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Jharkhand Crime: अलकतरा घोटाला मामले में ईडी ने मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन की 71 डिसमिल जमीन पर किया कब्जा

Jharkhand Crime प्रवर्तन निदेशालय ने बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की 71 डिसमिल जमीन पर कब्जा किया। ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम में यह कार्रवाई की है। कंपनी के निदेशक दिलीप कुमार सिंह की यह जमीन रामगढ़ के चितरपुर में है।

By Kanchan SinghEdited By: Published: Mon, 25 Oct 2021 09:07 PM (IST)Updated: Mon, 25 Oct 2021 09:07 PM (IST)
Jharkhand Crime: अलकतरा घोटाला मामले में ईडी ने मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन की 71 डिसमिल जमीन पर किया कब्जा
ईडी ने अलकतरा घोटाले में मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की 71 डिसमिल जमीन पर कब्जा किया।

रांची, राब्यू । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड की 71 डिसमिल जमीन पर सोमवार को कब्जा किया। ईडी ने मनी लांड्रिंग अधिनियम में यह कार्रवाई की है। कंपनी के निदेशक दिलीप कुमार सिंह की यह जमीन रामगढ़ के चितरपुर में है। जमीन की सरकारी कीमत पांच लाख, 62 हजार 914 रुपये बताई गई है। ईडी ने पूर्व में इस केस में 3.19 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की थी, जिसपर ईडी की अधिकृत प्राधिकार ने भी अपनी सहमति दे दी थी।

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ईडी ने मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ रांची स्थित सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में दर्ज प्राथमिकी व दाखिल चार्जशीट के आधार पर केस दर्ज किया था। उक्त चार्जशीट मेसर्स क्लासिक कोल कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पवन कुमार सिंह (अब मृत), दूसरे निदेशक दिलीप कुमार सिंह, झारखंड सरकार के सड़क निर्माण विभाग के 22 इंजीनियर व दो अन्य पर दर्ज किया गया था। उन पर आपराधिक साजिश के तहत घोटाले का आरोप लगा था।

कंपनी को सरकारी कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल), इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) व भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) से ही अलकतरा लेना था, जो नहीं लिया गया। कंपनी के निदेशकों ने बंगाल के रामनगर स्थित एचपीसीएल के 492 फर्जी दस्तावेज सड़क निर्माण विभाग को दिया और 4630 मिट्रिक टन अलकतरा लेने का दावा किया।

इसके एवज में 6.88 करोड़ रुपये का भुगतान भी ले लिया। इसमें सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियरों की भी मिलीभगत रही। ईडी के अनुसंधान में भी इसका खुलासा हो चुका है। इस मामले में ईडी ने रांची स्थित ईडी की विशेष अदालत में 31 मार्च 2018 व 24 नवंबर 2020 को दो अभियोजन शिकायत दाखिल की थी। इस मामले में ट्रायल जारी है।


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