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चारा घोटाला के किंगपिन एसबी सिन्हा की संपत्ति पर Income Tax का दावा

इनकम टैक्स का कहना है कि एसबी सिन्हा के घर से बरामद 2.5 करोड़ रुपये गोल्ड बांड और ज्वैलरी को उन्हें सौंप दिया जाए ताकि इस संपत्ति को टैक्स में समायोजित किया जा सके।

By Edited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 07:44 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 08:25 AM (IST)
चारा घोटाला के किंगपिन एसबी सिन्हा की संपत्ति पर Income Tax का दावा
चारा घोटाला के किंगपिन एसबी सिन्हा की संपत्ति पर Income Tax का दावा

रांची, [मनोज कुमार सिंह]। देश के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपये के चारा घोटाला मामले के किंगपिन रहे एसबी सिन्हा के घर से बरामद संपत्ति पर इनकम टैक्स विभाग ने अपना दावा ठोका है। इनकम टैक्स का कहना है कि एसबी सिन्हा के घर से बरामद 2.5 करोड़ रुपये, गोल्ड बांड और ज्वैलरी को उन्हें सौंप दिया जाए, ताकि इस संपत्ति को टैक्स में समायोजित किया जा सके।

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दरअसल चारा घोटाला मामले के खुलासा होने के बाद सीबीआइ ने वर्ष 1996-97 में एसबी सिन्हा के घर पर छापेमारी की थी। इस दौरान सीबीआइ को उनके घर से 2.48 करोड़ रुपये, गोल्ड बाड व भारी मात्रा में ज्वैलरी बरामद हुई थी। सीबीआइ ने बरामद संपत्ति को एसबीआइ में जमा करा दिया था। इसी बीच इनकम टैक्स ने एसबी सिन्हा की अघोषित संपत्ति को देखते हुए जुर्माने के साथ 16 करोड़ रुपये टैक्स जमा करने के लिए नोटिस भेजा।

उधर चारा घोटाला मामले में सुनवाई के दौरान अदालत ने 2001 में सीबीआइ की अनुशंसा पर एसबी सिन्हा की चल-अचल संपत्ति को अटैच कर दिया। इसके खिलाफ एसबी सिन्हा के पुत्र रवि सिन्हा ने हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने रवि सिन्हा की याचिका को खारिज कर दिया।

सीबीआइ कोर्ट से राशि रिलीज करने की गुहार सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद इनकम टैक्स ने 2013-14 में सीबीआइ की विशेष अदालत में एक आवेदन देकर एसबी सिन्हा के घर से बरामद ढाई करोड़ रुपये रिलीज करने की गुहार की। आवेदन में कहा गया कि जब्त राशि को इनकम टैक्स को सौंप दिया जाए, ताकि एसबी सिन्हा के बकाया टैक्स में इसे समायोजित किया जा सके।

दरअसल एसबी सिन्हा के घर से बरामद संपत्ति को अभी तक अटैच नहीं किया गया है। सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने इनकम टैक्स के आवेदन का विरोध किया और कहा कि यह संपत्ति राज्य सरकार की है। इसे इनकम टैक्स को नहीं देना चाहिए। सुनवाई के बाद सीबीआइ कोर्ट ने इनकम टैक्स के आवेदन को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि इससे संबंधित मामले हाई कोर्ट में लंबित हैं, इसलिए अदालत जब्त राशि को निर्गत करने का आदेश नहीं दे सकती है। सीबीआइ कोर्ट के आदेश के खिलाफ 2016 में इनकम टैक्स ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका (डब्ल्यूपीसीआर- 132-2016) दाखिल की।

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