इजरायल मेंमहिला किसानों ने शकरकंद व एवोकैडो की खेती की जानी विधि
झारखंड से इजरायल गए महिला किसानों ने शकरकंद की खेती व उसकी पैकेजिंग की तकनीक से अवगत हुए।
रांची राज्य ब्यूरो । झारखंड से इजरायल गए महिला किसानों ने शकरकंद की खेती व उसकी पैकेजिंग इकाइयों का दौरा किया। शकरकंद कई विटामिन, बीटा कैरोटीन, विटामिन सी और पोटेशियम का एक अच्छा स्त्रोत हैं। वहा के किसान गर्मी के मौसम में इसके लिए खेत की जुताई करते हैं और इसे बोया जाता है। इसको पकने में लगभग तीन से चार महीने लगते हैं। पकने के बाद इसे मशीन से खोदा जाता।
इसके बाद किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने एवोकैडो के बगान और पैकेजिंग इकाई का दौरा किया। यह फल प्रोटीन और ओमेगा-3, फैटी एसिड से भरपूर होता है। इस कारण यह फल पूरे यूरोप में लोकप्रिय है। इसका लगभग 60 फीसद निर्यात इजरायल करता है। इसके उत्पादन में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। इसलिए भारत में भी इसकी खेती की जा सकती है। एक पौधे को अपनी अधिकतम उपज देने में आठ साल लगते हैं। इजरायल गए सभी किसानों के शुक्रवार को वापस झारखंड लौटने की उम्मीद है।
इस पूर्व प्रदेश की महिला किसानों ने इजरायल में टमाटर, गोभी, ककड़ी आदि की खेती की तकनीक से रू-ब-रू हुई थी। किसानों ने जाना था कि कैसे वहां के किसान गैजेट्स के माध्यम से मौसम पर नजर रखते हैं। बदलाव की सूचना मिलते ही किसान बचाव के उपाय कर लेते हैं। कैसे वहां के किसान ड्रिप सिंचाई के माध्यम से जल संरक्षण में अपना योगदान देते हैं। राज्य सरकार कृषि तकनीक को उन्नत करने के उद्देश्य से प्रदेश के किसानों को बाहर भेज रही है। इजरायल गए इस दल में केवल महिलाएं ही शामिल हैं। दल में किसानों के साथ ही अधिकारी भी महिलाएं ही हैं।