अपने सभी सरकारी कर्मचारियों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए खर्च देगी झारखंड सरकार
Jharkhand news झारखंड में सात वर्षों में भी बीमा कंपनी का नहीं हुआ चयन। अब स्वास्थ्य विभाग ने राशि देने का फैसला लिया है। अक्टूबर 2014 में चिकित्सा भत्ता की जगह बीमा कराने का सरकार ने लिया गया था निर्णय लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं हुई है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को दिल, लिवर, किडनी आदि से संबंधित गंभीर बीमारियों के अस्पतालों में ओपीडी में इलाज के लिए भी प्रतिपूर्ति राशि मिलेगी। पहले इसका लाभ बीमा के माध्यम से सरकारी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को दिलाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब बीमा कंपनी के चयन होने तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए प्रतिपूर्ति राशि संबंधित पदाधिकारियों व कर्मियों को दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में संकल्प जारी कर दिया है।
कठिनाइयों को देखते हुए लिया था निर्णय
दरअसल, झारखंड सरकार ने अपने सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिपूर्ति राशि देने में आनेवाली कठिनाइयों को देखते हुए अक्टूबर 2014 में प्रतिपूर्ति राशि देने के बजाए स्वास्थ्य बीमा कराने का निर्णय लिया था।
इन बीमारियों के इलाज पर सरकार देगी राशि
बकायदा इस पर कैबिनेट की स्वीकृति ली गई थी। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा ओपन टेंडर के माध्यम से बीमा कंपनी का पैनल तैयार करना था ताकि सरकारी कर्मियों को चिकित्सा लाभ उपलब्ध कराया जा सके। इसे लेकर जारी संकल्प में यह भी कहा गया था कि हेपेटाइटिस बी, लिवर सिरोसिस, हीमोफीलिया, एप्लास्टिक एनीमिया, एचआइवी, कालाजार, लकवा, लिवर प्रत्यारोपण, गुर्दा रोग में डायलिसिस, ब्लड प्रेशर, डायबीटिज, हृदय रोग एवं कैंसर आदि के ओपीडी में चिकित्सा पर होनेवाले व्यय की प्रतिपूर्ति भी अनुमान्य होगा।
अब तक बीमा कंपनी का चयन नहीं हुआ है
यह भी कहा गया कि यदि बीमा कंपनी इसपर सहमत नहीं होती है तो ओपीडी में चिकित्सा पर होने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाएगी। लेकिन इस संकल्प के तहत बीमा कंपनी के चयन को लेकर ही अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी।