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विज्ञापन न रोस्टर, बहाल कर लिए टीचर, सात साल से दबी फाइल खुली, सीबीआइ जांच में भी हुई थी पुष्टि

झारखंड के राजकीय कन्या मध्य विद्यालयों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की फाइल फिर से खुल गई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 03:07 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 03:07 PM (IST)
विज्ञापन न रोस्टर, बहाल कर लिए टीचर, सात साल से दबी फाइल खुली, सीबीआइ जांच में भी हुई थी पुष्टि
विज्ञापन न रोस्टर, बहाल कर लिए टीचर, सात साल से दबी फाइल खुली, सीबीआइ जांच में भी हुई थी पुष्टि

नीरज अम्बष्ठ, रांची : झारखंड के राजकीय कन्या मध्य विद्यालयों में महिला शिक्षकों की नियुक्ति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। यह गड़बड़ी संयुक्त बिहार के समय 1980 से 1990 के दौरान हुई।

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नियुक्ति के लिए न तो विज्ञापन निकला, न ही आरक्षण नियमों का अनुपालन हुआ। राज्यस्तरीय पद होने के बावजूद जिला विद्यालय निरीक्षकों ने सिर्फ अपने नोटिस बोर्ड पर सूचना प्रकाशित कर नियुक्ति कर ली। इनमें से कई नियुक्तियां राजनेताओं की अनुशंसाओं पर भी हुई। इस तरह तकरीबन दो दर्जन से अधिक नियुक्तियां झारखंड में हुई।

झारखंड बनने के बाद इस नियुक्ति की सीबीआइ जांच हुई। सीबीआइ ने अपनी जांच में नियुक्ति में व्यापक अनियमितता का जिक्र करते हुए कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की। सबसे बड़ी बात यह कि सीबीआइ की अनुशंसा के आलोक में शिक्षा विभाग ने वर्ष-2011 में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों से भी इसकी जांच कराई।

इसमें भी भारी गड़बड़ी की पुष्टि हुई। इसके बावजूद न तो नियुक्त महिला शिक्षकों की सेवा समाप्त हुई और न ही मामले में दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई। उल्टे सात वर्षो तक विभाग में यह फाइल दबी रही।

अवैध नियुक्त महिला शिक्षकों को शो-कॉज

अब यह मामला संज्ञान में आने के बाद शिक्षा विभाग में इसकी फिर से फाइल खुल गई है। विभाग ने इस साल अप्रैल में क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशकों से दोबारा उक्त रिपोर्ट मंगाई। इस गुरुवार को अवैध नियुक्त शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर निर्धारित प्रक्रिया के तहत उनसे द्वितीय कारण पृच्छा की गई।

शिक्षकों को कहा गया है कि 17 अगस्त तक जवाब नहीं देने पर उनके विरुद्ध एकतरफा कार्रवाई की जाएगी। इनमें देवघर राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की शिक्षिका पुष्पा गुप्ता, मिन्नी गुप्ता, विद्या कुमारी, विमला ठाकुर, बेबी रानी सिंह, साहिबगंज राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की भास्वती शर्मा, दुमका राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की मालती दास, खूंटी राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की सुषमा कुमारी तथा हजारीबाग स्थित राजकीय बालिका उवि की नेलदरोम कंडिर शामिल हैं।

बताया जाता है कि अन्य जिलों में भी इस तरह की गड़बड़ी हुई है। लगभग एक दर्जन अन्य शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी है। वहीं

उम्र सीमा पार होने के बाद भी नियुक्ति

देवघर स्थित राजकीय कन्या मध्य विद्यालय की शिक्षिका विद्या कुमारी की नियुक्तिनिर्धारित आयु सीमा से 5 वर्ष 19 माह अधिक होने के बावजूद हुई। इस संबंध में शिक्षिका ने स्पष्टीकरण दिया कि उसकी उच्च शिक्षा बीए बीएड को देखते हुए उम्र सीमा को विलोपित करते हुए उसकी नियुक्ति की गई।

हालांकि जांच में वह उम्र सीमा के विलोपित किए जाने का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा सकी। इसी तरह, शकुंतला कुमारी की नियुक्ति राजकीय कन्या विद्यालय गोड्डा में निर्धारित आयु सीमा से 4 वर्ष तीन माह अधिक की उम्र में हुई। जांच में इस बाबत पूछे जाने पर शिक्षिका जांच पदाधिकारी को कोई जवाब नहीं दे सकी।


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