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6th JPSC Result: छठी जेपीएससी के परिणाम पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इन्‍कार

6th JPSC. सुनवाई के दौरान जेपीएससी की अनुशंसा पर कोर्ट ने रोक लगाने से इन्‍कार कर दिया। अदालत ने प्रार्थी को जेपीएससी के जवाब पर प्रतिउत्तर देने का आदेश दिया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 03:46 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jun 2020 01:38 PM (IST)
6th JPSC Result: छठी जेपीएससी के परिणाम पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इन्‍कार
6th JPSC Result: छठी जेपीएससी के परिणाम पर हाई कोर्ट ने रोक लगाने से किया इन्‍कार

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में छठी जेपीएससी के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान जेपीएससी की अनुशंसा पर कोर्ट ने रोक लगाने से इन्‍कार कर दिया। अदालत ने प्रार्थी को जेपीएससी के जवाब पर प्रतिउत्तर देने का आदेश दिया। प्रार्थी ने कट ऑफ मार्क से ज्यादा अंक लाने के बाद भी चयन नहीं होने को चुनौती दी है।

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बता दें कि अभिषेक मनीष सिन्हा ने जेपीएससी द्वारा जारी मेरिट लिस्ट को झारखंड हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज टंडन व नेहा भारद्वाज ने कोर्ट को बताया था कि जेपीएससी ने रिजल्ट जारी करने में कई गड़बडिय़ां की हैं। जेपीएससी ने कट ऑफ माक्र्स 600 निर्धारित किया है, जबकि प्रार्थी को कुल 601 अंक मिले हैं। तब भी उनका चयन नहीं हुआ है।

झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत में छठी जेपीएससी के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। अदालत ने इस मामले में जेपीएससी के जवाब पर प्रार्थी को प्रतिउत्तर देने का निर्देश दिया। हालांकि अदालत ने प्रार्थी के उस आग्रह को ठुकरा दिया, जिसमें उन्होंने जेपीएससी द्वारा राज्य सरकार को नियुक्ति की अनुशंसा की है। मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।

सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्हेंं कट ऑफ माक्र्स से ज्यादा नंबर लाने के बाद भी उनका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है। साथ ही जेपीएससी ने पद के हिसाब से कट ऑफ माक्र्स निर्धारित नहीं किया है, जो नियमानुसार सही नहीं है। इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल व प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि सभी नियमों का पालन करते हुए ही जेपीएससी की मेरिट सूची तैयार की गई है।

जहां तक प्रार्थी का सवाल है, तो सूची तैयार करने के दौरान जब इनका चयन का नंबर आया तो सिर्फ योजना सेवा में ही पद बचे हुए थे, लेकिन प्रार्थी इस पद के लिए अर्हता नहीं रखता था। इसलिए उनका चयन नहीं किया गया है। इसपर अदालत ने प्रार्थी से जेपीएससी की ओर से दाखिल जवाब पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। बता दें कि अभिषेक मनीष सिन्हा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर जेपीएससी परिणाम को चुनौती दी गई है।


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