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दिल्ली के बाजार में होता है झारखंड की लड़कियों का सौदा, केजरीवाल से बस्‍सी तक मानव तस्‍करों की पहुंच

मानव तस्करों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूर्व पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी दिल्ली के पूर्व श्रम मंत्री गिरिश सोनी झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी के साथ फोटो खिंचवा रखा है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 08:10 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 01:02 PM (IST)
दिल्ली के बाजार में होता है झारखंड की लड़कियों का सौदा, केजरीवाल से बस्‍सी तक मानव तस्‍करों की पहुंच
दिल्ली के बाजार में होता है झारखंड की लड़कियों का सौदा, केजरीवाल से बस्‍सी तक मानव तस्‍करों की पहुंच

रांची, राज्य ब्यूरो। दिल्ली के बाजार में झारखंडी से तस्करी कर ले जाई गई लड़कियों का सौदा होता है। वहां मजदूरों का मेला भी लगता है। इसके आयोजकों में कुख्यात मानव तस्कर शामिल होते हैं, जिनकी पहुंच ऐसी कि उनपर जांच एजेंसी भी हाथ डालने से कतराती है। इसका खुलासा मानव तस्करी से मुक्त कराई गई लड़कियां कर चुकी है। मानव तस्करों के संरक्षक सफेदपोश भी हैं। ये तस्कर अफसरों व मंत्रियों के साथ फोटो खिंचाकर अपनी पहुंच ऊपर तक बताते हैं, जिसके चलते उनका कोई बाल भी बांका नहीं कर पाता है। ऐसे फोटो पूर्व में वायरल होते रहे हैं।

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मानव तस्करी में पूर्व में गिरफ्तार प्रभा मुनी मिंज (हाई कोर्ट से सशर्त जमानत पर बाहर), उसके पति रोहित कुमार, भानु प्रताप बड़ाईक, मुकेश साहू, निजाम खान, मंजू लकड़ा, लता लकड़ा, अरुण यादव, प्रशंत देवी, दुगेश यादव, दिलीप मंडल, पन्ना लाल साहू व बाबा बामदेव (तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता) मेले के मुख्य आयोजक रहे हैं। इनलोगों ने मानव तस्करी कर करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। 

मानव तस्करों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी, मादीपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक व दिल्ली के पूर्व श्रम मंत्री गिरिश सोनी, झाविमो प्रमुख बाबूलाल मरांडी आदि के साथ फोटो भी खिंचवा रखा था। मानव तस्करी की आरोपित रही प्रभा मुनी मिंज के ठिकाने से ही दिल्ली एटीएस की टीम ने झारखंड पुलिस के इनपुट पर पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को गिरफ्तार किया था।

गांव के लिए सामान्य, बाहर निकलते ही 30 लाख की गाड़ी पर घूमता था पन्ना

एक दिन पूर्व खूंटी में गिरफ्तार मानव तस्कर पन्ना लाल खूंटी के मुरहू थाना क्षेत्र स्थित गनालोया का निवासी है। वह गांव में सामान्य तरीके से रहता था, लेकिन जैसे ही शहर में पहुंचता था, 30 लाख रुपये की चमचमाती फाच्र्यूनर कार में घूमता था। उसके पास कई गाडिय़ा हैं। मानव तस्करी से उसने 16 साल में 100 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित कर ली।

इस धंधे में उसके साथ उसकी पत्नी सुनीता भी शामिल है। सुनीता को भी दिल्ली पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में ही वर्ष 2014 में गिरफ्तार किया था। पन्ना लाल खूंटी से 2002 में दिल्ली गया था। उसका संपर्क 250 से अधिक प्लेसमेंट एजेंसियों से हो गया। ऊंची कीमत पर लड़कियों को घरेलू नौकरानी व अन्य कार्य में लगाता था, इसके बदले उसे मोटा कमीशन मिलता था।

वादों पर अमल होता तो रुकती मानव तस्करी, वादा कर भूली  सरकार

राज्य में मानव तस्करी जोरों पर है। लाख कोशिश के बावजूद इसे रोकने में सरकार व प्रशासन विफल है। इसके लिए जिम्मेवार कहीं न कहीं सरकार के पुनर्वास के वे वादे हैं, जिसपर आज तक अमल नहीं हो सका। पांच साल में पुलिस ने 743 मानव तस्करों को भले ही जेल भेज दिया हो, लेकिन तस्करी रोकने में सफलता हाथ नहीं लग रही है। वर्ष 2013 से 2018 के बीच पांच साल में विभिन्न जिलों में 855 कांड दर्ज किए गए हैं।

इस अवधि में 743 मानव तस्कर सलाखों तक पहुंच पाए, जबकि 1422 पीडि़त मुक्त भी करवाए जा चुके हैं। इस पांच साल की अवधि में कोडरमा, गढ़वा व रामगढ़ से एक भी मामला सामने नहीं आया है। जो रेस्क्यू कर आए, वे पुन: उसी दलदल में पहुंच गए। बाल श्रम व मानव तस्करी से मुक्त बच्चों के पुनर्वास के लिए सरकार के झूठे वादे हैं। गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग से पुनर्वास के लिए पीडि़त बच्चे को 20 हजार रुपये देने का प्रावधान है, लेकिन अब तक एक भी बच्चे को इसका लाभ नहीं मिला। अलबत्ता सरकार ने यह घोषणा कर रखी है कि झारखंड सरकार सभी बच्चों को सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पुनर्वास व लाभ देगी। उन्हें कौशल विकास से जोड़कर नियोजन प्रदान किया जाएगा, पर हुआ कुछ नहीं।

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