Jharkhand News: IAS छवि रंजन को कोर्ट से थोड़ी राहत, पर चलता रहेगा केस, सागवान का पेड़ काटने का आरोप
Jharkhand IAS झारखंड हाई कोर्ट ने पेड़ काटने के मामले में झारखंड के आइएएस छवि रंजन को बड़ी राहत दी है। उनके खिलाफ अदालत ने पीसी एक्ट के तहत लिया गया संज्ञान निरस्त कर दिया है। हालांकि अन्य धाराओं में मामला चलता रहेगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Chavi Ranjan झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत में आइएएस छवि रंजन की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत निचली अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान को निरस्त कर दिया। हालांकि उनके खिलाफ आइपीसी के तहत दर्ज मामले में आगे की सुनवाई जारी रहेगी।
डाक बंगला से चार सागौन पेड़ कटवाने का आरोप
निचली अदालत ने कोडरमा उपायुक्त रहते हुए डाक बंगला से चार सागौन का पेड़ काटवाने का आरोप है। इस मामले में वन अधिनियम और पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। अदालत में चार्जशीट दाखिल करने पर कोर्ट ने संज्ञान लिया था। इसके खिलाफ उनकी ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
निचली अदालत ने पीसी एक्ट में लिया था संज्ञान
सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा की ओर से कहा गया कि निचली अदालत द्वारा पीसी एक्ट में लिया गया संज्ञान सही नहीं है। इस मामले में बिना अभियोजन स्वीकृति के ही पीसी एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल कर दिया गया है, जो कि नियमानुसार सही नहीं है। इसलिए पीसी एक्ट में कोर्ट की ओर से लिए गए संज्ञान को रद कर देना चाहिए। इसके बाद अदालत ने आइएएस छवि रंजन को राहत देते हुए पीसी एक्ट के तहत संज्ञान के आदेश को निरस्त कर दिया।
मानव तस्कर पन्ना लाल के खिलाफ गवाही जारी
उधर, मानव तस्कर पन्ना लाल महतो से जुड़े मामले में एनआइए की ओर से गवाही जारी है। मामले में गवाह नंबर दो की गवाही दर्ज की गई। एनआइए की विशेष अदालत में गवाही पूरी होने के बाद बचाव पक्ष की ओर से प्रति परीक्षण किया जा रहा है। 16 अगस्त को भी गवाह का प्रति परीक्षण जारी रहेगा। मामले में फरवरी महीने में पन्ना लाल महतो के साथ उसकी पत्नी सुनीता कुमारी, भाई शिव शंकर गंझू एवं सहयोगी गोपाल उरांव के खिलाफ आरोप गठन किया गया था। इसके मामले में अब एनआइए की ओर से गवाही कराई जा रही है। मानव तस्कर पन्ना लाल व उसके सहयोगियों पर दिल्ली की प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से झारखंड के गरीब, कमजोर व नाबालिगों को दिल्ली में नौकरी दिलाने के नाम पर तस्करी करने का आरोप है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में 58 हजार मामलों का निष्पादन
उधर, रांची सिविल कोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 58 हजार से अधिक वादों का निष्पादन किया। इस दौरान 102 करोड़ से अधिक का समझौता राशि की वसूली विभिन्न वादों में किया गया। जिसमें प्रीलिटिगेशन एवं लिटिगेशन के वादों का निष्पादन शामिल है। इसके लिए 46 बेंच का गठन किया गया था। इस दौरान न्यायायुक्त एके राय ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम में लोग अपने वादों को आपसी समझौता के आधार पर सुलझा सकते हैं। इसमें समय के साथ-साथ पैसों की भी बचत होती है। इस दौरान उग्रवादी हिंसा के शिकार मनोहर महतो के पत्नी अबनी देवी को 50 हजार का चेक दिया गया। उनकी मौत पांच अगस्त 2002 को हो गई थी। सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे के रूप में 50 हजार का चेक सौंपा गया। दुर्घटना में मौत पर मिला 57.98 लाख का मुआवजासड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले बैंक के कर्मी को मुआवजा दिया गया। इस दौरान उनकी मां हिलारियुस कुल्लू को 57,98,334 लाख का चेक दिया गया। संजय अरविंद कुल्लू एसबीआइ के तोरपा ब्रांच में कार्यरत थे। बैंक जाने के दौरान 19 दिसंबर 2017 को उसकी मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी।