हाईटेक 40 कोर्ट बिल्डिंग बनकर तैयार, अब हो रहा उद्घाटन का इंतजार
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सिविल कोर्ट का नया भवन करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार है। इसके उद्घाटनका इंतजार है।
नीलमणि चौधरी, रांची :
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सिविल कोर्ट का नया भवन करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हो चुका है। राज्य में पहली बार इस तरह के भवन तैयार किए गए हैं। पांच तल्ले के इस भवन का 25 जनवरी को विधिवत उद्घाटन होगा। इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू हो गई है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कोर्ट बिल्डिंग में 40 कोर्ट रूम बनाये गए हैं। इस कारण बिल्डिंग का नाम 40 कोर्ट बिल्डिंग रखा गया है। इसमें प्रथम तल्ले पर डालसा कार्यालय, पोक्सो कोर्ट, महिला कोर्ट होगा। दूसरे, तीसरे और चौथे तल्ले पर अन्य कोर्ट रूम होंगे। पांचवें तल्ले पर कांफ्रेंस हॉल बनाई गई जिसमें एक साथ एक हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।
--------------------- क्या-क्या सुविधाएं हैं नई बिल्डिंग में
जूडिशियल अधिकारियों के लिए ई-लाईब्रेरी बनाई गई है।
सभी 40 कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा होगी।
-फाइल को सुरक्षित रखने के लिए फायरप्रुफ रूम बनाए गए हैं।
-पूरा भवन सेंट्रलाइज एसी से लैस होगा।
-बेसमेंट में ही पीपी, एपीपी के चेंबर बनाए गए हैं।
-बच्चों के लिए चिल्ड्रेन एरिया की सुविधा होगी।
-महिलाओं एवं बच्चों के लिए वेटिंग रूम बनाया गया है
-कोर्ट रूम में चार जेल एवं महिला व सुधार गृह के लिए चार काउंटर आवंटित किए गए हैं।
-काउंटर पर जेल व सुधारगृह में रहने वालों द्वारा तैयार सामानों की बिक्री की जाएगी
डालसा चेयरमेन व सचिव का कार्यालय भी काफी खूबसूरत बनाया गया है।
बिल्डिंग के बेसमेंट में रिसेप्शन काउंटर बनाए गए हैं।
नए कोर्ट बिल्डिंग में प्रवेश करते ही डालसा के पारा लीगल वालंटियर आपका स्वागत करेंगे।
केस व कौन सा कोर्ट किस तल्ले पर इससे संबंधित जानकारी यहीं से मिल जाएगी।
दिव्यांग, बच्चे व यौन पीड़ितों के लिए होगी विशेष सुविधा
भवन में दिव्यांग, बच्चे व यौन पीड़िताओं के लिए खास सुविधा होगी। यौन शोषण के शिकार पीड़ित/ पीड़िताओं के लिए अलग कक्ष बनाया गया है। कोर्ट की सुनवाई के दौरान पीड़ित पक्ष का आरोपित से सामना नहीं होगा। वल्नरेबल विटनेस वेटिंग रूम से ही पीड़ित वीडियों कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश होंगे। पीड़ित अदालती कार्रवाई तो देख व सुन सकते हैं लेकिन अदालत में मौजूद अन्य लोग सिर्फ पीड़ित का आवाज ही सुन सकते हैं। अपराधिक मामले में भी अगर गुनहगार रसूखदार है तो पीड़ित वल्नरेबल वेटिंग रूम से कोर्ट में हिस्सा लेने की अपील कर सकता है। मुख्य न्यायायुक्त व सीबीआइ कोर्ट पुराने भवन में चलेगा
मुख्य न्यायायुक्त व सीबीआइ कोर्ट पुराने भवन में ही चलेगा। नए भवन में अधिकतर न्यायिक दंडाधिकारी, फैमली कोर्ट, डालसा कार्यालय को शिफ्ट किया गया है। डालसा के चेयरमेन मुख्य न्यायायुक्त होते हैं। इस कारण नए भवन में भी मुख्य न्यायायुक्त के लिए चेंबर बनाया गया है।