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मुझे गर्व है मैं कर्मयोगी हूं

दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंड पेज के फेसबुक पर शनिवार को मुझे गर्व है कि मैं कर्मयोगी हूं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 07:45 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 07:45 AM (IST)
मुझे गर्व है मैं कर्मयोगी हूं
मुझे गर्व है मैं कर्मयोगी हूं

जागरण संवाददाता, रांची : दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंड पेज के फेसबुक पर शनिवार को मजदूर दिवस के अवसर पर कर्मयोगियों के बीच मुझे गर्व है में कर्मयोगी हूं कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। दैनिक जागरण के ब्रांड झारखंड पेज के फेसबुक पर, मुख्य अतिथि एडिशनल लेबर कमिश्नर एसएस पाठक, झारखंड समाचार पत्र विक्रेता संघ से गंगा प्रसाद और गोरख नाथ सिंह, नव युवक समाचार पत्र विक्रेता संघ संजय कुमार, हिनू समाचार पत्र विक्रेता संघ से नगेंदर पांडेय, नगर निगम से संजय ठाकुर और मौके पर रोहित ठाकुर, उदय मेहता, सियाबिहारी शर्मा आदि मौजूद थे। इस मौके पर एडिशनल लेबर कमिश्नर एसएस पाठक ने बताया कि एक मई का दिन दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के तौर पर मनाया जाता है। ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन का दिन है। इस मौके पर मजदूर संगठनों से जुड़े लोग रैली व सभाओं का आयोजन करते हैं और अपने अधिकारों के लिए आवाज भी बुलंद करते हैं। हालांकि कोरोना के चलते इस बार इस तरह का आयोजन नहीं हो पाया। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक मई 1886 को अमेरिका में एक आंदोलन से हुई थी। इस आंदोलन के दौरान अमेरिका में मजदूर काम करने के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किए जाने को लेकर आंदोलन पर चले गए थे। 1 मई 1886 को मजदूर रोजाना 15-15 घंटे काम कराए जाने और शोषण के खिलाफ पूरे अमेरिका में सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान कुछ मजदूरों पर पुलिस ने गोली चला दी थी। इसमें कई मजदूरों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे। इसके बाद 1889 में अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें यह ऐलान किया गया कि एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इस दिन सभी कामगारों और श्रमिकों का अवकाश रहेगा। इसी के साथ भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में काम के लिए 8 घंटे निर्धारित करने की नींव पड़ी। भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई में एक मई 1923 में हुई। भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने एक मई 1923 को मद्रास में इसकी शुरुआत की थी।

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