झारखंड में अवैध खनन का खेल... 15 टन के चालान पर 30 टन खनिज ढुलाई... हर माह करोड़ों का नुकसान
Jharkhand Illegal Mining झारखंड में अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। 15 टन के चालान पर 25-30 टन खनिज की यहां ढुलाई होती है। यहां आसानी से खपाया जा रहे हैं अवैध खनन से निकले खनिज। अवैध खनन के नेटवर्क पर प्रशासन नहीं लगा पा रहा अंकुश।
मेदिनीनगर (पलामू), जागरण संवाददाता। पलामू जिले में विभिन्न खनिज पदार्थों की ढुलाई कर रहे वाहनों में ट्रैकिंग डिवाइस नहीं लगाया जा सका है। वाहन मालिक धड़ल्ले से ओवरलोडिंग कर रहे हैं। स्थिति यह बन गई है कि 15 टन के चालान पर 25 से 30 टन पत्थर खनिज की ढुलाई की जा रही है। इसके जरिये अवैध खनन से निकले खनिजों को आसानी से खपाया जाता है। वहीं खनन विभाग को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार, पलामू जिले में प्रतिदिन एक हजार से अधिक वाहनों से पत्थर खनिज की ढुलाई की जाती है। अगर इनमें से आधे भी औसतन 10 टन ओवरलोडिंग करते है तो राजस्व नुकसान का आंकड़ा प्रतिमाह करोड़ों में पहुंच जाता है। सभी वाहनों में अगर डिवाइस लगा दिया जाता तो फर्जी चालान से खनिज का परिवहन मुमकिन नहीं होता। विभागीय अधिकारियों की मानें तो डिवाइस परिवहन चालान से निर्गत होने के तुरंत बाद सक्रिय हो जाता है। इसी तरह ओवरलोडेड वाहन होने पर डिवाइस इसकी सूचना दे देता। इससे पता चल जाएगा कि चालान पर दर्ज वजन से कितना अधिक वजन के खनिज की ढुलाई हो रही है। अवैध खनन व ओवरलोडिंग के धंधे में लगे लोगों का नेटवर्क इतना मजबूत है कि जिला मुख्यालय से खनन टास्क फोर्स के बाहर निकलते ही इनकी गतिविधियों की खबर सार्वजनिक हो जाती है।
रात के अंधेरे में हो रही बालू की ढुलाई
मेदिनीनगर जिला मुख्यालय के सदर थाना व चैनुपर थाना में संगठित व्यवसाय की तरह प्रतिदिन रात के अंधेरे में सैकड़ों ट्रैक्टर बालू की अवैध ढुलाई का काम धड़ल्ले से जारी है। यही नहीं शहर थाना के कुछ क्षेत्रों में रात के अंधेरे में बालू का परिवहन देखा जा सकता है। सदर थाना के भुसही से लेकर टीओपी टू का कांदू मुहल्ला तो अवैध बालू के कारोबार के लिए बदनाम हो गया है। जोड़ अमानत नदी में तो दिन में भी बालू का अवैध उठाव जारी है। कुल मिलाकर यहां योजना बनाकर बालू की ढुलाई की जा रही है। इस धंधे में लगे लोग एस्कार्ट कर बालू लदे वाहनों का परिवहन कराने में जुट जाते हैं। जानकारी के अनुसार माफियाओं द्वारा प्रति ट्रैक्टर बालू ढाई हजार तक में बेचा जाता है। इसमें लोडिंग व परिवहन में 1500 रुपये तक खर्च आता है। शेष बचे एक हजार रुपये में सभी का बराबर हिस्सा बांटे जाने की बात कही जाती है।
सूचना मिलने पर कार्रवाई करता है विभाग
पलामू के जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार कहते हैं कि अवैध खनन के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जा रही है। टास्क फोर्स पूरी सक्रियता से कार्य कर रही है। कई बार खनन माफिया पकड़े भी जाते हैं। सूचना मिलने पर विभाग कार्रवाई जरूर करता है। बहरहाल, आकड़ों पर नजर डालें तो मार्च 2022 तक अवैध खनन, परिवहन व भंडारकर्ताओं के 251 मामलों में कार्रवाई की गई है। 12 प्राथमिकी दर्ज कर 248 वाहन जब्त किए गए हैं।