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झारखंड में कहीं बंद न हो जाए 65 लाख लोगों की बिजली सब्सिडी

Jharkhand Electricity Board. राज्य के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिल रही बिजली सब्सिडी बंद हो सकती है।

By Edited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 06:43 AM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 03:50 PM (IST)
झारखंड में कहीं बंद न हो जाए 65 लाख लोगों की बिजली सब्सिडी
झारखंड में कहीं बंद न हो जाए 65 लाख लोगों की बिजली सब्सिडी

रांची [प्रदीप सिंह]। राज्य के 65 लाख बिजली उपभोक्ताओं को मिल रही बिजली सब्सिडी बंद हो सकती है। पिछले वर्ष नया बिजली दर लागू होते वक्त राज्य सरकार ने तमाम घरेलू उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने का एलान किया था। इसकी मंजूरी राज्य विद्युत नियामक आयोग ने दी थी। आदेश देते वक्त राज्य विद्युत नियामक आयोग ने ताकीद की थी कि फिलहाल सीधे बिल पर सब्सिडी की राशि काटकर उपभोक्ताओं से बिल वसूला जा सकता है लेकिन इसके लिए अलग से माड्यूल तैयार करना होगा।

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नियामक आयोग ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खाते में सब्सिडी की राशि डालने की तैयारी करने को कहा था लेकिन नौ माह बाद भी मॉड्यूल तैयार नहीं किया जा सका है। इस बीच राज्य विद्युत नियामक आयोग ने सब्सिडी माड्यूल के बारे में राज्य बिजली वितरण निगम को पत्र भेजकर ताकीद भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बिजली की नई दर की स्वीकृति देते वक्त यह मामला तूल पकड़ सकता है। विद्युत नियामक आयोग इसे लेकर सख्त रूख भी अपना सकता है जिससे राज्य बिजली वितरण निगम की खामी का असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा।

फिलहाल बिजली सब्सिडी के मद में हर माह लगभग 50 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता है। इसकी भरपाई राज्य सरकार रिसोर्स गैप के तौर पर करती है। राज्य सरकार फिलहाल लगभग 750 करोड़ रुपये हर वर्ष राज्य बिजली वितरण निगम को इस मद में मुहैया कराती है।

कुछ ऐसे तैयार करना था माड्यूल
-हरेक बिजली उपभोक्ता का तैयार करना था डाटा। -बिजली उपभोक्ताओं के बैंक खाते से जोड़ना था सब्सिडी के लाभ को। -सब्सिडी का लाभ सीधे भेजना था बैंक में, उपभोक्ता चुकाते पूरी राशि।
-पूरी प्रक्रिया में होती पारदर्शिता। राज्य बिजली वितरण निगम को सब्सिडी देने के लिए सही प्रक्रिया तैयार करने का निर्देश दिया था।

इस बाबत कई बार पत्राचार भी किया गया लेकिन कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं दिख रही है। बिजली वितरण निगम को इस संबंध में पहल करना चाहिए। नए टैरिफ पर निर्णय लेते वक्त इस बाबत निर्देश जारी किया जाएगा। यह उपभोक्ताओं के हित में है। एके मेहता सचिव, राज्य विद्युत नियामक आयोग


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