सीसीएल का कोयला चुराया तो लाइव वीडियो के साथ दिखेगा लोकेशन
राची झारखंड की सबसे बहुमूल्य खनिज संपदा कोयला का सबसे ज्यादा खनन सीसीएल के द्वारा किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, राची : झारखंड की सबसे बहुमूल्य खनिज संपदा कोयला का सबसे ज्यादा खनन सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड (सीसीएल) के द्वारा किया जा रहा है। सीसीएल ने पिछले कुछ सालों में संतुलित खनन और बेहतर उत्पादन से देश की विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मगर पिछले कुछ वषरें में कोयले की ढुलाई में गड़बड़ी की कई खबरें सामने आई हैं। इसमें ट्रकों पर से माल की चोरी और ओवरलोड के मामले सबसे ज्यादा थे। इसे देखते हुए सीसीएल ने हाई टेक तकनीकों का सहारा लिया है। कंपनी के द्वारा ट्रकों की निगरानी के लिए जीपीएस, सीसीटीवी और आरएफआइडी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे ट्रकों पर से होने वाली चोरी को रोकने में बड़ी सहायता मिली है। इस बारे में सीसीएल के निदेशक (कार्मिक) आरएस महापात्र ने बताया कि कुछ महीनों में ही इन तकनीकों का इस्तेमाल करके हजारों टन कोयले की चोरी को रोका गया है। ओवर लोड, ओवर स्पीड, बेवजह ट्रकों का रुकना आदि मामले भी रोकें जा सकते हैं। क्या है चोरी पर चेक का प्लान-
सीसीएल ने चोरी रोकने के लिए वृहद स्तर पर योजना बनाकर कार्य शुरू किया है। सीसीएल में अनुबंध के आधार पर ज्यादातर ट्रक कोयले की ढुलाई करते हैं। कंपनी ने 2150 ट्रकों में जीपीएस लगाया है। इसके साथ ही ड्राइवरों को सख्त हिदायत दी गयी है कि वो जीपीएस के साथ छेड़छाड़ नहीं करें। इसके अलावा कंपनी ने 112 कांटाघरों पर आरएफआइडी आधारित सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। जैसे ही कोई ट्रक कांटाघर पहुंचता है तो आरएफआइडी से उसके माल का वजन, ड्राइवर का विवरण और वीडियो सीसीएल मुख्यालय में मिल जाता है। सीसीएल में 24 घंटे इसकी निगरानी की जाती है। बिना जीपीएस और आरएफआइडी लगे ट्रक खदान से माल लोड नहीं करके निकले इसके लिए भी एक चेक प्वाइंट बनाया गया है। कम समय में माल ढुलाई का मिलता है फायदा-
जीपीएस मोनिटरिंग से ट्रक के सटीक लोकेशन का पता हमेशा मुख्यालय के पास होता है। ट्रक ड्राइवर को एक छोड़ से दूसरे छोड़ जाने के लिए सबसे छोटा रास्ता भी बताया जाता है। इससे माल की ढुलाई नियत समय पर की जा सकती है। ट्रकों से सुरक्षित ढुलाई के लिए सुरक्षा के छह चक्र सुनिश्चित किये जाते हैं। ट्रक ड्राइवर यदि दिए गए रूट से अलग ट्रक को लेकर जाता है तो इसकी सूचना जिला मुख्यालय और सीसीएल राची मुख्यालय के संबंधित अधिकारी के मोबाइल पर और आफिस नोड को मिल जाती है। इस तकनीक में जिओ फेंसिंग और रूट डाइवर्सजन तकनीक का इस्तेमाल भी होता है। वहीं जीपीएस या अन्य सुरक्षा उपकरण से छेड़छाड़ और ओवर स्पीडिंग के मामले में भी ऐसे ही कंप्लेन खुद आ जाता है। इस तकनीक में सबसे अहम है अंडीयू स्टॉपेज और पार्क फेंसिंग। इसके तहत यदि कोई ड्राइवर लोडेड ट्रक को बार बार रोक रहा है या इंजन बंद ट्रक का पहिया घूमता है तो इसकी जानकारी भी डयूटी पर मोनिटरिंग कर रहे अधिकारी को मिल जाएगी।