झारखंड के मुरी में बड़ा हादसा: हिंडाल्को का कास्टिक रेड पौंड धंसा, NDRF ने संभाला मोर्चा
Hindalco. झारखंड के मुरी में हिंडाल्को का कास्टिक बांध टूटने के कारण कई वाहन फंस गए। कई मजदूरों के दबने की आशंका है। वरीय अधिकारी व रेस्क्यू टीम राहत कार्य में जुटी है।
रांची, जेएनएन। झारखंड के मुरी में हिंडाल्को प्लांट का रेड मड पौंड (कास्टिक तालाब) धंस जाने से मंगलवार को एक बड़ा हादसा हो गया। इसका मलबा करीब डेढ़ किमी तक फैल गया। जो इसकी जद में आया इसके नीचे दब गया। ग्रामीणों के अनुसार मलबे के नीचे कई लोग दब गए हैं। तीन हाइवा, एक पोकलेन, दो ट्रैक्टर भी ढेर में गुम हो गए। घटना के बाद मुरी से लेकर रांची तक हड़कंप मच गया। इधर जिला प्रशासन ने हिंडाल्को हादसा मामले में कंपनी को नोटिस जारी किया है। इसका जवाब 48 घंटे में मांग गया है। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत कंपनी को नोटिस दी गयी है।
एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची लेकिन कुछ देर बाद ही अंधेरा पसर गया और काम बंद करना पड़ा। प्रारंभिक जांच के बाद प्रशासन ने कहा कि जब तक शव की बरामदगी नहीं हो जाती यह कहना कठिन है कि कितना नुकसान हुआ है। बुधवार को मलबा हटाने का काम शुरू तो हुआ लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण इसे रोक देना पड़ा।
ग्रामीणों ने रोका राहत बचाव का काम
मुरी स्थित हिंडाल्को कास्टिक तालाब में बचाव कार्य को बुधवार को स्थानीय रैयतों ने रोक दिया है। दलील है कि बचाव कार्य के दौरान कचरा उनके खेतों में आएगा तो जमीन बंजर हो जाएगी। मौके पर मौजूद एसडीओ गरिमा सिंह ग्रामीणों को समझाने में लगी हैं। एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर मौजूद है। अभी तक रेडमड से किसी लाश के मिलने की सूचना नहीं है। झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ग्रामीणों के साथ बैठक कर रहे हैं। रांची से लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याश्ाी संजय सेठ भी हादसे का जायजा लेने पहुंचे हैं। मंगलवार को रेडमड पहाड ढहने के बाद अब भी पहाड़ का बड़ा हिस्सा खड़ा है। इसके ढहने की आशंका से ग्रामीण परेशान हैं । बदहवास ग्रामीण खौफ के मारे इस हादसे को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मुरी में हुई घटना पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मुख्य सचिव को इस बाबत निर्देश देते हुए कहा कि तत्काल राहत कार्य चलाएं। उन्होंने पूरे घटनाक्रम की भी जानकारी ली। मुख्य सचिव डीके तिवारी ने ङ्क्षहडाल्को कंपनी के कास्टिक तालाब टूटने की घटना की उच्च स्तरीय जांच की जवाबदेही दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की आयुक्त शुभ्रा वर्मा को सौंपी है।
मुरी में हिंडाल्को में हादसे के बाद रेल ट्रैक पर जमे सैकड़ो लोग।
मच गया हाहाकार : जानकारी के अनुसार मंगलवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे रेड मड पौंड अचानक भरभराकर धंस गया। वहां काम कर रहे मजदूरों में अफरा-तफरी मच गई। परिजनों और ग्रामीणों को जैसे ही हादसे की जानकारी मिली हाहाकार मच गया। वे घटनास्थल की ओर भागे जहां चारों ओर मलबा पसरा था। चीख-पुकार मच गई। तब से लेकर रात बारह बजे तक ग्रामीण एकजुट होकर एक-एक व्यक्ति की तलाश में लगे थे कि कौन-कौन गायब है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी की लापरवाही से यह घटना घटी है। मलबा हटाने को लेकर कई बार कंपनी को कहा गया था। इस बारे में कंपनी के अधिकारियों ने मौन साध रखा है। मलबा पसरने से खतरनाक कैमिकल तालाब और आसपास के खेतों में पसर गया है। ग्रामीण इससे चिंतित हैं। कैमिकल की गंध से सांस लेने में लोगों की तकलीफ हो रही थी।
कास्टिक के दबाव से टूटा मेड़।
70 साल का मलबा बन गया रेड मड पौंड : हिंडाल्को कारखाने में बाक्साइट से एल्यूमिनियम के उत्पादन के दौरान जो अवशेष निकलता है वह रेड मड कहलाता है। लाल रंग के इस अवशेष में कैमिकल और पानी मिला होता है। पिछले 70 साल से यह मलबा यहां जाम होता गया और इसने सौ फीट ऊंचे पहाड़ का रूप ले लिया। इसे रोकने के लिए कंपनी ने पत्थर की दीवार बनाई लेकिन अत्यधिक दबाव के कारण यह टूट गया और मलबा कहर बरपा गया। यह रेड मड खतरनाक है।
बाधित हुआ मुरी जमशेदपुर ट्रैक : डेढ़ बजे हुए हादसे के बाद मुरी जमशेदपुर रेल रूट पांच बजे तक बाधित रहा। इस कारण तीन मालवाहक ट्रेन स्टेशन पर ही खड़े रहे। दो मालवाहक ट्रेन मुरी से जमशेदपुर की ओर जा रही थी इसे मुरी स्टेशन पर ही रोक लिया गया। वहीं एक मालवाहक टे्रन को चांडिल के पास रोका गया। रेलवे अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि इस समय एक भी यात्री ट्रेन बाधित नहीं हुई। शाम पांच बजे तक ट्रैक से मलबा हटा लिया गया। इसके बाद ट्रैक चालू हो गया।
जिले से बुलाए गए अतिरिक्त जवान : घटनास्थल पर जिले से अतिरिक्त पुलिस बल को बुला लिया गया था। क्योंकि, घटनास्थल पर हजारों की संख्या में लोग जुट गए थे। उन्हें हटाने में पुलिस बल के जवान लगे हुए थे। पुलिस बल के लोग रेल ट्रैक से भी लोगों को हटा रहे थे।