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CBSE Class 12 Board Exams 2021: सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा पर बड़ा एलान Latest Update

CBSE Class 10 12 Board Exams 2021 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शनिवार को कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए छात्रों के अंकों की मार्किंग की नीति की घोषणा की जिसे देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए रद कर दिया गया है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 11:19 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 05:04 AM (IST)
CBSE Class 12 Board Exams 2021: सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा पर बड़ा एलान Latest Update
CBSE Class 10 & 12 Board Exams 2021: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) बोर्ड परीक्षा को लेकर बड़ा एलान किया।

रांची, जेएनएन। CBSE Classs 10 & 12 Board Exams 2021 केंद्रीय माध्‍यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई ने वर्ष 2021 के लिए कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए मूल्‍यांकन नीति घोषित कर दी है। इसके साथ ही कोरोना महामारी को लेकर रद की गई गई सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर सभी संशय दूर हो गए हैं। 10वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम 20 जून तक घोषित किए जाएंगे। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शनिवार को कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए अंकों के सारणीकरण की नीति की घोषणा की, जिसे देश में कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को देखते हुए रद कर दिया गया है। सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा पर अहम फैसला 1 जून को लिया जाएगा।

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10वीं बोर्ड में ऐसे होगा छात्रों का मूल्‍याकंन

सीबीएसई की 10वीं बोर्ड मूल्‍यांकन नीति के अनुसार, जबकि प्रत्येक विषय के लिए 20 अंक प्रत्येक वर्ष आंतरिक मूल्यांकन के लिए होंगे। वहीं 80 अंक की गणना पूरे वर्ष विभिन्न परीक्षाओं में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर की जाएगी। छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए अधिकतम 100 अंकों का मूल्यांकन किया जाएगा। बोर्ड की नीति के अनुसार, 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए और 80 अंक साल के अंत में बोर्ड परीक्षाओं के लिए हैं।

सालभर की परीक्षाओं के लिए मिलेंगे 80 अंक

सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक सनम भारद्वाज ने बताया कि वर्ष 2021 के लिए किसी भी माध्यम से छात्रों का परीक्षण और परीक्षा आयोजित करने वाले स्कूलों के अधिकतम अंकों के संदर्भ में 10वीं बोर्ड परीक्षा का वेटेज होगा - इसमें आवधिक परीक्षण/यूनिट टेस्ट (10 अंक), अर्धवार्षिक परीक्षा (30 अंक) और प्री-बोर्ड परीक्षा (40 अंक) ) मिलेंगे। बोर्ड ने स्कूलों को परिणाम को अंतिम रूप देने के लिए प्रिंसिपल और सात शिक्षकों से मिलकर एक परिणाम समिति भी बनाने को कहा है।

सात शिक्षकों की समिति बनाएगी छात्रों का रिजल्‍ट

स्कूल के पांच शिक्षक गणित, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और दो भाषाओं से होने चाहिए, और पड़ोसी स्कूलों के दो शिक्षकों को समिति के बाहरी सदस्यों के रूप में स्कूल द्वारा उनके साथ चुना जाना चाहिए। सीबीएसई ने कहा कि कोरोना महामारी की स्थिति में, छात्रों को समय पर सही परिणाम देना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन बोर्ड को भरोसा है कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों के प्रत्येक शिक्षक और हर शिक्षक इस प्रक्रिया को व्यावसायिकता, संगति और उच्चतम डिग्री के साथ पूरा करेंगे। सटीक और उचित परिणाम सुनिश्चित करने के लिए सीबीएसई मूल्‍यांकन प्रक्रिया पर पैनी नजर रखेगा।

छात्रों को पिछले प्रदर्शन के आधार पर मिलेंगे अंक

सीबीएसई ने कहा कि स्कूलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उनके द्वारा दिए गए अंक 10वीं कक्षा की परीक्षाओं में स्कूल के पिछले प्रदर्शन के अनुरूप हों। स्कूलों से अपेक्षा की जाती है कि वे छात्र का निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन करें और ऐसा करने के लिए उन्हें स्वायत्तता और लचीलापन दिया गया है। हालांकि, अंकों के मॉडरेशन की प्रक्रिया के माध्यम से स्कूल स्तर की मूल्यांकन प्रक्रियाओं में भिन्नताओं का ध्यान रखने के लिए स्कूलों में स्कोर को मानकीकृत करने की आवश्यकता है।

पक्षपात करने पर स्‍कूलों पर कड़ी कार्रवाई

सीबीएसई ने स्कूलों को मूल्यांकन के लिए अनुचित तरीका और पक्षपात में लिप्त होने के खिलाफ चेतावनी दी है। ऐसा करने पर उन्हें दंड या कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। बोर्ड ने कहा कि परिणाम 20 जून तक घोषित किया जाएगा। स्कूल 5 मई तक आठ-सदस्यीय परिणाम समितियों का गठन करेंगे। अंकों के स्कूल-वार वितरण के साथ-साथ औचित्य दस्तावेज को अंतिम रूप देने का प्रावधान 10 मई तक होगा। स्कूल 15 मई तक ऑनलाइन या टेलीफोनिक मूल्यांकन करेंगे और 25 मई तक परिणाम को अंतिम रूप देना होगा।

20 जून को घोषित होगा सीबीएसई 10वीं बोर्ड का रिजल्‍ट

सीबीएसई परीक्षा नियंत्रक ने कहा कि सभी स्‍कूलों को छात्रों का मार्क्‍स लिस्‍ट, अंक तालिका को 11 जून तक सीबीएसई को जमा करना होगा और परिणाम 20 जून तक घोषित किया जाएगा। इससे पहले सीबीएसइ ने 14 अप्रैल को कक्षा 10वीं बोर्ड की परीक्षा रद कर दी थी और कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि को देखते हुए कक्षा 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बोर्ड परीक्षा आमतौर पर फरवरी-मार्च में आयोजित की जाती है। हालांकि, बोर्ड ने महामारी की स्थिति के कारण उन्हें इस साल मई-जून में आयोजित करने का फैसला किया था।

लॉकडाउन के चलते सीबीएसई का बड़ा फैसला

देशभर में लॉकडाउन लागू होने के बाद कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सीबीएसई स्कूलों को पिछले साल मार्च 2020 में बंद कर दिया गया था। कई राज्यों ने पिछले साल अक्टूबर से आंशिक रूप से स्कूलों को फिर से खोलना शुरू कर दिया था, लेकिन कोरोनो वायरस के मामलों में वृद्धि के कारण ऑफलाइन कक्षाएं फिर से निलंबित की जा रही हैं। पिछले साल, बोर्ड परीक्षाओं को मार्च में मिड-वे पर स्थगित करना पड़ा था। बाद में उन्हें रद कर दिया गया और एक वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर छात्रों के परिणाम घोषित किए गए।


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