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आप एक मोबाइल देंगे तो शुरू हो सकेगी एक बच्चे की पढ़ाई-लिखाई

आनलाइन पढ़ाई के लिए बच्चों को मोबाइल देने की अपील

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Dec 2021 09:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 Dec 2021 09:00 AM (IST)
आप एक मोबाइल देंगे तो शुरू हो सकेगी एक बच्चे की पढ़ाई-लिखाई
आप एक मोबाइल देंगे तो शुरू हो सकेगी एक बच्चे की पढ़ाई-लिखाई

जागरण संवाददाता, रांची : अभी कोरोना की पहली और दूसरी लहर से लोग उबर ही रहे हैं कि संभावित तीसरी लहर के बीच कोविड का नया वैरिएंट ओमिक्रोन अपना सिर उठाने लगा है। ऐसी परिस्थिति में राज्य में प्राइमरी स्कूलों को खोलने को लेकर जो मांग की जा रही थी, वह फिर से आशंकाओं एवं उम्मीदों के बीच बंट गई है। ऑनलाइन कक्षाएं तो पिछले दो साल से जारी हैं। लेकिन राज्य में लगभग 19 लाख ऐसे बच्चे हैं, जो एंड्रायड फोन न होने की वजह से दो साल से पढ़ाई से वंचित हैं। ऐसे जरूरतमंद बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई शुरू करने के उद्देश्य को लेकर दैनिक जागरण की ओर से 'दान करें मोबाइल, विद्यादान है महादान' अभियान की शुरूआत की गई है। मंगलवार को इस अभियान को लायंस क्लब ऑफ रांची फेमिना और अखिल भारतीय महिला परिषद मुख्य शाखा का समर्थन प्राप्त हुआ। इस विषय पर आयोजित वेबिनार में शामिल हुईं दोनों महिला संगठनों से जुड़ीं पदाधिकारी एवं सदस्यों ने मुक्तकंठ से अभियान की सराहना करते हुए समर्थन देने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि अगर आप एक मोबाइल देंगे तो एक बच्चे की पढ़ाई-लिखाई शुरू हो जाएगी। मोबाइल फोन प्रदान करने के साथ ही अभिभावकों एवं बच्चों को मोबाइल के नकारात्मक पक्ष के प्रति जागरूक करते हुए लिखित कंटेट, पोस्टर आदि वितरण करने के साथ ही वीडियो के माध्यम से भी उन्हें जागरूक करने की सलाह भी दी गई।

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महिला संगठन की पदाधिकारी एवं सदस्यों ने यह कहा : गरीब और जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है और इसका कारण अभिभावकों के पास एंड्रायड मोबाइल फोन का न होना है। ऐसे में, हम अपने घर में पड़े पुराने फोन को उनकी पढ़ाई के लिए दान में दे सकते हैं। दैनिक जागरण का यह सराहनीय प्रयास है। हम पूरा समर्थन करते हैं।

- गीता प्रसाद, अध्यक्ष, लायंस क्लब ऑफ रांची फेमिना इस महत्वपूर्ण अभियान को शुरू करने के लिए दैनिक जागरण की जितनी सराहना की जाए, कम है। डेल्टा के बाद अब नए वैरिएंट ओमिक्रोन की बात हो रही है। ऐसे में, ऑनलाइन क्लास के लिए जरूरतमंद बच्चों के पास एंड्रायड फोन होना ही चाहिए। हम इस अभियान का पूरा समर्थन करते हुए सहयोग का संकल्प लेते हैं।

- पूनम आनंद, समाजसेविका व सदस्य, लायंस क्लब ऑफ रांची फेमिना। इस अभियान में समाज के सभी वर्ग की सहभागिता की जरूरत है। मैं न सिर्फ इस अभियान को सफल बनाने के लिए बढ़-चढ़कर शामिल होउंगी, बल्कि अन्य लोगों को भी जरूरतमंद बच्चों की मदद करने के लिए नए-पुराने एंड्रायड मोबाइल दान करने के लिए प्रेरित करूंगी।

- आशा माहेश्वरी, सदस्य, लायंस क्लब ऑफ रांची फेमिना दैनिक जागरण का यह अभियान सराहनीय है। हम सभी को जरूरतमंद बच्चों के लिए ज्यादा से ज्यादा मोबाइल फोन संग्रह करने की जरूरत है। हर घर में एकाध पुराने फोन जरूर होंगे। अगर उन्हें ही जरूरतमंद बच्चों को मुहैया करा दिया जाए, तो उनकी पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।

- विनीता शरण, सदस्य, लायंस क्लब ऑफ रांची फेमिना। डिजिटल कंटेट के लिए बच्चों के पास स्मार्ट फोन होना जरूरी हो गया है। मौजूदा समय में इंटरनेट और गूगल शिक्षक की भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि जिन बच्चों के घर में एंड्रायड फोन नहीं हैं, वे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित हैं। ऐसे बच्चों की मदद के लिए हम सभी को आगे आने की जरूरत है।

- ज्योत्सना कुमार, सचिव, अखिल भारतीय महिला परिषद मुख्य शाखा। यह सराहनीय अभियान है। समय की भी यही मांग है। हालांकि ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को मोबाइल का नकारात्मक पक्ष भी बताना जरूरी है। उनके अभिभावकों को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है।

- माया वर्मा, सदस्य, अखिल भारतीय महिला परिषद मुख्य शाखा। हम दैनिक जागरण के इस अभियान का समर्थन करते हैं। जरूरतमंद बच्चों के लिए फोन संग्रह करने में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे। लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर एवं वीडियो के द्वारा भी प्रचार प्रसार किया जा सकता है।

- नुपुर अशोक, समाजसेविका।


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