हटिया-बेंगलुरु एक्सप्रेस में लगी एचओजी-एलएचबी रैक, होगी डीजल की बचत
रांची शनिवार को रांची रेल मंडल ने एचओजी-एलएचबी (हेड-ऑन-जेनेरेशन) रैक (कोच) के साथ ट्रेन संख्या-18637/38 हटिया-बेंगलुरु कैंट-हटिया एक्सप्रेस में ट्रेन का शुभारंभ किया है।
जागरण संवाददाता, रांची : शनिवार को रांची रेल मंडल ने एचओजी-एलएचबी (हेड-ऑन-जेनेरेशन) रैक (कोच) के साथ ट्रेन संख्या-18637/38 हटिया-बेंगलुरु कैंट-हटिया एक्सप्रेस में ट्रेन का शुभारंभ किया है। रेलवे अधिकारी ने बताया कि बताया कि पहले यह ट्रेन ईओजी (इंड-ऑन-जेनरेशन) रैक के साथ चल रही थी। ईओजी रैक में डिब्बों के सभी विद्युत उपकरणों की विद्युत शक्ति रैक के दोनों सिरों पर पावर कारों में दिए गए जेनरेटर से फीड होती थी। प्रत्येक ईओजी रैक में दो नग होते हैं। पावर कार और प्रत्येक पावर कार में दो नग के साथ विद्युत शक्ति प्रदान की जाती है। प्रत्येक डीजी सेट की क्षमता 500 केवीए है। प्रत्येक डीजी में प्रति घंटे 52 से 55 लीटर एचएसडी तेल की खपत होती है। उन्होंने बताया कि एचओजी सेवा की शुरुआत से रेलवे भारी मात्रा में एचएसडी तेल की बचत करेगा। इसके अलावा वायु प्रदूषण के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा। राजस्व की होगी भारी बचत
फिलहाल सिर्फ ट्रेन संख्या-18637/38 (साप्ताहिक सेवा) के कोच को एचओजी में रूपांतरित किया गया है। इससे रेलवे लगभग 4,500 एचएसडी तेल की बचत करेगा। जबकि वार्षिक आकलन के आधार पर 2,35,000 लीटर डीजल की बचत होगी। डीजल की बचत से रेलवे को 1,52,75,000 रुपये राजस्व की बचत होगी। बताया कि एचओजी रैक की एसी इकाईयों समेत सभी विद्युत उपकरणों की विद्युत शक्ति लोकोमोटिव के माध्यम से ओवरहेड ट्रैक्शन पावर से फीड होती है। रखरखाव की लागत काफी कम
लोकोमोटिव के साथ सभी कोचों में एचओजी का अनुपालन होना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि डीजी सेट की तुलना में लोको में प्रदान किए गए कन्वर्टर्स के रखरखाव की लागत काफी कम है। जल्द ही रांची डिविजन ट्रेन नंबर-20839/40 रांची-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, 22837/45 (धरती आबा एक्सप्रेस) व 18609/10 रांची-एलटीटी एक्सप्रेस को एचओजी रैक में परिवर्तित करेगा। क्रियायोग एक्सप्रेस एचओजी एलएचबी रैक में परिवर्तित होगी
ट्रेन संख्या-18616/15 क्रियायोग एक्सप्रेस की रैक भी जल्द ही एचओजी एलएचबी रैक में परिवर्तित होगी। इस कार्य के लिए एक रैक आ चुका है, जबकि अन्य रैक का इंतजार किया जा रहा है।