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Jharkhand News: रघुवर-हेमंत में आर या पार... टाफी-टीशर्ट घोटाले की जांच तेज; जमशेदपुर में ACB की दबिश

Hemant Soren Vs Raghubar Das झारखंड में सियासी उठापटक के बीच मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास के बीच शह-मात का खेल चल रहा है। रघुवर पर लगे टाफी टी-शर्ट घोटाले के आरोपों के सिलसिले में एसीबी ने जांच की गति तेज कर दी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 13 May 2022 10:26 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 06:35 AM (IST)
Jharkhand News: रघुवर-हेमंत में आर या पार... टाफी-टीशर्ट घोटाले की जांच तेज; जमशेदपुर में ACB की दबिश
Hemant Soren Vs Raghubar Das: मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन और पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास के बीच शह-मात का खेल चल रहा।

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren Vs Raghubar Das झारखंड के बहुचर्चित टाफी, टी-शर्ट, गीत-संगीत व साज-सज्जा घोटाले की जांच कर रही झारखंड पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम जमशेदपुर में है। इस घोटाले की जांच के लिए एक दिन पहले ही गुरुवार को जमशेदपुर पहुंची तीन सदस्यीय टीम ने टाफी, टी-शर्ट सप्लाई करने वालों से पूछताछ भी शुरू कर दी है।

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जमशेदपुर के सिदगोड़ा मेन रोड स्थित लाला इंटरप्राइजेज ने राज्य स्थापना दिवस पर टाफी की सप्लाई की थी। एसीबी की टीम ने लाला इंटरप्राइजेज के मालिक कमलेश अग्रवाल से भी पूछताछ की है और इससे संबंधित दस्तावेज भी लिया है। एसीबी को कमलेश ने जानकारी दी है कि उनलोगों ने जुगसलाई के मां लक्ष्मी भंडार से टाफी लिया था। उन्हें टाफी सप्लाई का आर्डर कैसे और किसके माध्यम से मिला था, एसीबी को इसकी भी जानकारी मिली है। एसीबी की टीम सिदगोड़ा सूर्य मंदिर कमेटी का बयान लेने भी पहुंची थी। गौरतलब है कि विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से टाफी, टी-शर्ट घोटाले की जांच का आग्रह किया था, जिसके बाद एसीबी को जांच का जिम्मा मिला है।

घोटाले का यह मामला झारखंड स्थापना दिवस समारोह 2016 व 2017 में 15 नवंबर को स्कूली बच्चों के बीच टॉफी, टी-शर्ट बांटने व गीत-संगीत की महफिल सजाने तथा रांची शहर की साज-सज्जा से संबंधित है। झारखंड सरकार ने समय कम होने का बहाना बनाकर झारखंड स्थापना दिवस समारोह 2016 की सुबह प्रभात फेरी में शामिल होने वाले बच्चों को देने के लिए एक प्रिंटेड टी-शर्ट व टॉफी का एक पैकेट बिना निविदा निकाले मनोनयन के आधार पर खरीदा था।

जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित लाला इंटरप्राइजेज से टॉफी की खरीद और जमशेदपुर के ही प्रकाश शर्मा से टी-शर्ट की खरीद हुई थी। टी-शर्ट कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना की दिखाई गई थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वर्ष 2016-17 में लाला इंटरप्राइजेज ने न तो एक भी टॉफी खरीदा और न ही बेचा, लेकिन एक साजिश के तहत सरकार से 35 लाख रुपये का चेक ले लिया और उसपर बिक्री कर (वैट) का करीब चार लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया। वाणिज्यकर विभाग ने टॉफी की बिक्री छुपाने के चलते लाला इंटरप्राइेज पर 17 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है।

इसी प्रकार कुड़ु फैब्रिक्स लुधियाना के स्थानीय एजेंट जमशेदपुर के कदमा निवासी प्रकाश शर्मा के माध्यम से पांच करोड़ रुपये की टी-शर्ट की खरीद दिखाई है। टी-शर्ट की इतनी बड़ी खेप लुधियाना से रांची, जमशेदपुर, धनबाद सड़क मार्ग से पहुंची या रेल मार्ग से इसकी सूचना वाणिज्यकर विभाग को नहीं है। इसके लिए रोड परमिट भी नहीं दिया गया है। इसके बावजूद भुगतान पूरा हो गया। अब झारखंड सरकार की वाणिज्यकर विभाग ने पंजाब सरकार से इस बारे में जानकारी मांगी है।

गायिका सुनिधि चौहान के कार्यक्रम पर भुगतान दिखाया 55 लाख रुपये

यह भी आरोप है कि 15 नवंबर 2016 को पूर्व निधारित कार्यक्रम के बीच एक घंटे के लिए पार्श्व गायिका सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम रखा गया। नौ नवंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री के आप्त सचिव ने सुनिधि चौहान को बुलाने का प्रस्ताव रखा। इसपर करीब 44 लाख रुपये का खर्च बताया गया और प्रस्ताव स्वीकृत भी हो गया, लेकिन कुल भुगतान 55 लाख रुपये दिखाया गया।

इससे तीन दिन पहले छह नवंबर 2016 को छठ पर्व पर सूर्य मंदिर परिसर जमशेदपुर में भी सुनिधि चौहान के गीत का कार्यक्रम हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ही उस समय सूय मंदिर समिति के संरक्षक थे। सरकार ने तो 15 नवंबर के लिए सुनिधि चौहान के एक घंटे के कार्यक्रम के लिए 55 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया। यहां सवाल यह उठा है कि सूर्य मंदिर समिति ने सुनिधि चौहान को कितने का भुगतान किया था या दोनों ही कार्यक्रमों का भुगतान सरकार ने ही कर दिया।

शहर की सजावट पर किया करोड़ों खर्च

रांची शहर में एक दिन की सजावट पर बिजली विभाग ने 15 नवंबर 2016 को चार करोड़ रुपये से अधिक खर्च दिखाया। वर्ष 2017 में यह खर्च करीब दो करोड़ रुपये है। वर्ष 2016 के कार्यक्रम में कुल खर्च 9.50 करोड़ रुपये दिखाया गया है, जबकि यही खर्च 2017 के झारखंड स्थापना दिवस पर करीब 12 करोड़ रुपये से अधिक का दिखाया गया है। वर्ष 2017 में प्रभात फेरी के लिए टॉफी की खरीद जुगसलाई की मां लक्ष्मी भंडार और टी-शर्ट की खरीद आदित्यपुर के प्रतीक फैबिनेट से की गई थी।


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