Jharkhand News: रवि केजरीवाल के बारे में जानिए, जिसे हेमंत सोरेन ने सौंप रखा था सारा खजाना
Jharkhand IAS Pooja Singhal झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बेहद करीबी रहा रवि केजरीवाल ईडी की पूछताछ से एक दफा फिर चर्चा में है। हेमंत के करीबी होने के चलते रवि केजरीवाल के परिवार का झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व से गहरा जुड़ाव था।
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand IAS Pooja Singhal प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रविवार को समन किए जाने के बाद रवि केजरीवाल एक दफा फिर चर्चा में है। रवि केजरीवाल कभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का करीबी हुआ करता था। इसकी वजह उसके परिवार का झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व से गहरा जुड़ाव था। केजरीवाल का परिवार छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला है। बाद में इस विरासत को रवि केजरीवाल ने संभाला। लगभग 11-12 वर्ष तक वह झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के विश्वस्त लोगों में शुमार था। उसके जिम्मे पार्टी के लिए फंड जुटाने से लेकर तमाम वित्तीय व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी थी, लेकिन दिसंबर, 2019 में विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के कुछ माह बाद रवि केजरीवाल की दूरी झामुमो से बढ़ने लगी। उसे संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
बताते हैं कि रवि केजरीवाल विधानसभा चुनाव के पूर्व झामुमो में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कोशिशों में जुटा था। जब शीर्ष नेतृत्व को इसकी भनक लगी तो तत्काल कार्रवाई की गई। झारखंड मुक्ति मोर्चा से बाहर निकाले जाने के बाद भी रवि केजरीवाल का नाम सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों में कई बार उठा। घाटशिला के झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने इस संबंध में एक प्राथमिकी भी दर्ज कराई, जिसमें केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। केजरीवाल के बारे में दावा किया गया कि वह झामुमो और कांग्रेस के विधायकों से संपर्क कर उन्हें प्रलोभन दे रहा है। फिलहाल यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है।
यह भी पढ़ें : Jharkhand News: IAS पूजा सिंघल के WhatsApp से सबको हिला देने वाला खुलासा, झारखंड में उठा सियासी तूफान
सफल हो जाता तो झामुमो को लगता तगड़ा झटका
रवि केजरीवाल 2019 में विधानसभा चुनाव के पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा में बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ की कोशिशों में लगा था। उसने अपने स्तर से कई नेताओं से संपर्क साधा और संगठन छोड़कर साथ देने की अपील की। इसके बदले चुनाव में हर तरह से मदद का भी प्रलोभन दिया। बताते हैं कि कई नेता उसके झांसे में आ गए थे, लेकिन चुनाव की अंदरूनी हवा झामुमो गठबंधन के पक्ष में देखते हुए केजरीवाल को कामयाबी नहीं मिली। चुनाव परिणाम के बाद झामुमो के शीर्ष नेतृत्व ने शिकायतों की पड़ताल की तो उसके कान खड़े हुए। तत्काल उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व कोषाध्यक्ष व माननीय अमित भैया को रॉंची का रास्ता दिखाने वाले रवि केजरीवाल जी कहीं सरकारी गवाह तो नहीं बन गए? राज़दार का राज उगलना कहीं महँगा तो नहीं पड़ेगा? इंतज़ार का मज़ा ही कुछ और है— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) May 15, 2022
अब रडार पर झामुमो के चंदे का पैसा, रवि केजरीवाल से ईडी ने की चार घंटे पूछताछ
झारखंड मुक्ति मोर्चा से निष्कासित पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल रविवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय पहुंचे। ईडी की टीम ने उनसे देर शाम 5.30 बजे तक पूछताछ की। रवि केजरीवाल कभी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन व पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के करीबी हुआ करते थे। वे पार्टी का पूरा कोष संभालते थे। सूचना है कि ईडी के अधिकारी उनसे झामुमो में आने वाले चंदे के एक-एक पैसे का हिसाब ले रहे हैं। ईडी यह भी जानकारी लेने की कोशिश में है कि झामुमो सुप्रीमो के परिवार के क्या-क्या कारोबार हैं? जैसे खनन पट्टा, जमीन, मकान के अलावा चल व अचल संपत्ति कितनी है? झारखंड मुक्ति मोर्चा में कोषाध्यक्ष का पद उन्होंने कब से कब तक संभाला।
कभी हेमंत के बेहद करीबी थे झामुमो से निकाले गए रवि केजरीवाल
रवि केजरीवाल ने ही अपने कार्यकाल में अमित अग्रवाल से झामुमो में पहचान कराई। यह वही अमित अग्रवाल हैं, जिनका कंस्ट्रक्शन व वनस्पति घी का कारोबार है और जिसके ठिकाने पर सितंबर 2020 में आयकर विभाग ने छापेमारी की थी। रवि से ईडी आगे भी पूछताछ करेगी। वहीं, खूंटी के मनरेगा घोटाले से मनी लांड्रिंग तक पहुंची जांच अब धीरे-धीरे ही सही सत्ता के करीबियों तक भी पहुंचने लगी है। राज्य में खान व उद्योग सचिव रह चुकीं निलंबित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल व उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब राज्य सरकार के महत्वपूर्ण पदों को देख रहे अधिकारी भी ईडी के निशाने पर है। ईडी की कार्रवाई दिन-प्रतिदिन जारी है।
केजरीवाल के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी
गत वर्ष अक्टूबर 2021 में घाटशिला से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक रामदास सोरेन ने रांची के धुर्वा थाने में रवि केजरीवाल व अशोक अग्रवाल के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने दर्ज प्राथमिकी में शिकायत की थी कि झामुमो के निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल ने हेमंत सोरेन की सरकार गिराने के लिए प्रलोभन दिया था। पैसा व मंत्री पद का लालच देकर सरकार गिराने की साजिश में शामिल होने के लिए कह रहे थे। प्राथमिकी के अनुसार आरोपित ने कहा था कि झामुमो के कई विधायक उनके साथ हैं।
उक्त प्राथमिकी में रांची पुलिस का अनुसंधान अभी लंबित है। कई शिकायतें मिलने के बाद केजरीवाल को कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। करीब दो साल पहले सितंबर 2020 में आयकर चोरी के मामले में आयकर विभाग ने रवि केजरीवाल के करीबी अमित अग्रवाल के कोलकाता, रांची व जामताड़ा के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी। तब यह जानकारी मिली थी कि झारखंड के एक बड़े नेता का भी पैसा जमीन में निवेश हुआ है। हालांकि मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
आज तीन जिलों के खनन पदाधिकारियों से होगी पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय सोमवार (16 मई) को तीन जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों (डीएमओ) से पूछताछ करेगा। इसके लिए उन्हें समन किया गया है। जिन्हें समन किया गया है, उनमें साहिबगंज के जिला खनन पदाधिकारी विभूति कुमार, दुमका के जिला खनन पदाधिकारी कृष्णचंद्र किस्कू और पलामू के जिला खनन पदाधिकारी आनंद कुमार शामिल हैं। इनसे पूछताछ के बाद अन्य डीएमओ से भी पूछताछ हो सकती है। इन पदाधिकारियों का दायित्व जिले में हो रहे खनन से राजस्व की वसूली करना और अवैध खनन पर अंकुश लगाना।