हाई कोर्ट ने कहा-सिविल कोर्ट की सुरक्षा के उपायों की दें जानकारी, सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य भर के व्यवहार न्यायालयों में सुरक्षा की स्थिति को लेकर राज्य सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगा है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की अदालत में बुधवार को राज्य के सिविल कोर्ट की सुरक्षा की मांग लेकर दाखिल जनहित याचिका पर हुई सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि सिविल कोर्ट की सुरक्षा के लिए अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। साथ ही उनकी वर्तमान स्थिति क्या है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में दाखिल करें। मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता हेमंत सिकरवार ने कहा कि हजारीबाग सिविल कोर्ट में अपराधी सुशील श्रीवास्तव की हत्या के बाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई। कोर्ट के निर्देश पर सिविल कोर्ट की सुरक्षा को लेकर सरकार ने पुलिस अधिकारी व अधिवक्ता की कमेटी बनाई थी, जिसमें सुरक्षा को लेकर 25 बिन्दु तय किए गए थे। इसमें सीसीटीवी कैमरे, मेटल डिटेक्टर, बाउंड्री वॉल को ऊंचा करने सहित अन्य उपाय निर्धारित किए गए, लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर बाकी सिविल कोर्ट में इसका पालन नहीं किया गया।
सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि याचिका के बाद से सिविल कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और इसके बाद से कोई घटना भी नहीं हुई है। जिस पर हेमंत सिकरवार ने कहा कि सुरक्षा बढ़ाने के बाद भी जमशेदपुर सिविल कोर्ट परिसर में उपेंद्र सिंह की हत्या कर दी गई। जिसके बाद अदालत ने सिविल कोर्ट में सुरक्षा को लेकर दिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मुख्य सचिव को भेजने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के इंतजाम किए जाए।
बता दें कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता हेमंत सिकरवार व स्टेट बार काउंसिल के सचिव राजेश पांडेय की ओर से इस संबंध में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि जमशेदपुर, हजारीबाग व धनबाद की सिविल कोर्ट परिसर में हत्या व गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं। इसलिए सिविल कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।