पत्राचार करते रहे अधिकारी, इधर गोदाम में बर्बाद हो गया सैकड़ों क्विंटल चीनी-नमक
Jharkhand State Food Corporation Warehouse. गरीब राशन के लिए इंतजार करते रहे। एसएफसी गोदाम में तीन हजार क्विंटल से अधिक नमक व 367 क्विंटल चीनी की बोरियां खराब हो गईं।
रांची, जासं। समय पर राशन नहीं मिलने से गरीब चीनी और नमक से वंचित रहे, वहीं गोदाम में तीन हजार क्विंटल से अधिक नमक की बोरियां और 367 क्विंटल चीनी की बोरियां पड़े-पड़े खराब हो गईं। करीब तीन वर्ष पहले एसएफसी गोदाम, कड़रू में इनका भंडारण किया गया था। तीन साल तक एसएफसी गोदाम से हटाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया गया। सिर्फ पत्राचार होता रहा।
फलस्वरूप ये बोरियां आज भी गोदाम में जगह घेरे हुए हैं। इस पूरे मामले के संज्ञान के बाद भी कदम न उठाना गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। चीनी में कीड़ा लग गया है और नमक की बोरियों में फंगस लग गया है। दोनों ही पसीज कर फर्श पर फैल गई हैं। इन बोरियों से बदबू भी आने लगी है। इससे लोडिंग और अनलोडिंग करने वाले मजदूरों को परेशानी होती है।
बदलते रहे पदाधिकारी व होता रहा प्रशिक्षण
इन तीन वर्षों में पदाधिकारी बदलते रहे पर व्यवस्था नहीं बदली। अधिकारियों का सिर्फ गोदाम निरीक्षण होता रहा, पर किसी ने भी खराब हो रहे चीनी और नमक के लिए भी वैकल्पिक व्यवस्था का इंतजाम किया। अब तक जितने भी जेएसएफसी गोदाम, रांची के डीएम आए हैं उन्होंने ही कई बार एसएफसी के एमडी को पत्र लिख उन्हें इसे हटाने के लिए भी सलाह दी। इसके बावजूद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
नमक में 'दाल काला' होने के बाद रोकी गई थी आपूर्ति
नमक के मामले में दाल काला होने की शिकायत के बाद से इसकी आपूर्ति को रोक दी गई थी। नमक बिहार से आया था। इसे वापस किया जाना था पर उठाव नहीं हुआ। यही हाल चीनी का रहा। डीलरों द्वारा ड्राफ्ट नहीं देने और उठाव नहीं करने पर चीनी का भी उठाव गोदाम से नहीं हुआ। गोदाम में दोनों पड़े रहे और खराब हो गए। अब तो जानवरों के लायक भी नहीं रहा।
'नमक और चीनी के बोरे पड़े हुए हैं। इनके लिए एसएफसी को पत्र भी लिखा गया है ताकि गोदाम से हटाया जा सके। इससे गोदाम भी कुछ खाली होगा।' -पवन कुमार, डीएम, एसएफसी रांची।