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जाली प्रमाणपत्र पर सैनिक स्कूल तिलैया में नामांकन ले रहे बच्चे

राज्य के प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल, तिलैया में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर बड़ी उम्र के बच्चे नामांकन ले रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 05:33 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 05:33 AM (IST)
जाली प्रमाणपत्र पर सैनिक स्कूल तिलैया में नामांकन ले रहे बच्चे
जाली प्रमाणपत्र पर सैनिक स्कूल तिलैया में नामांकन ले रहे बच्चे

रांची, नीरज अम्बष्ठ। राज्य के प्रतिष्ठित स्कूल सैनिक स्कूल, तिलैया में सेंधमारी हो रही है। यहां जाली प्रमाणपत्र बनवाकर निर्धारित आयु सीमा से अधिक उम्र के बच्चे दाखिला लेने में सफल हो जा रहे हैं। स्कूल के प्राचार्य ने भी इसे स्वीकार किया है।

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इस साल होनेवाले नामांकन में ऐसा न हो, इसके लिए बच्चों की व्यापक स्वास्थ्य जांच का निर्णय लिया गया है। स्कूल के प्राचार्य एस जैकब ने स्वास्थ्य सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी को पत्र भेजकर अधिक उम्र के बच्चों का नामांकन हो जाने की बात कही है। उन्होंने इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है।

उनके अनुसार, ऐसा देखा गया है कि जाली/संदिग्ध जन्म प्रमाणपत्र का उपयोग कर शारीरिक रूप से पूर्णत: विकसित छात्र स्कूल में नामांकन कराने में सफल हो जाते हैं। उन्होंने अधिक उम्र के बच्चों के नामांकन हो जाने के दुष्परिणाम से भी अवगत कराया है। साथ ही नए नामांकन में छात्रों की गहन शारीरिक जांच पर जोर दिया है।

उन्होंने इस सत्र में नामांकन के लिए 11 से 28 फरवरी तक सैनिक अस्पताल, नामकुम में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण प्रस्तावित होने का जिक्र करते हुए कहा है कि इस परीक्षण के लिए विशेषज्ञों की टीम में ईएनटी, मेडिसिन, सर्जन, नेत्र तथा दंत चिकित्सक शामिल हैं।

उनके अनुसार, बच्चे के शारीरिक विकास के परिप्रेक्ष्य में सही उम्र का पता लगाने के लिए उपयुक्त स्वास्थ्य परीक्षण, हड्डियों के घनत्व आदि की जांच बेहद जरूरी है। लेकिन इन शारीरिक जांच के लिए सैनिक अस्पताल, नामकुम में समुचित संसाधन या विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं है। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव से स्वास्थ्य परीक्षण के लिए रांची में किसी सरकारी अस्पताल को नामित करने का अनुरोध किया है जहां अपेक्षित संसाधन के अलावा विशेषज्ञ उपलब्ध हों। इधर, स्वास्थ्य सचिव ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए रांची सिविल सर्जन को इसपर आवश्यक कदम उठाने को कहा है।

जानिए क्या हो रहा नुकसान

प्राचार्य के ही अनुसार, अधिक उम्र के बच्चों के नामांकन हो जाने से छात्रों के बीच कक्षाओं तथा खेल के मैदान आदि में छात्रों में शारीरिक, बौद्धिक और भावनात्मक विषमता देखने को मिलती है। इससे आपसी सौहार्द बनाने व संसाधनों के आवंटन में कठिनाई होती है। साथ ही इसे योग्य छात्र नामांकन से वंचित हो जाते हैं। शुल्क व अनुदान के रूप में राज्य सरकार द्वारा दी जानेवाली राशि का भी सही उपयोग नहीं हो पाता।

नामांकन के लिए निर्धारित आयु सीमा

सैनिक स्कूल में प्रवेश परीक्षा के आधार पर कक्षा छह और नौ में नामांकन होता है। कक्षा छह में नामांकन के लिए आयु सीमा 10 से 12 वर्ष तथा कक्षा नौ में नामांकन के लिए 13 से 15 वर्ष निर्धारित है।


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