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Jharkhand Weather Update: झारखंड में लगातार बारिश से भारी तबाही, कई इलाकों में बाढ़; जानिए अपने शहर का हाल

Jharkhand Weather Update बंगाल की खाड़ी में बन रहे निम्न दाब क्षेत्र से शनिवार से अगले तीन दिनों तक झारखंड के कई जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है।

By Alok ShahiEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 08:24 AM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 05:35 PM (IST)
Jharkhand Weather Update: झारखंड में लगातार बारिश से भारी तबाही, कई इलाकों में बाढ़; जानिए अपने शहर का हाल
Jharkhand Weather Update: झारखंड में लगातार बारिश से भारी तबाही, कई इलाकों में बाढ़; जानिए अपने शहर का हाल

रांची, जेएनएन। Jharkhand Weather Update झारखंड में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है। कई इलाकों में जलभराव का नजारा दिख रहा है। सड़कें कीचड़ से सनी पड़ी हैं। जनजीवन कुछ देर के लिए बारिश छूटने के बाद ही सहज हो पा रहा है। रांची में शुक्रवार को सुबह से शुरू हुई रिमझिम के बाद शाम छह बजे से मूसलधार बारिश हुई। यह क्रम देर रात तक चलता रहा। शनिवार की सुबह से राजधानी में हल्की बारिश हो रही है। लगातार बारिश से कई नदियां उफान पर हैं। कई जिलों में बाढ़ के हालात बने हैं। मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि आगामी तीन दिनों तक एक-दो बार हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। जबकि एक अक्टूबर को हल्की बारिश होने की संभावना है।

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मौसम वैज्ञानिक आरएस शर्मा ने बताया कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण बंगाल की खाड़ी के उत्तर व आसपास के क्षेत्रों में शनिवार तक निम्न दाब क्षेत्र बनने की संभावना है। जबकि 48 घंटों के अंदर यह सिस्टम अत्यधिक प्रभावी होगा। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश व आसपास के क्षेत्रों में समुद्रतल से ऊपर 1.5 व 3.6 किमी. के बीच साइक्लोनिक सर्कुलेशन है। उन्होंने बताया कि शनिवार को राज्य के उत्तर-पूर्वी जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि राज्य के लगभग सभी हिस्सों में शनिवार को हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी।

29 सितंबर को राज्य के कई स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। 30 सितंबर को राज्य के दक्षिण-पूर्वी जिलों में कुछ स्थानों पर, जबकि एक अक्टूबर को दक्षिण-पश्चिमी व मध्य झारखंड के जिलों में कुछ स्थानों पर हल्के से मध्यम दर्जे की दर्जे की बारिश होगी।

गढ़वा के विभिन इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

पिछले 24 घंटे से जिले में हो रही बरसात से जिले के कई प्रखंडों में बाढ़ जैसे हालात बने हैं। बारिश ने कई गांव को अपने घेरे में ले लिया है। सबसे अधिक प्रभावित गांव की अगर हम बात करें तो वह कांडी प्रखंड क्षेत्र का अधौरा गांव है जहां खेत, स्कूल, अस्पताल और घर में पानी घुस गया है। आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह स्कूल और अस्पताल में पानी घुस आया है।

आपको बताएं कि अधौरा और तेलियाबांध स्कूल में पानी घुसने से एमडीएम का चावल पानी मे डूब गया है,उधर अधौरा गांव सर्जुन अंसारी का घर उस वक्त देर रात ध्वस्त हो गया जब वो लोग सोए हुए थे, ऐसे में पूरे परिवार की जान बची लेकिन वो चोटिल हुए हैं। दूसरी ओर ओर उसी गांव यानी अधौरा में ही कामेश्वर ठाकुर, मुनेश्वर ठाकुर और अखिलेश राम के घर में ज्यादा पानी घुस जाने के कारण लोग दूसरे घरों में शरण लिए हुए हैं। ऐसे विषम हालात में गांव के लोग लगा रहे राहत की गुहार लगा रहे हैं। कोरगाईं गांव में भी ब्रज किशोर पांडेय का कच्चा घर गिर गया है। जिले के  रमना, खरौंधी, डंडाई प्रखंड में ग्रामीणों के मिट्टी के घर बारिश से गिरने के सूचना है।

चतरा में बारिश ने मचाई तबाही, सौ गांव का संपर्क टूटा

अपने अंतिम दिनों में मानसून ने खूब तबाही मचाई है। पिछले पांच दिनों झमाझम बारिश हो रही है। हालांकि शुक्रवार को दिन तक वर्षा रूक रूक कर हो रही थी। लेकिन रात आठ बजे मूसलाधार बारिश हो रही है। पिछले इन पांच दिनों इस मानसून का रिकॉर्ड बरसात हुई है। पांच दिनों 96 मिमी बारिश हुई है। बारिश ने खूब तबाही मचाई है। छोटे-बड़े करीब दर्जन पुल और पुलिया धाराशायी हो गए हैं और कई कच्ची एवं पक्की सड़कों को पानी ने खंडहर दिया है। कुछ नदियों पर पुल का निर्माण नहीं होने के कारण सौ से अधिक गांव टापू बन गए हैं। इन गांवों का संपर्क जिला एवं प्रखंड मुख्यालयों से पूरी तरह से कट गया है।

नदियों का जलस्तर खतरे से ऊपर, एक दर्जन पुल, पुल एवं सड़कें बही

कान्हाचट्टी प्रखंड में बड़की नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया है। कुंदा को पांकी से जोड़ने वाल पुल भी ध्वस्त हो गया है।  जिसके कारण आवागमन पूरी तरह से प्रभावित है। व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है। कई नदियां उफान पर है। करीब सौ से अधिक घर ध्वस्त हो गए हैं। जिसमें निवास करने वाले परिवार बेघर हो गए। प्रभावित लोग सरकारी भवनों में शरण लिए हुए हैं।

किसानों को बारिश की दरकार पिछले कई दिनों से थी। लेकिन मानसून बीच में ब्रेक हो गया था। जून महीना में सामान्य से कम बारिश हुई थी। जुलाई और अगस्त में भी सामान्य से कम बारिश हुई थी। कुछ प्रखंडों बारिश बहुत कम हुई है। अनावृष्टि के कारण चार दिन पहले ही  सरकार ने चतरा को सुखाड़ घोषित किया है।  मूसलाधार बारिश होने के कारण ताल-तलैया के साथ- साथ खेत-क्यारी भी जलमग्न हो गए है। सूत्रों ने बताया कि कान्हाचट्टी, प्रतापपुर, कुंदा और टंडवा, पत्थलगडा आदि प्रखंडों के सौ से अधिक गांव पूरी तरह से टापू बन गए हैं। नदियों में पुल नहीं होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।

शहर की सड़क बन गई तालाब

लगातार हो रही बारिश से शहर की सड़कों पर जल-जमाव हो गय है। शहर के एनएच-99 पर जीर्णोद्धार व मजबूतीकरण को लेकर दोनों छोर पर किया गया पीसीसी से सड़क नीचे हो गई है। ऐसे में बारिश का पानी का निकासी नहीं हो रहा है। स्थिति ऐसी हो गई है कि सड़क तालाब के रूप में परिवर्तित हो गई है। सबसे बदतर स्थिति पोस्ट ऑफिस चौक की है। यहां पर पचीस से तीस फीट की दूरी तक सड़क पर डेढ़ से दो फीट पानी जमा है। वहीं पुराना पेट्रोल पंप से लाइन मोहल्ला जानेवाली सड़क कीचड़ में तब्दील हो गया है। न्यू फेमस मेडिकल और डा. हर्षदेव गुप्ता के क्लिनिक के समीप नाली का पानी सड़क पर बह रहा है।

लगातार बारिश से हजारीबाग बेहाल

हजारीबाग में लगातार बारिश से पूरा शहर अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में बिजली गुल हो गई है। हजारीबाग के सुरेश कॉलोनी, धीरेन पुरी, आनंदपुरी, मतवारी, दीपू गढ़ा समेत कई मोहल्लों में शुक्रवार रात से ही बिजली गायब है। लगातार बारिश से जबरा फीडर में खराबी आ गई है।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही दामोदर नदी

धनबाद के जामाडोबा वाटर बोड स्थित दामोदर नदी का जल स्तर शुक्रवार की रात से ही बढ़ रहा है। रात 2 बजे से ही बिजली आपूर्ति ठप है। जिससे जल भंडारण प्रभावित हो गया। झरिया और आसपास के क्षेत्र में जलापूर्ति प्रभावित हो गई है। झारखंड खनिज प्राधिकार क्षेत्र के कर्मियों ने बताया की नदी में 454 आरएल पानी का लेयर रहना चाहिए, लेकिन शनिवार की सुबह 463 आरएल तक पानी का लेयर पहुंच गया। इंटेकवेल के सभी मोटर डूब चुके हैं। कर्मियों ने मोटर बचाने के लिए बाहर निकाल लिया है।

पलामू में बारिश से जनजीवन प्रभावित

पलामू जिला में 15 घंटे से  रुक-रुक कर हो रही  बारिश से  जनजीवन प्रभावित हो गया है । दिन के 11:00 बजे तक शहर की अधिकांश दुकानें बंद दिखे। हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र, लगातार हो रही वर्षा से हुसैनाबाद हैदरनगर व मोहम्मदगंज के दर्जनों गांव में पानी घुस गया। सैकड़ों एकड़ में लगी धान की फसल बर्बाद हो गई।  ज्यादा तर सोन व कोयल नदी के तटवर्तीय गांव में फसल को नुकसान हुआ  है। कई मट्टी के मकान भी गिर गए है । साथ ही हुसैनाबाद नगर पंचायत के कई घरों में पानी घुस गया है। इससे नगर पंचायत की पोल खुल गयी है ।हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र  में जीवन पुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है।साथ ही लगातार हो रही  वर्षा से सोन व कोयल नदी भी उफान पर है।  इससे नदी के तटवर्तीय गांव में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है।

देवघर में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त

लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण आमजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण लोग घर से निकल नहीं पा रहे हैं । बारिश के कारण सारवां प्रखंड क्षेत्र के पहाड़िया पंचायत अंतर्गत रोशन गांव में धनेश्वर राय का मिट्टी के घर का दीवार बारिश के कारण गिर गया।  धनेश्वर ने बताया कि उसे पीएम आवास का लाभ नहीं मिल पाया है। फिलहाल वह अपने भाई के घर में शरण लिया है।

गिरिडीह के पहाड़पुर राजधनवार स्थित पहाड़पुर पुल भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हो गया। दर्जनों गांव के लोगों को लंबी दूरी तय कर जाना होगा प्रखंड मुख्यालय।

गिरिडीह में भारी बारिश से पुल व सड़कें धंसी, आवागमन बाधित

पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से पूरा जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। करीब आधा दर्जन से अधिक पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि पेड़ गिरने से बिरनी में रांची-देवघर मार्ग दो घंटे तक जाम रहा। बिरनी, गांडेय एवं राजधनवार में एक दर्जन से अधिक मिट्टी के घर धंस गए। बराकर एवं उसरी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। राजधनवार का पहाड़पुर पल धंसने से दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है।


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