India Budget 2021-22: टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं, 75+ वाले पेंशनधारकों को नहीं भरना होगा ITR
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश किए गए आम बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया। हालांकि वित्त मंत्री ने 75 साल या उससे अधिक उम्र के पेंशनधारकों को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल करने की छूट दी है।
रांची, जासं । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज संसद में पेश किए गए आम बजट में टैक्स स्लैब में किसी प्रकार का बदलाव की घोषणा नहीं की गई। हालांकि वित्त मंत्री ने 75 साल या उससे अधिक उम्र के पेंशनधारकों को बड़ी राहत देते हुए इनकम टैक्स रिटर्न नहीं फाइल करने की छूट दी है। इसके अलावा निवेश को आकर्षित करने के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाया गया। साथ ही डिविडेंड टैक्स भी हटाया गया है।
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष दीपक मारू ने कहा कि सीनियर सिटिजन को आईटीआर में मिली छूट सराहनीय पहल है। वहीं उन्होंने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होने को लेकर कहा कि हर साल स्लैब में बदलाव जरूरी नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले सभी टैक्स स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए थे। झारखंड चैंबर आफ कामर्स के द्वारा सरकार से आग्रह किया जा चुका था कि झारखंड में उद्योग और कारोबार को बढ़ाने के लिए सेक्शन 80 सी का दायरा बढ़ाया जाए।
बजट 2020 में आयकर एक नजर मेंः
बजट 2020-21 में 5 लाख से 7.5 लाख तक की आमदनी पर 10 प्रतिशत टैक्स देना था। इससे पहले 20 प्रतिशत टैक्स लागू था। वहीं 7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 15 प्रतिशत की दर से टैक्स देना था। इससे पहले इस स्लैब में भी 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता था। वहीं 10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20 प्रतिशत की टैक्स देनदारी की राहत देकर उच्च वर्ग को सरकार ने बड़ी राहत दी थी। इससे पहले उन्हें 30 प्रतिशत से टैक्स देना होता था। साथ ही 12.5 लाख से 15 लाख तक 25 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया गया। हालांकि 15 लाख रुपये से ऊपर की टैक्स स्लैब पर पहले की तरह ही 30 प्रतिशत की दर से लगने वाले टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया था।
बजट 2019 आयकर एक नजर मेंः
इस बजट की खास बात ये थी कि सरकार के द्वारा स्टैंडर्ड डिडक्शन लागू किया गया। करदाता के कुल आय में से एक निश्चित राशि घटाने के बाद जो राशि बनती है, उसे टैक्सेबल इनकम कहते हैं। इस घटाई गयी निश्चित राशि को स्टैंडर्ड डिडक्शन कहते हैं। पहले स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा चालिस हजार थी। फिर इसे 2019 सीमा का विस्तार 50 हजार तक किया गया। इसके तहत तीन लाख की आय पर कोई कर देय नहीं होता। वहीं पांच लाख रुपये से उपर की राशि पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स देय होगा।
बजट 2018 में आयकर एक नजर मेंः
वर्ष 2018 के बजट में आयकर के टैक्स स्लैब में कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया था। इसे पूर्व की तरह ही यथावत रखा गया। इसके तहत 0 से 2.5 लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं। वहीं 2.5 लाख से 5लाख रूपए तक की आय पर पांच प्रतिशत कर, 5 लाख से 10 लाख तक के आय पर 20 प्रतिशत का कर और 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान था।