कांग्रेस दफ्तर पहुंचे हेमंत, सरकार पर साधा निशाना
हेमंत सोरेन ने सरकार पहले यह काला कानून वापस ले और इसके बाद हम सदन में बहस करेंगे और सदन चलाने में सहयोग भी करेंगे।
रांची, जेएनएन। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने विपक्षी एकजुटता को बरकरार रखने की दिशा में प्रयास तेज किए हैं। इसी कड़ी में वे शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे और नेताओं संग गुफ्तगू की। उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए सरकार पर निशाना साधा। यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल पर सशर्त बहस के लिए वे तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पहले यह काला कानून वापस ले और इसके बाद हम सदन में बहस करेंगे और सदन चलाने में सहयोग भी करेंगे।
सदन चलाने का काम सरकार का है लेकिन सरकार इससे भाग रही है। हेमंत ने कहा कि राज्य में जल-जंगल-जमीन ही नहीं रहेगा तो हमारा अस्तित्व नहीं रहेगा। किसी भी हाल में भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को लेकर समझौता नहीं कर सकते। उन्होंने साथ ही जोड़ा कि यहां नरेंद्र मोदी, अमित शाह और रघुवर दास का मनमाना कानून चल रहा है, डा. अंबेडकर का कानून चलेगा कि नहीं यह सरकार बता दे। ताव में आकर हेमंत सोरेन संविधान के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर बैठे। हेमंत ने 16 जुलाई को आयोजित राजभवन के समक्ष धरना कार्यक्रम में लोगों से आने की अपील की है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सीएनटी-एसपीटी पर विपक्ष को जीत हासिल हो चुकी है।
किसानों के हितैषी बनने का दावा कर रही सरकार वास्तव में ढोंगी : डा. अजय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अजय ने कहा कि पहली सरकार है जिसने किसानों पर टैक्स लगा दिया। कृषि उत्पादों पर जीएसटी लगने की घटना से पहले किसी सरकार ने किसानों को टैक्स के दायरे में नहीं लाया था। सरकार एक ओर ढोंग कर रही है कि वह किसानों को खरीफ फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने जा रही है दूसरी ओर यह काम अगले साल होगा जब इस बात की गारंटी नहीं कि मोदी की सरकार बचेगी या नहीं। अगली सरकार के लिए बोझ डाल रहे हैं। मोदी शासन में आयात बढ़ने से तीन लाख किसानों की कमाई बंद हो गई है।
डा. अजय ने कहा कि सच तो यह है कि किसान 49 महीने में काल का ग्रास बन गए हैं। न समर्थन मूल्य मिला, न मेहनत की कीमत, न कर्ज से मुक्तिमिली, न अथक परिश्रम का सम्मान, न खाद। इसके अलावा कीटनाशक दवाई, बिजली, डीजल आदि की कीमतों में भी कमी नहीं आई। ये रहे मौजूद : काग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, राजद के गौतमसागर राणा, सीपीआइ के केडी सिंह, माले से जनार्दन प्रसाद, मासस के सुशातो मुखर्जी उपस्थित थे।