Move to Jagran APP

भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपति बोले, भारत के गांवों के बारे में बनाई गई गलत धारणाएं

Jharkhand. अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों ने एक सप्ताह तक पश्चिमी सिंहभूम के कई गांवों का दौरा किया। कहा झारखंड के गांवों में कम संसाधन में भी लोग खुशी से रहते हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Mon, 30 Dec 2019 10:35 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 10:35 PM (IST)
भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपति बोले, भारत के गांवों के बारे में बनाई गई गलत धारणाएं
भारतीय मूल के अमेरिकी उद्योगपति बोले, भारत के गांवों के बारे में बनाई गई गलत धारणाएं

रांची, [संजय कुमार]। अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बीच भारत के गांवों के बारे में गलत धारणाएं बनाई गई है। परंतु यहां आने के बाद पता चलता है कि यहां के लोग कम संसाधन में भी काफी खुश रहते हैं। लोग काफी शांतिप्रिय एवं मेहनती हैं। लोग आपसी प्रेम एवं भाईचारा के साथ रहते हैं। यह कहना है अमेरिका से एकल अभियान के माध्यम से झारखंड के गांवों को देखने के लिए पहुंचे भारतीय मूल के लोगों में से एक उद्योगपति नरेंद्र कदाबा का। बेंगलुरु के रहने वाले नरेंद्र कदाबा की पत्नी मीना कदाबा एवं बच्चे भी आए थे।

loksabha election banner

मीना कदाबा ने कहा कि अमेरिका जाने के बाद वहां रह रहे भारतीय मूल के लोगों से आग्रह करूंगी कि वे भारत जाकर वहां के गांवों को नजदीक से देखें। एकल अभियान के प्रयास से यहां बहुत ही अच्छा काम चल रहा है। जहां तक झारखंड की बात है तो इसके बारे में कहा जाता था कि वहां गरीबी ज्यादा है। असुरक्षा का माहौल है, परंतु आठ दिनों तक यहां रहने के बाद ऐसा कुछ नहीं लगा। भारतीय नागरिकता संशोधन कानून के संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा कि अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोग इसका खुल कर समर्थन करते हैं।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के आठ लोगों की टीम ने 22 दिसंबर से 29 दिसंबर तक चक्रधरपुर के करंजों में एकल विद्यालय के ग्रामोत्थान केंद्र द्वारा संचालित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं ग्राम विकास के कार्यक्रमों का अध्ययन किया। अमेरिका लौटने के समय रांची में इन लोगों ने दैनिक जागरण से अपने अनुभव साझा किए। इस अध्ययन टोली में अमेरिका के शिकागो से प्रियांशु शाह, सार्थक पारिख एवं डॉ. हसमुख शाह तथा कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स से उद्योगपति वैशाली भार्गव, अजय भार्गव, नरेंद्र कदाबा, मीना कदाबा एवं समर्थ कदाबा आए थे। इनमें से कई इंटर के छात्र थे।

झारखंड के गांवों में लोग बड़े शांति से रहते हैं

प्रियांशु शाह ने बताया कि अमेरिका में बताया जाता है कि भारत के गांवों में गरीबी ज्यादा है। झारखंड में असुरक्षा का माहौल है। परंतु यहां आने के बाद पता चला है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। झारखंड के गांवों में लोग बड़े शांति से रहते हैं। गांवों में कही भी असुरक्षा का माहौल नहीं दिखा। कहा, एकल अभियान के कार्यक्रमों से गांवों में काफी बदलाव आया है। गांवों के बच्चे भी टैब से पढ़ते दिखे, जिसकी कल्पना भी हमलोगों ने नहीं की थी।

जैविक खेती पर और जोर देने की है जरूरत

बातचीत में वैशाली भार्गव ने कहा कि यहां के लोग जैविक खेती पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। इस तरह के उत्पादों की अमेरिका में खूब मांग है। ग्रामोत्थान योजना के माध्यम से एकल अभियान इस काम को झारखंड में कर रहा है। इससे यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति में भी बदलाव दिखा।

युवाओं का देश भारत तेजी से कर रहा विकास

नरेंद्र ने कहा कि अमेरिका में लोगों का मानना है कि भारत युवाओं का देश है। यह तेजी से विकास कर रहा है। एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। पिछले पांच वर्षों में यहां की स्थिति में काफी बदलाव आया है।

भारत की सभ्यता-संस्कृति को समझने का मिलता है मौैका

ग्रामोत्थान योजना के राष्ट्रीय प्रमुख ललन शर्मा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के बच्चों को भारत की सभ्यता एवं संस्कृति को समझने का मौका मिलता है। भारत के गांवों को नजदीक से देखने के बाद यहां के बारे में जो धारणा बनी हुई है, वह समाप्त होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.