Lockdown Updates: यहां पुलिस को खदेड़ा, CBI और NIA के भी बंधे हाथ; जानें दिनभर का हाल
Lockdown Updates बेवजह सड़कों पर निकलने वालों से पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। कई जिलों में आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में दर्जनों गाडि़यां जब्त की गई हैं वहीं कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात भी सामने आ रही है।
रांची, जेएनएन। Lockdown Updates पूरे देश को लॉकडाउन किए जाने की प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद बहुत कम लोग घरों से बाहर दिख रहे हैं। अलबत्ता मंगलवार की देर रात से ही राशन और दवा दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी जा रही है। एहतियात के तौर पर जगह-जगह पर पुलिस बल तैनात किए गए हैं। बेवजह सड़कों पर निकलने वालों से पुलिस सख्ती से पेश आ रही है। कई जिलों में आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में दर्जनों गाडि़यां जब्त की गई हैं, वहीं कानूनी कार्रवाई किए जाने की बात भी सामने आ रही है। इधर कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉक डाउन के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ और राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए के भी हाथ बंध गए हैं। तमाम केसों की जांच जहा-तहां अटक गई है। कई मामलों में कोर्ट में पेशी से लेकर अनुसंधान तक आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इन एजेंसियों के अधिकारी बंधे हाथों से माहौल सामान्य होने की राह देख रहे हैं।
इधर गिरिडीह के तिसरी में गांव में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए पहुंची पुलिस पर लोगों ने हमला बोल दिया। पुलिसवालों से ग्रामीणों ने हाथापाई भी की। कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पूरी मजबूती से आगे आई झारखंड सरकार ने राजधानी रांची के रिम्स को कोरोना सेंटर घोषित किया है। हालांकि अब तक झारखंड में कोरोना के एक भी पॉजीटिव केस नहीं मिले हैं।
बुधवार को लिए गए 17 सैंपल, नौ की रिपोर्ट निगेटिव
कोरोना संक्रमण की जांच के लिए बुधवार को झारखंड में कुल 17 नए सैंपल लिए गए। इनमें नौ की रिपोर्ट जांच में नेगेटिव आई है। वहीं आठ लोगों की रिपोर्ट आनी बाकी है। अबतक की जांच की बात करें तो राज्य में 110 लोगों के सैंपल जांच के लिए लिए गए हैं। इनमें 102 लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि आठ की रिपोर्ट आनी बाकी है| अच्छी खबर है कि झारखंड में कोरोना से संक्रमण का मरीज अभी तक नहीं मिला है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसके बावजूद सावधानी और संपूर्ण लॉक डाउन का अनुपालन अति अनिवार्य बता रहे हैं, क्योंकि ऐसा भी हो सकता है कि किसी में कोरोना का लक्षण अभी सामने नहीं आया हो, लेकिन बाद में सामने आए। वहीं हमारे-आपके बीच कहीं से भी संक्रमण आ सकता है। इसके प्रति एहतियात जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों का भी कहना है कि कोई केस नहीं मिलने के बाबजूद 14 अप्रैल तक संपूर्ण लॉक डाउन का सख्ती से अनुपालन जरूरी है। थोड़ी सी असावधानी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
21 दिन नहीं, दो माह का बैकअप लेकर कार्य करें : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में जहां कहीं भी होम क्वारंटाइन हो रहा है, उसे तत्काल बंद कर दें। सरकार के क्वारंटाइन में लोग रहेंगे। हमें चीजों को समझना होगा। ग्रामीण या शहरी क्षेत्रों में घर छोटे- छोटे होते हैं। ऐसी स्थिति में परिवार के सदस्यों या संपर्क में आने वाले व्यक्ति में संक्रमण फैलने का खतरा हो सकता है। इस बात का सभी अधिकारी ध्यान रखें। राज्य में होने वाली मृत्यु की भी जानकारी जुटाएं। मौत के कारणों को जानें। पूरी जांच होनी चाहिए। आप सभी 21 दिन का नहीं 2 माह का बैकअप लेकर काम करें। थर्मल गन, जांच मशीन, मास्क, टेस्ट किट, पीसीआर मशीन, पीपीए ड्रेस, ग्लोब्स जैसे जरूरी चीजों की कमी नहीं होनी चाहिए। यह सभी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। यह आप सभी सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री सूचना भवन में वरीय अधिकारियों के साथ लॉकडाउन के तीसरे दिन कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
अधिकारियों को कार्य की जिम्मेवारी सौंपे
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान विभागों में कार्य नहीं हो रहा है। ऐसे में अधिकारियों को कार्य की जिम्मेवारी दें। एक संरचना तैयार करें। नोडल अफसर नियुक्त होना चाहिए। इनसे राज्य के बाहर फंसे लोगों को मदद पहुंचाने, जरूरतमंदों को राशन व जरूरी सामान उपलब्ध कराने हेतु कार्य सौंपा जाए। राज्यवासियों का पूरा ध्यान रखना सरकार की प्राथमिकता में है।
बाहर से आए लोगों की निगरानी रखें, बाहर फंसे लोगों की मदद करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बाहर से आने वाले लोगों की कड़ी निगरानी करें। उनके क्वारंटाइन को प्राथमिकता दें। साथ ही राज्य के बाहर फंसे झारखंड के लोगों की मदद करें। इसके लिए विभिन्न राज्यों के कंट्रोल रूम का नंबर फंसे हुए लोगों को उपलब्ध कराएं। झारखंड में संचालित कंट्रोल रूम का नंबर पूरे देश में प्रसारित करें, ताकि फंसे लोगों को मदद पहुंचाया जा सके। देश के राज्यों के फूड सप्लाई डिपार्टमेंट से भी संपर्क स्थापित कर फंसे हुए लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें। इस कार्य में स्वंय सेवी संस्थाओं की भी मदद लें।
छोटे मालवाहक विमान की व्यवस्था करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के दौरान अन्य राज्यों से जरूरी मशीन, दवा व अन्य जरूरी वस्तुओं को लाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी स्थिति में एक छोटे मालवाहक विमान की व्यवस्था करें। ताकि जरूरी सामान झारखंड समय पर आ सके।
वह सब जो जानना जरूरी है...
- कोरोना वायरस के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए तीन राज्य स्तरीय कंट्रोल कार्य कर रहें हैं।
- 93 व्यक्ति की जांच की गई। सभी नेगेटिव मिले।
- मुख्यमंत्री को समीक्षा बैठक के दौरान कई फोन कॉल आये, जिसमें विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों ने अपनी व्यथा व्यक्त की।
- मुख्यमंत्री ने राज्यवार और जिलावार कार्य अधिकारियों को सौंपने का निदेश दिया
- मुख्यमंत्री ने झारखण्ड में पदस्थापित अन्य राज्य के आईएएस अधिकारियों से फंसे लोगों की मदद अपने स्तर से करने का अनुरोध किया
उपस्थिति
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी, अपर मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह, प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव श्री अविनाश कुमार, प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, पुलिस महानिदेशक श्री एमवी राव, विशेष सचिव श्री रमाकांत सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपालजी तिवारी, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग श्री राजीव लोचन बक्शी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री अभिषेक प्रसाद व अन्य उपस्थित थे।
यहां जानें कोरोना वायरस को लेकर बुधवार को दिनभर झारखंड में क्या-क्या हुआ...
सारे अनुसंधान बंद, 80 हजार पुलिस कोरोना से निपटने में जुटी
कोरोना से निपटने के लिए पुलिस ने कमर कसी। सारे अनुसंधान हुए बंद। राज्य में चोरी-डकैती या अपराध के मामले भी एकदम कम। मंगलवार को एक भी मामला रांची के किसी थाने में दर्ज नहीं हुआ। एनआइए और सीबीआइ का अनुसंधान भी रुक गया है।
खाद्यान्न व सिलिंडर की कालाबाजारी पर सख्ती से कसें नकेल : सीएम
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी जिला उपायुक्तों एवं पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य में खाद्य पदार्थों की कालाबाजारी और गैस सिलिंडर से जुड़ी घटनाओं पर सख्ती से नकेल कसें। उन्होंने कहा कि कंट्रोल रूम के माध्यम से सूचना मिल रही है कि कुछ जिलों में यह समस्या अभी भी आ रही है। इस बाबत जीरो टॉलरेंस अपना कर सख्ती से जारी निर्देश का पालन सारे वरीय अधिकारी सुनिश्चित करें।
इस डॉक्टर दंपती से सीखें कोरोना से लड़ना
हजारीबाग में एक की ड्यूटी खत्म होती है तो दूसरे की शुरू। घर में साथ रहकर भी नहीं हो पाती मुलाकात। 12 से 14 घंटे की कर रहे हैं ड्यूटी। हजारीबाग में करीब आधा दर्जन चिकित्सक दंपती निभा रहे हैं फर्ज। ऐसे चिकित्सकों की सेवा भाव पर आधारित रिपोर्ट। हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में हर दिन बढ़ रही है कोरोना जांच के लिए आने वाले लोगों की संख्या। हर दिन 500 से भी अधिक लोग जांच कराने पहुंच रहे लोग।
जिला प्रशासन घरों तक पहुंचा रहा राशन और सब्जियां
रांची में जिला प्रशासन के वोलिंटियर्स पहुंचाएंगे राशन। पंडरा बाजार समिति से दी जाएगी यह सेवा। इसके लिए खास किस्म का एप किया गया है तैयार।
कार्मिक के निर्देश पर सभी विभागों ने तैयार किया रोस्टर प्लान
अब रोस्टर के आधार पर ही बुलाया जाएगा कर्मियों को। जिन अधिकारियों को बुलाए जाने की विशेष आवश्यकता नहीं है, उन्हें घर से ही काम करने को कहा गया है। कुल कर्मियों की तुलना में आधे तक ही होंगे रोस्टरकर्मी।
कोरोना से निपटने को आगे आएं स्वयं सेवक : मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भारतीय नववर्ष पर संदेश जारी कर कोरोना से निपटने के लिए सामूहिक जिम्मेदारी का आह्वान किया है। उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए स्वयं सेवकों को आगे आने को कहा है।
स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे रिम्स, चल रही है समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता इस समय राज्य के सबसे बड़े मेडिकल इंस्टीच्यूट रिम्स में कोरोना वायरस से निपटने को लेकर किए गए इंतजाम की समीक्षा कर रहे हैं। इससे पूर्व उन्होंने कोरोना हेल्प डेस्क और इमरजेंसी सेवा का भी निरीक्षण किया और डॉक्टरों से बात की।
बिना नल छुए एंटीसेप्टिक पानी से हाथ धोएंगे ग्राहक
जमशेदपुर में पीएम मोदी के राष्ट्र के नाम दूसरे संबोधन के बाद राशन दुकानदारों ने कोरोना से निबटने की पूरी तैयारी कर ली है। ऐसे एक दुकानदार ने अपने दुकान में ऑटोमेटिक हैंडवाश मशीन को अपनी दुकान पर लगाया है। इसमें बिना नल छुए ऐंटीसेप्टि पानी से ग्राहक हाथ धो पायेंगे। इसमें हाथ धोने के बाद ग्राहकों को सामान मिल पायेगा।
कोयला सेक्टर पर प्रतिकूल असर
कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा के बाद कोयला सेक्टर पर इसका असर पड़ेगा। कोयला उत्पादन व डिस्पैच कम होने से इसका सीधा असर पावर प्लांट में कम कोयला की सप्लाई होगी। वर्तमान समय पावर प्लांट के समक्ष मात्र बीस से पच्चीस दिन का ही कोयला स्टॉक बचा हुआ है। ऐसे में कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन प्रभावित होगी।