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Hemant Oath Ceremony: चुनाव की अधिसूचना समाप्त होते ही टेंडर ही टेंडर, लटकी योजनाओं पर माथापच्ची शुरू

Hemant Oath Ceremony झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में एक नवंबर से प्रभावी आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही विभागों ने लंबित योजनाओं पर माथापच्ची शुरू कर दी है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 07:53 PM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 09:36 AM (IST)
Hemant Oath Ceremony: चुनाव की अधिसूचना समाप्त होते ही टेंडर ही टेंडर, लटकी योजनाओं पर माथापच्ची शुरू
Hemant Oath Ceremony: चुनाव की अधिसूचना समाप्त होते ही टेंडर ही टेंडर, लटकी योजनाओं पर माथापच्ची शुरू

रांची, राज्य ब्यूरो। Hemant Oath Ceremony झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में एक नवंबर से प्रभावी आदर्श आचार संहिता समाप्त होते ही विभागों ने लंबित योजनाओं पर माथापच्ची शुरू कर दी है। निर्वाचन आयोग की ओर से आचार संहिता समाप्त होने की अधिसूचना जारी होने के दूसरे ही दिन शुक्रवार को लगभग आधा दर्जन विभागों ने विभिन्न योजनाओं से संबंधित टेंडर जारी कर दिए। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने जहां ग्रामीण पेयजलापूर्ति की 29 योजनाओं के लिए टेंडर जारी किए हैं, वहीं पर्यटन, कला-संस्कृति, खेल एवं युवा कार्य विभाग ने डा. राम दयाल मुंडा कला भवन के जीर्णोद्धार की निविदा जारी कर दी। इसी तरह पथ निर्माण विभाग ने कई नई योजनाओं को पूर्ण करने तथा पुरानी योजनाओं के जीर्णोद्धार के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग समेत कई अन्य विभागों में रिक्त पदों के विरुद्ध बहाली की प्रारंभिक प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

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गरीबों को मिलेगा कंबल, दूर होगी ठंड, 31 करोड़ का है प्रावधान

आचार संहिता की वजह से गरीबों के बीच कंबल बांटने में प्रशासन के हाथ-पांव फूल रहे थे। राज्य शासन ने इस मामले में निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर उन इलाकों में कंबल बांटने की अनुमति मांगी थी, जहां मतदान हो चुके थे। आयोग ने इस पर सहमति दे दी थी। अब जबकि आचार संहिता की अवधि समाप्त हो चुकी है, अब पूरे राज्य में कंबल वितरण संभव हो सकेगा। बताते चलें कि कंबल वितरण की अनुमति कैबिनेट ने आचार संहिता शुरू होने से पूर्व ही दे दी थी। अधिकतर जिलों ने रिवर्स ऑक्शन पद्धति से टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी कर ली है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग ने इस मद में 31 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध  कर रखा है।

विधि व्यवस्था व अनुसंधान की होगी अलग-अलग इकाई

राज्य में घटने वाले संज्ञेय अपराध के अनुसंधान के लिए अलग इकाई होगी। पुलिस की इस इकाई को विधि व्यवस्था और सामान्य अपराध के निपटारे से दूर रखा जाएगा। ऐसा जघन्य अपराधों की जांच और न्यायिक प्रक्रियाओं को कम से कम समय में पूरा करने की सोच को जमीन पर उतारने के निमित्त किया जाएगा। पुलिसकर्मियों के लिए सप्ताह में छह दिन अधिकतम आठ-आठ घंटे का काम और एक दिन निश्चित तौर पर आराम से संबंधित मसौदे पर भी गृह विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।

बच्चों को मिलेगा स्कूल बैग, आयोग का होगा पुनगर्ठन

पहली से आठवीं कक्षा में अध्ययनरत राज्य के तकरीबन 35 लाख बच्चों के बीच स्कूल बैग बांटने की तैयारी  स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने लगभग पूरी कर ली है। टेंडर की प्रक्रिया उसने पूर्व में ही पूरी कर ली थी, परंतु आचार संहिता के कारण इसका वितरण संभव नहीं था। विभाग ने इसके लिए 52 करोड़ का प्रावधान कर रखा था। इसी तरह झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, वक्फ न्यायाधिकरण, हज समिति, वक्फ बोर्ड आदि के पुनगर्ठन की लंबित प्रक्रिया भी पूरी होगी।

सरकार इस पर भी रेस

  1. राज्य के मेडिकल कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रारंभ।
  2. दीनदयाल ग्राम स्वावलंबन योजना की शुरुआत के लिए जारी होंगे 35 करोड़ रुपये।
  3. मनरेगा के तहत बागवानी पर होगा फोकस। राज्यांश मद का 40 फीसद हिस्सा हो सकेगा जारी।
  4. प्रशासनिक स्वीकृति के लिए लंबित कल्याण विभाग के छात्रावासों के निर्माण की बढ़ेगी फाइल।

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