बंदूक थामने वाले हाथों में होंगे स्वरोजगार के औजार, उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सरकार खोलेगी आइटीआइ
ITI in Jharkhand राज्य की हेमंत सरकार 34 करोड़ खर्च कर उग्रवाद प्रभावित इलाकों में आइटीआइ संस्थान खोलेगी। भटके हुए लोगों को वापस मुख्य धारा में लाने की कवायद है। त्वरित सुनवाई के लिए विशेष अदालत पुनर्वास की भी व्यवस्था होगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में उग्रवाद पर नियंत्रण के लिए सरकारी प्रयास शुरू हो चुके हैं। हेमंत सरकार की कोशिश है कि मुख्य धारा से भटके हुए लोग वापस लौटें और राज्य के नवनिर्माण में सहयोग करें। जिन हाथों में हथियार है, उन्हें स्वरोजगार के औजार से जोड़ने की कवायद है। उग्रवाद प्रभावित जिलों में युवाओं के कौशल विकास की योजना के तहत रांची, खूंटी, रामगढ़, सिमडेगा, दुमका एवं गिरिडीह में एक-एक आइटीआइ के निर्माण के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 34 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए सरकार ने स्वीकृति दे दी है, ताकि युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके।
इसके साथ ही 173 नक्सलियों के विरुद्ध पुरस्कार की राशि को प्रभावी बनाया गया है। इसे लेकर वर्तमान में राज्य के कुल 279 नक्सलियों पर इनाम की राशि घोषित की गई है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों के परिवारवालों को यह राशि दी जा रही है। राज्य में आतंकवाद से लेकर उग्रवाद तक के मामलों का अनुसंधान कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के लिए सरकार रांची में एक विशेष अदालत शुरू करने जा रही है ताकि सीबीआइ की तरह एनआइए की भी अपनी अदालत हो।
तेज गति से पुनर्वास
वर्ष 2020 में सरकार ने विभिन्न उग्रवादी संगठनों के आत्मसमर्पण करने वाले 14 उग्रवादियों को प्रत्यर्पण और पुनर्वास नीति के तहत पुनर्वास अनुदान की राशि देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों में तीन को चार-चार लाख रुपये, नौ उग्रवादियों को दो-दो लाख रुपये और दो उग्रवादियों को एक-एक लाख रुपये की राशि का भुगतान पुनर्वास अनुदान के रूप में दिया जा रहा है।
इन उग्रवादियों में 11 भाकपा माओवादी, 2 पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) और एक तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) का सदस्य है। इसके अतिरिक्त दर्जन भर से अधिक अन्य आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को दो-दो लाख रुपये दिए गए हैं। राज्य सरकार ने प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी और पीएलएफआइ के फरार चल रहे छह सक्रिय उग्रवादियों की गिरफ्तारी को लेकर नई पुरस्कार राशि की घोषणा की है।
त्वरित सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में विशेष न्यायालय के गठन संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के तहत आतंकवादी/वामपंथी उग्रवादी से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए रांची में एक विशेष न्यायालय का गठन किया जाना है। सीबीआई की तर्ज पर ही एनआइए के विशेष न्यायालय का गठन होगा।
शहीदों के आश्रितों को दिया सम्मान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उग्रवादी हिंसा में शहीद स्व. संदीप एक्का के आश्रित पिता पीटर एक्का को एक लाख रुपये की राशि अनुग्रह अनुदान के रूप में भुगतान करने तथा आश्रित बहन ख्रीस्त प्रिया एक्का को अनुकंपा के आधार पर राज्य सरकार के तृतीय श्रेणी के पद पर नियुक्ति के प्रस्ताव पर सहमति दी है। इसी तरह पश्चिमी सिंहभूम जिला के कराईकेला थाना क्षेत्र स्थित टेन्टाईपोदा गांव के रहने वाले उग्रवादी हिंसा में शहीद अजीत कुमार महतो के आश्रित भाई अजय महतो को एक लाख रुपये अनुग्रह भुगतान करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई है।
उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान घायल हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के आठ जवानों के अनुग्रह अनुदान का भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सीमा सुरक्षा बल के शहीद सिपाही जमशेदपुर निवासी स्वर्गीय किशन कुमार दुबे के आश्रित भाई जयशंकर दुबे को अनुकंपा के आधार पर तृतीय वर्ग के पद पर नियुक्ति, उग्रवादी हिंसा में शहीद सीमा सुरक्षा बल के 114 वीं बटालियन के जवान स्वर्गीय इसरार खान की आश्रित माता खेरून निशा को 10 लाख रुपये का विशेष अनुग्रह अनुदान भुगतान और आश्रित भाई को तृतीय वर्ग के पद पर नियुक्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उग्रवादियों के खिलाफ हिंसा में घायल हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये बतौर अनुग्रह अनुदान देने पर अपनी सहमति दी है।