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हॉर्टिकल्चर से बढ़ेगी किसानों की आय

रांची बीएयू के द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए हॉर्टिकल्चर का प्रशिक्षण दे रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 03:38 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 03:38 AM (IST)
हॉर्टिकल्चर से बढ़ेगी किसानों की आय
हॉर्टिकल्चर से बढ़ेगी किसानों की आय

जागरण संवाददाता, रांची : बीएयू के द्वारा किसानों की आय को बढ़ाने के लिए हॉर्टिकल्चर का प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है। इस साल किसानों के लिए 10 ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन किया गया है। इस बारें में हॉर्टिकल्चर विभाग की साइंटिस्ट पूनम होरो ने बताया कि बीएयू के द्वारा किसानों को ट्राइबल सब प्लान के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है। उन्हें फलों के साथ फूलों की खेती, सब्जी और आयुर्वेदिक पौधों के उगाने के बारे में बताया जा रहा है। उन्होंने बताया कि झारखंड की मिंट्टी बालू और दोमट मिली हुई है जो हॉर्टिकल्चर के लिए सबसे उपयुक्त है। इसके साथ ही पहाड़ी भाग होने का भी लाभ फसलों को मिल जाता है।

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पूनम होरो ने बताया कि अगर किसान केवल धान की खेती करते हैं तो साल में केवल एक फसल काट सकता है। मगर हॉर्टिकल्चर साल में कई बार फल देगा जिसका बाजार मूल्य भी अधिक मिलता है। उन्होंने बताया कि नगड़ी के किसानों को फूलों की खेती के लिए ट्रेनिंग दी गई। अब वो फूलों के आफ सीजन में अच्छी कमाई करते हैं। किसानों ने फालो अप प्रोग्राम में बताया कि फूल से उनकी इतनी कमाई हो जाती है कि अन्य फसल लगाने की जरूरत नहीं होती है। राज्य में अमरूद, पपीता, टमाटर, धनिया, मिर्च आदि फसलों के उपज की अच्छी संभावना है। इसके लिए मिंट्टी और मौसम दोनों अनुकुल है। उन्होंने बताया कि झारखंड में कई वर्षो से लगातार कम बारिश हो रही है। ऐसे में पारंपरिक खेती से किसानों को काफी नुकसान हो रहा है। हॉर्टिकल्चर प्रोग्राम के तहत यदि कोई किसान पपीते कि खेती करता है तो छह से आठ महीने में फल प्राप्त करके बेचा जा सकता है। पूनम होरो ने बताया कि बीएयू के द्वारा लगातार ऐसे बीज और प्रजाति पर रिसर्च किया जा रहा है जिससे किसान कम समय में उत्तम फसल प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि बीएयू ने लीलीयम पौधे के कंद का विकास करने में सफलता प्राप्त की है। इसके 70 फीसद पौधों में रिसर्च में कंद प्राप्त किया गया है।


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