Hemant Oath Ceremony: कल्याणकारी योजनाओं पर और खाली होगा खजाना
Hemant Oath Ceremony बेरोजगारों की तादाद में 46 फीसद स्नातकोत्तर तथा 49 फीसद स्नातक उत्तीर्ण छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है।
खास बातें
- खजाने की हालत ठीक करने का भरोसा दिलाया है हेमंत सोरेन ने
- बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की है झामुमो ने अपने मेनिफेस्टो में
- पांच रुपये में दाल-भात और दस रुपये में धोती, साड़ी, लुंगी से भी बढ़ेगा बोझ
रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Oath Ceremony झामुमो ने अपने घोषणापत्र में राज्य के बेरोजगारों के लिए मासिक बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय किया है। इसमें स्नातक बेरोजगार को मासिक पांच हजार रुपये और स्नातकोत्तर को सात हजार रुपये मासिक देने की योजना है। फिलहाल खजाने की स्थिति ऐसी नहीं है कि यह बोझ उठाया जा सके। हालांकि हेमंत सोरेन ने कहा है कि वे इसे दुरुस्त करने के लिए कारगर कदम उठाएंगे। इसके लिए राजस्व वसूली बेहतर करना होगा।
झारखंड में हर पांच युवा में से एक बेरोजगार है। नियोजनालय में दर्ज बेरोजगारों की संख्या 10,31,808 है। जबकि 2,57,011 बेरोजगारों ने रिन्युअल कराया है। अगर बेरोजगारों की फौज को पांच हजार मासिक भत्ता दिया जाए तो खजाने से लगभग 600 करोड़ सालाना खर्च करना पड़ेगा। बेरोजगारों की तादाद में 46 फीसद स्नातकोत्तर तथा 49 फीसद स्नातक उत्तीर्ण छात्रों को नौकरी नहीं मिल रही है। महिला युवाओं की बेरोजगारी की दर पुरुषों की अपेक्षा 12 फीसद अधिक है। शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी दर की मौजूदा स्थिति की बात करें तो यह दर स्नातक अनुतीर्ण में 25, हायर सेकेंडरी में 28.7, सेकेंडरी में 18.5, मिडिल में 12.6, जबकि प्राथमिक में बेरोजगारी की यह दर 10.1 फीसद है। इंस्टीच्यूट ऑफ ह्यूमन डेवलपमेंट की 2018-19 की यह रिपोर्ट है।
उधर अन्य कल्याणकारी योजनाओं में गरीबों को पांच रुपये में दाल-भात और दस रुपये में धोती, साड़ी, लुंगी की योजना है। इसके लिए भी खजाने से राशि का आवंटन करना होगा। 2014 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने दोनों योजनाएं लागू की थी। बाद में रघुवर दास की सरकार ने इन योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।