झारखंड में मतांतरण की साजिश, पीएम आवास योजना में बने गरीबों के घरों को बना दिया चर्च
Jharkhand News PM Awas Yojana खूंटी रांची सिमडेगा समेत राज्य के कई हिस्सों में अवैध तरीके से चर्च बनाए गए हैं। कई जगह विवाद चल रहा है। बहला-फुसलाकर ग्रामीणों के घरों को मतांतरण का केंद्र बना दिया गया है।
रांची, [संजय कुमार]। झारखंड में ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रलोभन देकर मतांतरण कराने का काम तो जारी है ही, जगह-जगह चर्च भी अवैध तरीके से बनाए जा रहे हैं। सरकारी जमीन से लेकर विवादित जमीन तक पर गांवों में चर्च बनाए गए हैं। इतना ही नहीं, कई जगह सीधे-सादे ग्रामीणों को बरगला कर मतांतरण कराने वालों ने इंदिरा आवास और पीएम आवास योजना के तहत गरीबों को उपलब्ध कराए गए आवासों को भी प्रार्थना घर और चर्च में तब्दील कर दिया है। हाल के दिनों में भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
कई घरों को बाहर से देखकर तो बताना भी मुश्किल है कि यह चर्च है या उपासना स्थल। बाहरी ढांचे में कोई परिवर्तन करने की बजाय इन घरों के भीतर यीशु की मूर्ति या क्रूस को रखा गया है। यहां नियमित अंतराल पर लोग जुटते हैं और प्रार्थना सभा के बहाने मतांतरण की गतिविधियां चलाई जाती हैं। खूंटी जिला अंतर्गत तोरपा प्रखंड के पंढरिया गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना से निर्मित एक ग्रामीण के घर को हेब्रोन प्रार्थना भवन में तब्दील कर दिया गया है।
इसी प्रखंड के एक अन्य गांव रायसिमला के पाहन टोली में बुधराम मुंडा के घर को भी विश्ववाणी चर्च में बदल दिया गया है। इसका विरोध भी सरना समाज के लोगों ने किया है। इसी तरह रायसिमला गांव के पाहन टोली में आकृति धान नाम के ग्रामीण से गोदाम के नाम पर जमीन लेकर वहां चर्च बना दिया गया। विवाद बढ़ने पर एक पक्ष ने चर्च में ताला लगा दिया है। दोनों पक्षों की ओर से इस संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रिया मुंडा का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास में चल रहे चर्च को खाली कराने के लिए जल्द ही जिला प्रशासन को आवेदन दूंगी। गलत तरीके से जमीन लेकर जहां भी चर्च बना है, उसका विरोध होगा।
सीधे-सादे गांववालों को बनाया जाता है बेवकूफ
रांची की समाजसेवी प्रिया मुंडा का कहना है कि यहां भोले-भाले व गरीब आदिवासियों की जमीन लेकर चर्च बनाए जा रहे हैं। सीएनटी एक्ट के तहत ईसाई मिशनरियां आदिवासियों की जमीन खरीद नहीं सकती हैं। इसलिए दान में देने की बात कागज पर लिखवाई जा रही है। ग्रामीणों से जमीन लेने के समय उन्हें आश्वासन दिया जाता है कि बच्चों को पढ़ा देंगे और कोई तकलीफ नहीं होने देंगे, लेकिन जमीन लेने के बाद सारे वादे भूल जाते हैं। प्रिया का कहना है कि जांच हो तो सैकड़ों चर्च अवैध निकलेंगे। विश्ववाणी और विलिवर चर्च तो ज्यादातर स्थानों पर गलत तरीके से ही बनाए गए हैं। पश्चिमी सिंहभूम के खूंटपानी में तो स्कूल के नाम पर जमीन लेकर चर्च बना दिया गया।
रांची में भी बने हैं अवैध चर्च
ईसाई मिशनरियां अब गांवों के साथ-साथ शहरों में भी अवैध चर्च बनाकर लोगों को मतांतरित कराने में लगी हैं। एकल अभियान के राष्ट्रीय सह अभियान प्रमुख ललन शर्मा का कहना है कि पादरियों का गांवों में विरोध शुरू होने पर अब वे शहर की मलिन बस्तियों को निशाना बनाने लगे हैं। इन बस्तियों में कई जगहों पर अवैध रूप से तैयार चर्च दिख जाएंगे। रांची के ही एचईसी चेकपोस्ट के पास रेलवे की जमीन पर एक घर को चर्च बना दिया गया है। शहर की व्यस्त सड़क होने के बाद भी अधिकतर लोगों को पता नहीं है कि यहां चर्च है। इस तरह के कई चर्च जगह-जगह बनाए जा रहे हैं।