मानव तस्करी : युवती ने कोर्ट में दर्ज कराया बयान, आलोक वर्मा के परिजनों से पुलिस ने की पूछताछ
रांची के मांडर की युवती को दिल्ली के वसंत विहार में बंधक बनाकर काम करवाने के मामले में पीडि़ता ने कोर्ट में 164 के तहत बयान दर्ज करवाया है।
रांची, राज्य ब्यूरो। दिल्ली से मुक्त कराकर लाई गई मानव तस्करी की शिकार रांची के मांडर की युवती का पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया। उसका बयान न्यायिक दंडाधिकारी कवितांजलि टोप्पो की अदालत में कराया गया है, जहां उसने बताया है कि दिल्ली के वसंत विहार निवासी आलोक वर्मा व उनकी पत्नी आमिया वर्मा ने उससे ढाई माह तक काम करवाया, लेकिन वेतन के रूप में एक पैसे नहीं दिए।
वेतन मांगने पर मालकिन आमिया वर्मा यह कहती थी कि उसने प्लेसमेंट एजेंसी वाले को पूरे रुपये भुगतान कर दिया है। एजेंसी वाले भी पूछने पर टाल-मटोल कर देते थे। यहां तक कि आमिया वर्मा के यहां समय पर खाना भी नहीं मिला और बीमार रहने पर भी काम करना पड़ा। पीडि़त युवती ने कोर्ट को बताया कि वह मांडर के नारो गांव की एक गरीब लड़की है।
उसे पड़ोस के परिया गांव की निशिया अपने साथ जुलाई के महीने में दिल्ली ले गई थी। वहां प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से युवती को आमिया वर्मा के यहां घरेलू नौकरानी के तौर पर लगाया गया था। वेतन नहीं मिलने पर जब भी पीडि़ता घर जाने की जिद करती थी, आमिया वर्मा कहती थी कि एजेंसी वाले पूरा पैसा ले लिए हैं, इसलिए वह नहीं जाने देगी। तब एजेंसी वाले से पूछने पर वे बोलते थे कि दस दिन के बाद दूसरी लड़की आएगी, तब उसे जाने दिया जाएगा।
पीडि़ता के अनुसार प्लेसमेंट एजेंसी में बेड़ो व लापुंग की बहुत सी लड़कियां हैं, जहां वह करीब आठ दिनों तक रही थी। आमिया वर्मा के यहां जब सबलोग खाना खा लेते थे, तब उसे खाना दिया जाता था। कभी-कभी तो खाने में उसे शाम भी हो जाता था। गौरतलब है कि पीडि़ता ने रांची के कोतवाली स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
उसने बताया है कि मानव तस्करों ने उसे वसंत विहार के 7/2 डी ब्लॉक निवासी आमिया वर्मा के यहां बेच दिया था। आमिया वर्मा के पति आलोक वर्मा हैं। उसने बिहार निवासी गोविंद शर्मा के दिल्ली के संतनगर स्थित प्लेसमेंट एजेंसी के अलावा परिया गांव की निशिया, आमिया वर्मा व आलोक वर्मा के विरुद्ध मानव तस्करी व बंधक बनाने का आरोप लगाया है। उसे गत माह ही 25 अक्टूबर को दिल्ली महिला आयोग, शक्तिवाहिनी के सहयोग से मुक्त कराया गया था और रांची लाया गया था।
रांची पुलिस की एक टीम अब भी दिल्ली में, आलोक वर्मा के परिजन से की पूछताछ : मांडर की युवती को मानव तस्करों ने दिल्ली में जिस आलोक वर्मा के घर बेच दिया था, उनके यहां शनिवार को रांची पुलिस की टीम पहुंच गई। दिल्ली के वसंत विहार के आलोक वर्मा के आवास में पहुंची रांची पुलिस ने वर्मा के परिजनों से पूछताछ की। आलोक वर्मा एक प्राइवेट कंपनी के फाइनेंशियल कंसल्टेंट हैं, जो कंपनी के कार्य से दिल्ली से बाहर थे। उनसे टीम की बातचीत नहीं हो सकी।
रांची पुलिस की टीम दिल्ली में मानव तस्करी के मामलों पर काम करने वाली गैर सरकारी संस्था शक्तिवाहिनी के सदस्यों का बयान नहीं ले सकी है। सोमवार को दफ्तर खुलने पर शक्तिवाहिनी के पदाधिकारियों-सदस्यों से जानकारी लेने के बाद पुलिस टीम रांची के लिए रवाना होगी।
इधर, दक्षिणी दिल्ली के संत नगर में प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक बिहार के निवासी गोविंद शर्मा भी बता चुके हैं किउन्होंने एक अगस्त को युवती को आलोक वर्मा के यहां घरेलू नौकरानी के तौर पर रखवाया था। इसके एवज में उन्हें 48 हजार रुपये सर्विस चार्ज के रूप में मिले थे। कांट्रैक्ट 11 महीने के लिए था। युवती का वेतन नौ हजार रुपये प्रतिमाह तय हुआ था। पहले माह के वेतन के तौर पर युवती को नौ हजार रुपये का एक मोबाइल दिया गया था।