पर फोकस करना होगा। इसी प्रकार, रोजगार के लिए स्वरोजगार पर ध्यान केंद्रित करना होगा। आज सरकारी नौकरियों की तुलना में सरकारी नौकरी की चाहत रखने वालों की तादाद कई गुणा अधिक है। सभी को सरकारी नौकरी देना संभव नहीं है। रोजगार के लिए सबसे सार्थक विकल्प कृषि आधारित स्वरोजगार है, जो न सिर्फ आय उपलब्ध कराता है बल्कि हमें स्वस्थ भी रखता है। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद संजय सेठ ने व मंच संचालन प्रांत कोष प्रमुख विष्णु सिंह ने किया। सम्मेलन में मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरूण ओझा, अखिल भारतीय सह संघर्ष वाहिनी प्रमुख बंदे शंकर सिंह, क्षेत्रीय संयोजक सचिंद्र कुमार बरियार, प्रांत संयोजक राजेश उपाध्याय, सह संयोजक अंजनी कुमार सिन्हा, अमरेन्द्र कुमार सिंह, प्रांत महिला प्रमुख मधुलिका मेहता, रांची जिला संयोजक आलोक कुमार सिंह समेत कई उपस्थित थे।

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कौशल विकास से करोड़ों युवाओं को मिला स्वरोजगार : संजय सेठ

प्रांत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए सांसद संजय सेठ ने कहा कि सरकार ने कौशल विकास के माध्यम से देश के करोड़ों युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराया है। जो कल तक रोजगार ढूंढ रहे थे, वे आज रोजगार देने वाले बन गए हैं। उन्होंने दीपावली के त्योहार के दौरान चीनी उत्पादों का बहिष्कार कर स्वदेशी आंदोलन को प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया। कहा, स्वरोजगार की दिशा में मंच की ओर से कोई उपक्रम लगाया जाएगा तो वे हरसंभव सहयोग करेंगे।

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रातू रोड से शहीद स्थल तक निकाली हुंकार रैली

स्वदेशी जागरण मंच के दो दिवसीय प्रांत सम्मेलन से पूर्व विभिन्न जिलों से आए मंच के सदस्यों ने रातू रोड से शहीद स्थल तक हुंकार रैली निकाली। रैली का नेतृत्व मंच के राष्ट्रीय संयोजक अरूण ओझा ने की। उन्होंने बताया कि हुंकार रैली में तीन सौ से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए।


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