Move to Jagran APP

Hemant Soren: हेमंत सोरेन की शेल कंपनी मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका को माना वैध... 10 जून को मेरिट पर होगी सुनवाई

Hemant Soren Shell Company Case झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उसके भाई बसंत सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश की जांच मांग को लेकर दाखिल याचिका की वैधता पर झारखंड हाई कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने याचिका को वैध माना है।

By Sanjay KumarEdited By: Published: Fri, 03 Jun 2022 09:33 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jun 2022 12:24 PM (IST)
Hemant Soren: हेमंत सोरेन की शेल कंपनी मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका को माना वैध... 10 जून को मेरिट पर होगी सुनवाई
Hemant Soren Shell Company Case: हेमंत सोरेन की शेल कंपनी मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने याचिका को माना वैध।

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Soren Shell Company Case झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उसके भाई बसंत सोरेन के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश की जांच मांग को लेकर दाखिल याचिका की वैधता पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने दाखिल याचिका को वैध माना है। हाई कोर्ट ने याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। अदालत ने कहा कि वह इस मामले में मेरिट पर सुनवाई करेगी। सरकार ने समय मांगा था। अब इस मामले की सुनवाई 10 जून को फिजिकल कोर्ट में होगी। 10 जून के दिन सुनवाई के लिए यह पहला केस होगा। झारखंड सरकार कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। महाधिवक्ता ने कोर्ट के आदेश जल्द अपलोड करने का आग्रह किया है।

loksabha election banner

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि शेल कम्पनी वाले मामले में राज्य सरकार की ओर से कपिल सिब्बल ने वैधता पर आपत्ति जताई थी। वहीं सीएम को लीज देने के मामले में सीएम की ओर से मुकुल रोहतगी ने वैधता पर सवाल उठाया था। अदालत ने दोनों याचिका को वैध मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।

बता दें कि राज्य सरकार, प्रार्थी, सीएम हेमंत सोरेन और ईडी की बहस पूरी होने के बाद बुधवार को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।  एक ओर जहां राज्य सरकार इस याचिका की वैधता यानी याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट से आग्रह किया था कि वह इस याचिका पर आगे की सुनवाई नहीं करे, क्योंकि प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट रूल के तहत याचिका दाखिल नहीं की है। उन्होंने न तो अपने बारे में पूरी जानकारी दी थी और न ही संबंधित मामले के इतिहास को अदालत के समक्ष रखा था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार साफ हृदय और साफ मंशा से ही जनहित याचिका दाखिल की जा सकती है। यानी प्रार्थी किसी प्रकार से अपने किसी खास उद्देश्य के लिए ऐसा नहीं कर सकता है।

मनी लांड्रिंग किए जाने का अपराध हुआ है: ईडी

ईडी का कहना है कि प्रथम दृष्टया शेल कंपनियों के जरिए मनी लांड्रिंग किए जाने का अपराध हुआ है। झारखंड में अवैध खनन संपत्ति अर्जित करने वालों की जांच से सरकार को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अगर याचिका दाखिल करने में नियमों का पालन नहीं किया गया है, तो इसका सहारा लेकर न्याय का रास्ता नहीं रोका जा सकता है। अदालत इस मामले में अपने शक्तियों का इस्तेमाल कर जांच का आदेश देना चाहिए।

सीबीआइ से जांच कराना उचित होगा: प्रार्थी

वहीं, प्रार्थी ने कहा कि नियमानुसार प्रार्थी के बारे में सभी तथ्यों की जानकारी दी गई है। जब सरकार की ओर से याचिका की वैधता पर सवाल उठाया गया, तो उनकी ओर से पूरक शपथ पत्र दाखिल किया गया है। इसके अलावा सीएम हेमंत सोरेन के करीबियों के कंपनियों के बारे में जानकारी दी गई है, जिसकी जांच सीबीआइ से कराया जाना उचित होगा। अब याचिका की वैधता पर अदालत अपना आदेश सुनाया है।

मनरेगा और लीज मामले में किसी कोई आपत्ति नहीं

शेल कंपनियों के अलावा झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लीज आवंटित करने और खूंटी में मनरेगा घोटाले से संबंधित याचिका पर भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने सीएम को लीज आवंटन के खिलाफ दाखिल याचिका को सुनवाई योग्य माना है। बुधवार को अदालत ने इस मामले में सुनवाई के दौरान स्पष्ट कर दिया था कि खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले को लेकर दाखिल याचिका और लीज आवंटन के मामले में किसी पक्ष ने याचिका की वैधता पर आपत्ति नहीं जताई है। इसलिए उक्त दोनों मामले में अदालत आगे की सुनवाई जारी रखेगी। उम्मीद है कि शुक्रवार को अदालत इन दोनों मामलों में भी सुनवाई करेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.