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Jharkhand News: आइएएस वंदना डाडेल को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, सीबीआइ जांच पर रोक

IAS Vandana Dadel झारखंड हाई कोर्ट ने आइएएस वंदना डाडेल की सीबीआइ जांच पर रोक लगा दी है। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि एकलपीठ ने तथ्यों पर गौर नहीं किया। वहीं झारखंड सरकार की ओर से कहा गया कि आदेश से कई काम प्रभावित होंगे।

By Manoj SinghEdited By: M EkhlaquePublished: Thu, 29 Sep 2022 07:03 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 07:04 PM (IST)
Jharkhand News: आइएएस वंदना डाडेल को झारखंड हाई कोर्ट से राहत, सीबीआइ जांच पर रोक
IAS Vandana Dadel Jharkhand: आइएएस वंदना डाडेल के खिलाफ सीबीआइ जांच पर रोक।

रांची, राज्य ब्यूरो। IAS Vandana Dadel Jharkhand झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ में आदित्यपुर औद्योगिक विकास प्राधिकार (आयडा) में नियमों का उल्लंघन कर जमीन आवंटन किए जाने और कई संस्थानों की व्यावसायिक दर निर्धारित करने के खिलाफ सीबीआइ जांच के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने एकलपीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सीबीआइ जांच और विभागीय कार्रवाई का निर्देश दिया गया था।

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कोर्ट का आदेश नहीं मानने का आरोप

एकलपीठ ने आयडा की तत्कालीन अध्यक्ष और उद्योग सचिव वंदना डाडेल की मामले में संलिप्तता मानते हुए उनके खिलाफ सीबीआइ जांच करने और कोर्ट का आदेश नहीं मानने पर पर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया था। अदालत ने मामले में अदालत ने निजी कंपनी बेबको को भी नोटिस जारी किया है। मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।

एकलपीठ के आदेश के खिलाफ वंदना डाडेल ने अपील दाखिल की है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया गया कि एकलपीठ का आदेश उचित नहीं है। एकलपीठ ने सभी बिंदुओं पर गौर नहीं किया है। बिना सभी बिंदुओं और प्रविधानों पर गौर किए ही आदेश पारित कर दिया है।

एकलपीठ ने दिया था जांच का आदेश

एकलपीठ के आदेश से कई व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित होंगी, इसलिए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगानी चाहिए। इसके बाद अदालत ने सीबीआइ जांच के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। एकलपीठ ने 22 सितंबर को सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। एकलपीठ ने कहा था कि आयडा में नियमों और प्रविधानों का पालन किए बिना ही जमीन का आवंटन किया गया है।

आयडा निदेशक मंडल को नियमों में संशोधन करने का प्रविधान नहीं है लेकिन निदेशक मंडल ने इसमें संशोधन कर फैक्ट्री के बदले शो रूम खोलने वालों को व्यावसायिक दर निर्धारित कर दिया जो गलत है। वर्ष 2009 से यह गड़बड़ी हुई थी, उस समय वंदना डाडेल आयडा की अध्यक्ष थीं।

एकलपीठ ने वंदना डाडेल पर अदालत को सही जानकारी नहीं देने और गलत करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए उनके खिलाफ भी सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। साथ ही कोर्ट को गुमराह करने के लिए मुख्य सचिव को उनके खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया था।

बेबको मोटर्स ने दाखिल की थी याचिका

बता दें कि बेबको मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि प्रार्थी की कंपनी को भारत फोम इंडस्ट्रीज को प्लांट लगाने के लिए जमीन आवंटित किया गया था। बाद में प्लांट लगाना संभव नहीं हुआ तो कंपनी ने अपना प्रोजेक्ट बदल दिया और सर्विस एवं रिपेयरिंग सेंटर और टोयटा के वाहनों से जुड़े सेंटर खोलने की अनुमति मांगी।

तब आयडा के अध्यक्ष ने शो काज किया और प्रोजेक्ट बदलने का कारण बताने को कहा। अदालत को बताया गया कि आयडा के बोर्ड ने कंपनी के आवेदन को मंजूरी प्रदान कर दी है, ऐसे में उनके खिलाफ शो काज नहीं किया जा सकता है।


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